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सुलझाया था ब्लाइंड मर्डर केस, उत्तराखंड के इस पुलिस अधिकारी को गृह मंत्रालय देगा सम्मान

इंस्पेक्टर प्रदीप कुमार राणा को गृह मंत्रालय की तरफ से होम मिनिस्टर्स मेडल फॉर एक्सीलेंस इन इन्वेस्टिगेशन अवॉर्ड से सम्मानित किया जाएगा.

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उत्तराखंड पुलिस के 'जेम्स बॉन्ड' का सम्मान
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Published : Aug 12, 2021, 2:59 PM IST

Updated : Aug 12, 2021, 7:26 PM IST

देहरादून: स्वतंत्रता दिवस के मौके पर उत्तराखंड से एकमात्र पुलिस इंस्पेक्टर को जांच में उत्कृष्टता के लिए केंद्रीय गृह मंत्री पदक (Union Home Minister’s Medal for Excellence in Investigation) अवॉर्ड से सम्मानित किया जाएगा. देहरादून के थाना पटेल नगर में तैनात प्रदीप कुमार राणा को 15 अगस्त के मौके पर अवॉर्ड से सम्मानित किया जाएगा. राणा ने करीब 3 साल पहले ऋषिकेश में एक महिला ब्लाइंड मर्डर केस का इन्वेस्टिगेशन कर वर्कआउट किया था.

जिसे देखते हुए गृह मंत्रालय की ओर से उन्हें यह सम्मान दिया जा रहा है. इंस्पेक्टर प्रदीप कुमार राणा के मुताबिक लगभग 3 साल पहले थाना ऋषिकेश के अंतर्गत आने वाले लक्ष्मण झूला चौकी इलाके में एक महिला की हत्या कर दी गई थी. इस हत्याकांड में किसी तरह के सबूत और साक्ष्य नहीं मिल रहे थे.

उत्तराखंड पुलिस के 'जेम्स बॉन्ड' का सम्मान

पढ़ें- नाग पंचमी 2021: जानिए कब है नाग पंचमी, ये रहा मुहूर्त और पूजा का विधि-विधान

ऐसे केस का किया वर्कआउट: जिसके कारण ये केस कई दिनों तक लंबित रहा. ऐसे में इंस्पेक्टर प्रदीप राणा की जांच पड़ताल में मृतक महिला के कपड़ों से पहचान कर उसकी हत्या करने वाले दो आरोपियों की गिरफ्तारी की गई. इस वर्कआउट केस में सीसीटीवी फुटेज की जांच कर महिला की हत्या करने वाले दो पुरुष और एक आरोपियों की पहचान की गई.

पढ़ें- 'जामताड़ा' के साइबर अपराधी समेत पुणे से दो अरेस्ट, लोगों को लगा चुके करोड़ों की चपत

ऐसे में इन वीडियो फुटेज के आधार पर इंस्पेक्टर प्रदीप राणा ने जांच पड़ताल गहनता से की. जांच पड़ताल में हत्याकांड में एक स्कूटी का बात सामने आई. जिसके बाद स्कूटी का नंबर पता करवाया गया. जिससे पता चला कि स्कूटी ऋषिकेश में किसी से किराए पर ली गई थी. ऐसे में इंस्पेक्टर राणा के नेतृत्व में इस पूरी इन्वेस्टिगेशन को अंजाम तक पहुंचाया गया. आखिर में हत्या के आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की.

सटीक इन्वेस्टिगेशन के चलते हत्या के दोनों आरोपियों को उम्र कैद: वर्तमान में देहरादून के थाना पटेलनगर का नेतृत्व कर रहे प्रदीप कुमार राणा ने न सिर्फ मई 2018 में ऋषिकेश के लक्ष्मण झूला इलाके में एक महिला का ब्लाइंड मर्डर केस का बखूबी वर्कआउट किया, बल्कि सबूतों के अभाव के बावजूद बेस्ट इन्वेस्टिगेशन कर हत्या करने वाले अपराधियों को उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से गिरफ्तार कर कोर्ट में पर्याप्त सबूत किया. जिसके बाद दिसंबर 2020 में दोनों ही हत्यारोपियों को उम्र कैद की सजा हुई.

