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चीला हादसे में घायल इंटरसेप्टर वाहन चालक अंकुश की एम्स में मौत, मृतकों की संख्या 6 पहुंची - चीला सड़क हादसा

Chilla accident Rishikesh चीला मार्ग हादसे में मृतकों की संख्या बढ़ गई है. एम्स में भर्ती इंटरसेप्टर वाहन चालक अंकुश की भी मौत हो गई है. इस तरह चीला हादसे में मृतकों की संख्या 6 हो गई है. 8 जनवरी को हुए हादसे के दिन 4 लोगों की मौत हुई थी. हादसे के बाद लापता हुई वन्य अधिकारी आलोकी का शव घटना के 4 दिन बाद मिला था.

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ऋषिकेश सड़क हादसा
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jan 16, 2024, 2:41 PM IST

देहरादून: 8 जनवरी के दिन हरिद्वार ऋषिकेश नेशनल पार्क क्षेत्र से गुजरने वाले चीला मार्ग पर हुए इंटरसेप्टर वाहन ट्रायल हादसे में मृतकों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. ऋषिकेश एम्स में भर्ती घायलों में से ही गाड़ी कंपनी के कर्मचारी अंकुश का भी निधन हो गया. अब इस हादसे में मरने वालों की कुल संख्या 6 हो गई है.

इंटरसेप्टर वाहन के ट्रायल के दौरान 8 जनवरी को अचानक गाड़ी अनियंत्रित हो गई थी. हादसे के बाद मौके पर ही चार लोगों की मौत हो गई थी जबकि एक वन्य अधिकारी आलोकी देवी का शव घटना के चार दिन बाद मिला था. घटना के बाद से ही हिमांशु गुसाईं और राकेश नौटियाल के साथ-साथ अंकुश और अमित सेमवाल जो गाड़ी के ड्राइवर थे, उनका इलाज एम्स में चल रहा था. घायलों में से तीन कर्मचारियों को 13 जनवरी को ही छुट्टी मिल गई थी. दो घायलों का इलाज एम्स में चल रहा था. डॉक्टरों की विशेष निगरानी में चल रहे इस इलाज के दौरान बताया जा रहा है कि अंकुश लाइव सपोर्ट सिस्टम पर थे. सोमवार देर रात वह जिंदगी की जंग हार गये.

अंकुश का पुलिस ने पोस्टमार्टम करवाया है. उसके बाद उनके शव को परिवार को सौंपा दिया है. लक्ष्मण झूला थाना प्रभारी रवि सैनी की मानें तो इस मामले में कार कंपनी के खिलाफ और उसके प्रबंधन के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था. इसके बारे में पुलिस पूछताछ भी कर रही है. आपको बता दें कि इस दुर्घटना में पहले ही प्रमोद ध्यानी डिप्टी रेंजर, सैफ अली खान वन कर्मचारी, कुलराज सिंह वन कर्मचारी और शैलेश घड़ियाल रेंज अधिकारी की मौत हो गई थी.

घटना के बाद प्रत्यक्षदर्शी डिप्टी रेंजर रमेश कोठियाल ने उस समय का वाकया बताया था. उन्होंने कहा था कि मैं गाड़ी से आगे आगे था. जिस वक्त ये हादसा हुआ उस वक्त एक तेज धमाके की आवाज आई. मैंने देखा कि गाड़ी पेड़ से टकरा गई है. मैं तुरंत पास पहुंचा तो कुछ लोग खाई में गिरे हुए थे तो कुछ लोग सड़क पर खून से लथपथ थे. कुछ नदी की तरफ गिरे हुए थे. गाड़ी ऊपर से खुली हुई थी. इसलिए अलग अलग दिशा में सभी लोग गिरे. मैं ये नहीं कह सकता हूं कि गाड़ी कितनी तेज स्पीड में थी. जब मैंने पीछे मुड़कर देखा तो गाड़ी पलट चुकी थी.
ये भी पढ़ें: उत्तराखंड में बड़ा हादसा, PMO उपसचिव के भाई समेत 4 वनाधिकारियों की मौत, महिला नहर में लापता, 5 घायल

देहरादून: 8 जनवरी के दिन हरिद्वार ऋषिकेश नेशनल पार्क क्षेत्र से गुजरने वाले चीला मार्ग पर हुए इंटरसेप्टर वाहन ट्रायल हादसे में मृतकों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. ऋषिकेश एम्स में भर्ती घायलों में से ही गाड़ी कंपनी के कर्मचारी अंकुश का भी निधन हो गया. अब इस हादसे में मरने वालों की कुल संख्या 6 हो गई है.

इंटरसेप्टर वाहन के ट्रायल के दौरान 8 जनवरी को अचानक गाड़ी अनियंत्रित हो गई थी. हादसे के बाद मौके पर ही चार लोगों की मौत हो गई थी जबकि एक वन्य अधिकारी आलोकी देवी का शव घटना के चार दिन बाद मिला था. घटना के बाद से ही हिमांशु गुसाईं और राकेश नौटियाल के साथ-साथ अंकुश और अमित सेमवाल जो गाड़ी के ड्राइवर थे, उनका इलाज एम्स में चल रहा था. घायलों में से तीन कर्मचारियों को 13 जनवरी को ही छुट्टी मिल गई थी. दो घायलों का इलाज एम्स में चल रहा था. डॉक्टरों की विशेष निगरानी में चल रहे इस इलाज के दौरान बताया जा रहा है कि अंकुश लाइव सपोर्ट सिस्टम पर थे. सोमवार देर रात वह जिंदगी की जंग हार गये.

अंकुश का पुलिस ने पोस्टमार्टम करवाया है. उसके बाद उनके शव को परिवार को सौंपा दिया है. लक्ष्मण झूला थाना प्रभारी रवि सैनी की मानें तो इस मामले में कार कंपनी के खिलाफ और उसके प्रबंधन के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था. इसके बारे में पुलिस पूछताछ भी कर रही है. आपको बता दें कि इस दुर्घटना में पहले ही प्रमोद ध्यानी डिप्टी रेंजर, सैफ अली खान वन कर्मचारी, कुलराज सिंह वन कर्मचारी और शैलेश घड़ियाल रेंज अधिकारी की मौत हो गई थी.

घटना के बाद प्रत्यक्षदर्शी डिप्टी रेंजर रमेश कोठियाल ने उस समय का वाकया बताया था. उन्होंने कहा था कि मैं गाड़ी से आगे आगे था. जिस वक्त ये हादसा हुआ उस वक्त एक तेज धमाके की आवाज आई. मैंने देखा कि गाड़ी पेड़ से टकरा गई है. मैं तुरंत पास पहुंचा तो कुछ लोग खाई में गिरे हुए थे तो कुछ लोग सड़क पर खून से लथपथ थे. कुछ नदी की तरफ गिरे हुए थे. गाड़ी ऊपर से खुली हुई थी. इसलिए अलग अलग दिशा में सभी लोग गिरे. मैं ये नहीं कह सकता हूं कि गाड़ी कितनी तेज स्पीड में थी. जब मैंने पीछे मुड़कर देखा तो गाड़ी पलट चुकी थी.
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