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बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष ने किया गुरुकुल का निरीक्षण, प्रबंधन को लगाई जमकर फटकार

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Published : Apr 10, 2019, 6:10 PM IST

बीते रोज ऋषिकेश के बीरपुर खुर्द स्थित परमार्थ गुरुकुल में पढ़ने वाला एक छात्र पिटाई के डर से गुरुकुल से भाग निकला था. वहीं, इस मामले की शिकायत मिलने के बाद बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष ऊषा नेगी गुरुकुल का निरीक्षण करने पहुंची थी.

गुरुकुल का निरीक्षण करने पहुंची ऊषा नेगी.

ऋषिकेश: छात्र की पिटाई का मामला सामने आने के बाद बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष ऊषा नेगी आज परमार्थ गुरुकुल का निरीक्षण करने के लिए पहुंची. जहां बच्चों ने उन्होंने बातचीत में बताया कि उनके साथ शिक्षक मारपीट करते हैं. जिसके बाद इस मामले में ऊषा नेगी ने गुरुकुल प्रबंधन को जमकर फटकार लगाई. वहीं, साल 2005 में भी गुरुकुल में एक छात्र की गंगा में डूबने से मौत हो गई थी. बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष ने कहा कि इस पूरे मामले की गंभीरता से जांच की जाएगी.

ऊषा नेगी परमार्थ गुरुकुल ऋषिकेश का किया निरीक्षण.

बता दें कि ऋषिकेश स्थित परमार्थ गुरुकुल में पढ़ने वाले छात्र से मारपीट को लेकर जब अरोपी शिक्षक प्रभात से बातचीत की गई, तो उन्होंने छात्र द्वारा लगाए गए सभी आरोपों को निराधार बताया. उनका कहना है कि बच्चे का एडमिशन अभी कुछ दिन पहले ही गुरुकुल में हुआ है. वह 12 साल का है और समझदार है. वह यहां नहीं पढ़ना चाहता इसलिए वह यहां से भाग निकलना चाहता है.

वहीं, गुरुकुल की इंचार्ज नंदु बाला व्यास से जब 2005 में बारहवीं कक्षा में पढ़ने वाले छात्र की मौत के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि खाना खाने के बाद सभी छात्र गंगा में नहाने गए थे. इस दौरान कुमाऊं के रहने वाले शरद नाम के एक छात्र की गंगा में डूबने से मौत हो गई थी.

पढ़ें- राज दरबार से जनता दरबार तक, टिहरी लोकसभा सीट का पूरा गुणा-भाग

गौरतलब है कि बीते रोज ऋषिकेश के बीरपुर खुर्द स्थित परमार्थ गुरुकुल में पढ़ने वाला एक छात्र पिटाई के डर से गुरुकुल से भाग निकला था. वहीं, इस मामले की शिकायत मिलने के बाद बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष ऊषा नेगी गुरुकुल का निरीक्षण करने पहुंची थी. उन्होंने पीड़ित छात्र के साथ-साथ अन्य छात्रों से बातचीत भी की. ऊषा नेगी को छात्रों ने बातचीत में बताया कि बीते रोज शिक्षक ने छात्र की पिटाई की थी. जिसके बाद वह डर के कारण गुरुकुल से भाग गया था. साथ ही उन्होंने पाया कि यहां पर बच्चे अपने टॉयलेट और कपड़ों की साफ-सफाई खुद ही करते हैं.

इस पूरे मामले पर बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष ऊषा नेगी ने कहा कि गुरुकुल प्रशासन को हिदायत दी की इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो. उन्होंने गुरुकुल प्रशासन को निर्देश दिए हैं कि सभी छात्रों की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम सुनिश्चित किये जाएं. वहीं, साल 2005 में परमार्थ गुरुकुल में पढ़ने वाले एक छात्र की गंगा में डूबने से मौत पर उन्होंने कहा कि यह मामला उनके संज्ञान में नहीं था. लेकिन चूंकि अब मामला उनके सामने आया है तो इस मामले की जांच कराई जाएगी.

ऋषिकेश: छात्र की पिटाई का मामला सामने आने के बाद बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष ऊषा नेगी आज परमार्थ गुरुकुल का निरीक्षण करने के लिए पहुंची. जहां बच्चों ने उन्होंने बातचीत में बताया कि उनके साथ शिक्षक मारपीट करते हैं. जिसके बाद इस मामले में ऊषा नेगी ने गुरुकुल प्रबंधन को जमकर फटकार लगाई. वहीं, साल 2005 में भी गुरुकुल में एक छात्र की गंगा में डूबने से मौत हो गई थी. बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष ने कहा कि इस पूरे मामले की गंभीरता से जांच की जाएगी.

ऊषा नेगी परमार्थ गुरुकुल ऋषिकेश का किया निरीक्षण.

बता दें कि ऋषिकेश स्थित परमार्थ गुरुकुल में पढ़ने वाले छात्र से मारपीट को लेकर जब अरोपी शिक्षक प्रभात से बातचीत की गई, तो उन्होंने छात्र द्वारा लगाए गए सभी आरोपों को निराधार बताया. उनका कहना है कि बच्चे का एडमिशन अभी कुछ दिन पहले ही गुरुकुल में हुआ है. वह 12 साल का है और समझदार है. वह यहां नहीं पढ़ना चाहता इसलिए वह यहां से भाग निकलना चाहता है.