प्रेम प्रसंग, लेनदेन और पारिवारिक विवाद बना हत्या का कारण: इंस्पेक्टर प्रदीप राणा के मुताबिक स्कूटी सवार दोनों पुरुषों के मोबाइल नंबर पते के आधार पर उत्तर प्रदेश गोरखपुर उनके घर पहुंचा गया. जहां से दोनों आरोपी अंकित यादव और अजीत को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई. जांच पड़ताल में पता चला कि दोनों युवकों में से अंकेश यादव मृतक महिला आशा सिंह के साथ प्रेम प्रसंग के साथ चल रहा था.

रुपयों के लेन-देन व अन्य पारिवारिक मनमुटाव के चलते प्रेमी अंकित यादव ने अपने मित्र अजीत के साथ मिलकर महिला दोस्त आशा सिंह को ठिकाने लगाने का षडयंत्र रचा. ऐसे में प्रेमी अंकेश यादव और अजीत महिला को बहला-फुसलाकर घूमने के बहाने पहले यूपी गोरखपुर से हरिद्वार लेकर आए. फिर हरिद्वार से उन्होंने एक किराए की स्कूटी ली. जिस पर सवार होकर दोनों युवक महिला को लेकर ऋषिकेश नीलकंठ मंदिर घुमाने के बहाने मंदिर जाने वाले जंगल के सुनसान रास्ते पर लाए. जहां अंकित यादव और अजीत ने महिला आशा सिंह के सिर पर गोली मारकर उसकी हत्या कर दी.

2018 से दिया जा रहा मेडल: किसी भी अपराध की जांच में उच्च मानकों को स्थापित करके पेशेवर रवैये को बढ़ाने, ईमानदारी, कर्त्तव्यनिष्ठा व काम से असाधारण साहस का परिचय देने वाले पुलिस कर्मियों को यह मेडल 2018 से दिया जा रहा है.

इस पदक का उद्देश्य पुलिसर्मियों को प्रोत्साहित करना है. 2018 में तत्कालीन केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने पुलिसकर्मियों को प्रोत्साहित करने के लिए पांच पुलिस पदक शुरू किए थे. इसमें विशेष संचालन पदक, पुलिस आंतरिक सुरक्षा सेवा पदक, असाधारण कुशलता पदक, उत्कृष्ट एवं अति उत्कृष्ट सेवा पदक और जांच में उत्कृष्टता पदक शामिल हैं.

देहरादून: स्वतंत्रता दिवस के मौके पर उत्तराखंड से एकमात्र पुलिस इंस्पेक्टर को जांच में उत्कृष्टता के लिए केंद्रीय गृह मंत्री पदक (Union Home Minister’s Medal for Excellence in Investigation) अवॉर्ड से सम्मानित किया जाएगा. देहरादून के थाना पटेल नगर में तैनात प्रदीप कुमार राणा को 15 अगस्त के मौके पर अवॉर्ड से सम्मानित किया जाएगा. राणा ने करीब 3 साल पहले ऋषिकेश में एक महिला ब्लाइंड मर्डर केस का इन्वेस्टिगेशन कर वर्कआउट किया था.

जिसे देखते हुए गृह मंत्रालय की ओर से उन्हें यह सम्मान दिया जा रहा है. इंस्पेक्टर प्रदीप कुमार राणा के मुताबिक लगभग 3 साल पहले थाना ऋषिकेश के अंतर्गत आने वाले लक्ष्मण झूला चौकी इलाके में एक महिला की हत्या कर दी गई थी. इस हत्याकांड में किसी तरह के सबूत और साक्ष्य नहीं मिल रहे थे.

उत्तराखंड पुलिस के 'जेम्स बॉन्ड' का सम्मान

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ऐसे केस का किया वर्कआउट: जिसके कारण ये केस कई दिनों तक लंबित रहा. ऐसे में इंस्पेक्टर प्रदीप राणा की जांच पड़ताल में मृतक महिला के कपड़ों से पहचान कर उसकी हत्या करने वाले दो आरोपियों की गिरफ्तारी की गई. इस वर्कआउट केस में सीसीटीवी फुटेज की जांच कर महिला की हत्या करने वाले दो पुरुष और एक आरोपियों की पहचान की गई.

