देहरादून: उत्तराखंड जल संस्थान के कर्मचारियों ने जल संस्थान और पेयजल निगम के एकीकरण कर राजकीयकरण की मांग (integration of Jal Sansthan and Jal Nigam in Uttarakhand) की है. उत्तराखंड जल संस्थान कर्मचारी संगठन सयुंक्त मोर्चा के पदाधिकारियों का कहना है कि उत्तराखंड के पड़ोसी राज्य हिमाचल प्रदेश सहित जम्मू-कश्मीर. हरियाणा, पंजाब और राजस्थान के साथ देश के 22 राज्यों में जलापूर्ति और सीवरेज व्यवस्था के संचालन के लिए एक ही राजकीय विभाग गठित है. साथ ही जल संस्थान और पेयजल निगम की और से जीवन मिशन, नमामि गंगे और विश्व बैंक पोषित कार्यों भी किए जा रहे हैं. जिसके लिए अधिकारियों और कर्मचारियों का मनोबल भी बढ़ा हुआ होना चाहिए.
उत्तराखंड जल संस्थान कर्मचारी संगठन सयुंक्त मोर्चा के रमेश बिंजोला ने बताया कि पूर्व पेयजल मंत्री स्व. प्रकाश पंत के कार्यकाल में मंत्रिमंडल की बैठक में उत्तराखंड जल संस्थान और पेयजल निगम के राजकीयकरण का प्रस्ताव रखा गया था. जिससे कर्मचारियों को उम्मीद बढ़ी थी कि अब उनकी मांग पर जल्द कार्रवाई होगी लेकिन दुर्भाग्यवश तत्कालीन पेयजल मंत्री प्रकाश पंत के निधन के कारण यह मामला अधर में ही लटक गया. जिसके बाद इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है. कर्मचारियों का कहना है कि जब देश के 22 राज्यों में यह व्यवस्था लागू है तो उत्तराखंड में ही इस व्यवस्था को लागू क्यों नहीं किया जा रहा है.
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रमेश बिंजोला ने बताया कि अब इस संबंध में एक बार फिर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को पत्र लिखकर जल संस्थान और पेयजल निगम के एकीकरण और राजकीयकरण की मांग की गई है. उन्होंने कहा कि किसी प्रकार से कर्मचारियों के वेतन व्यवस्था नियमित हो पाई है. इसलिए इसी क्रम में अगर यह मांग पूरी हो जाती है तो इससे सबको लाभ मिलेगा.