देहरादून: दून मेडिकल कॉलेज (Doon Medical College) की एसोसिएट प्रोफेसर डॉक्टर निधि उनियाल (Associate Professor Dr. Nidhi Uniyal) के साथ स्वास्थ्य सचिव (Health Secretary Pankaj Pandey) की पत्नी द्वारा किए दुर्व्यवहार के मामले (Dr Nidhi Uniyal misbehavior case) की जांच 12 दिन बाद भी कुछ आगे नहीं बढ़ पाई है. जांच किस गति से आगे बढ़ रही है, इसका अदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि अभी तक जांच अधिकारी की तरफ से मौखिक रूप में पूछताछ का पहला चरण भी पूरा नहीं किया गया है. मौजूदा स्थिति को देखते हुए तो यहीं लग रहा है कि जांच लंबी चलेगी.
उत्तराखंड स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मचाने वाले निधि उनियाल प्रकरण को लेकर सरकार की तरफ से जांच के आदेश को दिए गए थे, लेकिन अब तक इस मामले में जांच कुछ कदम भी आगे नहीं बढ़ पाई है. बता दें कि दून मेडिकल कॉलेज की एसोसिएट प्रोफेसर डॉक्टर निधि उनियाल ने सचिव स्वास्थ्य पंकज कुमार पांडे की पत्नी पर दुर्व्यवहार का आरोप लगाते हुए अपनी इस्तीफा तक दे दिया था. हालांकि सरकार ने उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने खुद इस मामले में जांच के आदेश दिए थे.
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क्या है मामला: एसोसिएट प्रोफेसर डॉक्टर निधि उनियाल का आरोप था कि कॉलेज के प्राचार्य आशुतोष सयाना के दबाव पर वह सचिव स्वास्थ्य पंकज कुमार पांडे की पत्नी को देखने के लिए उनके घर गई थी, लेकिन सचिव स्वास्थ्य पंकज कुमार पांडे की पत्नी ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया. आरोप है कि स्वास्थ्य सचिव की पत्नी ने रुआब दिखाकर उन्हें खूब भला बुरा कहा. हालांकि इसके बाद डॉक्टर निधि उनियाल वापस हॉस्पिटल लौट आई.
आरोप है कि इसके बाद सचिव स्वास्थ्य पंकज कुमार पांडे ने अपनी पावर का इस्तेमाल करते हुए आनन-फानन में उनका ट्रांसकर अल्मोड़ा के मेडिकल कॉलेज में कर दिया है और कहा कि वहां पर डॉक्टरों की कमी है. इसी बात से परेशान होकर निधि उनियाल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया और मीडिया के सामने अपना दर्द बयां किया. डॉक्टर निधि उनियाल के इस कदम से सरकार में हलचल पैदा हो गई और मुख्यमंत्री को खुद मोर्चा संभालना पड़ा. मुख्यमंत्री ने आनन-फानन में इस ट्रांसफर को कैंसिल किया और मामले की जांच के आदेश दिए. जांच का जिम्मा वरिष्ठ आईएएस अफसर अपर मुख्य सचिव मनीषा पंवार को दिया गया, वो ही इस मामले में जांच अधिकारी है, लेकिन बताया जा रहा है कि मनीषा पवार का स्वास्थ्य ठीक नहीं है और इसीलिए वह इस जांच को आगे नहीं बढ़ा पा रही है.
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डॉक्टर निधि उनियाल को 4 अप्रैल को मामले के लिए अपना पक्ष रखने के लिए बुलाया गया था, लेकिन जब डॉक्टर निधि उनियाल वहां पहुंची तो जांच अधिकारी मनीषा पवार वहां मौजूद नहीं थी. इसके बाद डॉक्टर निधि उनियाल लिखित रूप में अपना पक्ष वहां पर दे आई थी. उधर पंकज कुमार पांडे से भी विस्तृत रूप में उनका पक्ष नहीं आने की बात कही जा रही है. बताया जा रहा है कि अपर मुख्य सचिव मनीषा पंवार का स्वास्थ्य खराब होने के कारण वे कुछ दिन इस बीच सचिवालय भी नहीं पहुंची.
इस मामले को लेकर अपर मुख्य सचिव मनीषा पंवार से संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन उनसे बात नहीं हो पाई. इस मामले में स्वास्थ्य मंत्री से भी संपर्क करने की कोशिश की गई लेकिन वहां भी स्पष्ट जानकारी नहीं मिल सकी. उधर इस मामले में महिला चिकित्सक निधि उनियाल ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि वह फिलहाल जांच के खत्म होने का इंतजार कर रही हैं. उन्होंने अब तक अस्पताल में जॉइनिंग नहीं ली है और वह अपना इस्तीफे को लेकर निर्णय जांच पूरी होने के बाद ही लेंगी.
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