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ऐसे में इन वीडियो फुटेज के आधार पर इंस्पेक्टर प्रदीप राणा ने जांच पड़ताल गहनता से की. जांच पड़ताल में हत्याकांड में एक स्कूटी का बात सामने आई. जिसके बाद स्कूटी का नंबर पता करवाया गया. जिससे पता चला कि स्कूटी ऋषिकेश में किसी से किराए पर ली गई थी. ऐसे में इंस्पेक्टर राणा के नेतृत्व में इस पूरी इन्वेस्टिगेशन को अंजाम तक पहुंचाया गया. आखिर में हत्या के आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की.

सटीक इन्वेस्टिगेशन के चलते हत्या के दोनों आरोपियों को उम्र कैद: वर्तमान में देहरादून के थाना पटेलनगर का नेतृत्व कर रहे प्रदीप कुमार राणा ने न सिर्फ मई 2018 में ऋषिकेश के लक्ष्मण झूला इलाके में एक महिला का ब्लाइंड मर्डर केस का बखूबी वर्कआउट किया, बल्कि सबूतों के अभाव के बावजूद बेस्ट इन्वेस्टिगेशन कर हत्या करने वाले अपराधियों को उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से गिरफ्तार कर कोर्ट में पर्याप्त सबूत किया. जिसके बाद दिसंबर 2020 में दोनों ही हत्यारोपियों को उम्र कैद की सजा हुई.

प्रेम प्रसंग, लेनदेन और पारिवारिक विवाद बना हत्या का कारण: इंस्पेक्टर प्रदीप राणा के मुताबिक स्कूटी सवार दोनों पुरुषों के मोबाइल नंबर पते के आधार पर उत्तर प्रदेश गोरखपुर उनके घर पहुंचा गया. जहां से दोनों आरोपी अंकित यादव और अजीत को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई. जांच पड़ताल में पता चला कि दोनों युवकों में से अंकेश यादव मृतक महिला आशा सिंह के साथ प्रेम प्रसंग के साथ चल रहा था.

रुपयों के लेन-देन व अन्य पारिवारिक मनमुटाव के चलते प्रेमी अंकित यादव ने अपने मित्र अजीत के साथ मिलकर महिला दोस्त आशा सिंह को ठिकाने लगाने का षडयंत्र रचा. ऐसे में प्रेमी अंकेश यादव और अजीत महिला को बहला-फुसलाकर घूमने के बहाने पहले यूपी गोरखपुर से हरिद्वार लेकर आए. फिर हरिद्वार से उन्होंने एक किराए की स्कूटी ली. जिस पर सवार होकर दोनों युवक महिला को लेकर ऋषिकेश नीलकंठ मंदिर घुमाने के बहाने मंदिर जाने वाले जंगल के सुनसान रास्ते पर लाए. जहां अंकित यादव और अजीत ने महिला आशा सिंह के सिर पर गोली मारकर उसकी हत्या कर दी.

2018 से दिया जा रहा मेडल: किसी भी अपराध की जांच में उच्च मानकों को स्थापित करके पेशेवर रवैये को बढ़ाने, ईमानदारी, कर्त्तव्यनिष्ठा व काम से असाधारण साहस का परिचय देने वाले पुलिस कर्मियों को यह मेडल 2018 से दिया जा रहा है.

इस पदक का उद्देश्य पुलिसर्मियों को प्रोत्साहित करना है. 2018 में तत्कालीन केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने पुलिसकर्मियों को प्रोत्साहित करने के लिए पांच पुलिस पदक शुरू किए थे. इसमें विशेष संचालन पदक, पुलिस आंतरिक सुरक्षा सेवा पदक, असाधारण कुशलता पदक, उत्कृष्ट एवं अति उत्कृष्ट सेवा पदक और जांच में उत्कृष्टता पदक शामिल हैं.

Last Updated : Aug 12, 2021, 7:26 PM IST
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