वहीं, गुरुकुल की इंचार्ज नंदु बाला व्यास से जब 2005 में बारहवीं कक्षा में पढ़ने वाले छात्र की मौत के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि खाना खाने के बाद सभी छात्र गंगा में नहाने गए थे. इस दौरान कुमाऊं के रहने वाले शरद नाम के एक छात्र की गंगा में डूबने से मौत हो गई थी.

पढ़ें- राज दरबार से जनता दरबार तक, टिहरी लोकसभा सीट का पूरा गुणा-भाग

गौरतलब है कि बीते रोज ऋषिकेश के बीरपुर खुर्द स्थित परमार्थ गुरुकुल में पढ़ने वाला एक छात्र पिटाई के डर से गुरुकुल से भाग निकला था. वहीं, इस मामले की शिकायत मिलने के बाद बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष ऊषा नेगी गुरुकुल का निरीक्षण करने पहुंची थी. उन्होंने पीड़ित छात्र के साथ-साथ अन्य छात्रों से बातचीत भी की. ऊषा नेगी को छात्रों ने बातचीत में बताया कि बीते रोज शिक्षक ने छात्र की पिटाई की थी. जिसके बाद वह डर के कारण गुरुकुल से भाग गया था. साथ ही उन्होंने पाया कि यहां पर बच्चे अपने टॉयलेट और कपड़ों की साफ-सफाई खुद ही करते हैं.

इस पूरे मामले पर बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष ऊषा नेगी ने कहा कि गुरुकुल प्रशासन को हिदायत दी की इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो. उन्होंने गुरुकुल प्रशासन को निर्देश दिए हैं कि सभी छात्रों की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम सुनिश्चित किये जाएं. वहीं, साल 2005 में परमार्थ गुरुकुल में पढ़ने वाले एक छात्र की गंगा में डूबने से मौत पर उन्होंने कहा कि यह मामला उनके संज्ञान में नहीं था. लेकिन चूंकि अब मामला उनके सामने आया है तो इस मामले की जांच कराई जाएगी.

Intro:ऋषिकेश-- ऋषिकेश परमार्थ गुरुकुल में छात्र की पिटाई का मामला सामने आने के बाद बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष ऊषा नेगी आज परमार्थ गुरुकुल का निरीक्षण करने के लिए पहुंची जहां पर उन्होंने बच्चों से बात करने के बाद पाया की बच्चे की पिटाई हुई थी वहीं एक और मामला संज्ञान में आया की 2005 में भी एक छात्र की गंगा में डूबने से मौत हो गई थी बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष ने कहा कि इस मामले की गंभीरता से जांच की जाएगी।


Body:वी/ओ-- आज छात्र के पढ़ाई के मामले को लेकर जब आरोपी शिक्षक प्रभात से बात की गई तो प्रभात ने नाबालिक बच्चे द्वारा दिए गए बयान को पूरी तरह गलत बताते हुए कहां की पब्लिक के समझाने पर बच्चे ने इस तरह का बयान दिया, साथ ही शिक्षक प्रभात ने यह भी कहा कि वह बच्चा 12 वर्ष का है और समझदार है वह यहां पर रहकर पढ़ाई करना नहीं चाहता था यही कारण है कि उसने यहां से भाग निकलने की प्लानिंग की, आरोपी शिक्षक ने उल्टा ही मीडिया पर भी आरोप लगाने शुरू कर दिए।

बाईट--प्रभात(आरोपी शिक्षक)

वी/ओ--गुरुकुल के इंचार्ज नंदू बाला व्यास से 2005 में बारहवीं कक्षा में पढ़ने वाले छात्र की मौत के बारे में पूछा गया था इंचार्ज का कहना था कि खाना खाने के बाद सभी छात्र गंगा में नहाने गए थे जहां पर कुमाऊ के रहने वाले शरद नाम के छात्र की गंगा में डूबने से मौत हो गई थी ।

बाईट--नंदुबाला व्यास(परमार्थ गुरुकुल इंचार्ज)


Conclusion:वी/ओ-- ऋषिकेश के बीरपुर खुर्द स्थित परमार्थ गुरुकुल में बीते रोज एक छात्र पिटाई के डर से गुरु से भाग निकला था इस मामले की शिकायत मिलने के बाद बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष ऊषा नेगी गुरुकुल जांच करने के लिए पहुंची जहां पर उन्होंने पीड़ित छात्र के साथ साथ और भी छात्रों से बात की तो उन्होंने पाया कि छात्र की पिटाई हुई थी साथ ही उन्होंने पाया कि यहां पर बच्चे अपने टॉयलेट अपने कपड़े और साफ सफाई का काम भी करते हैं इस पूरे मामले पर बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष ने गुरुकुल प्रशासन को हिदायत दी की इस तरह का वाकया दोबारा ना दोहराया जाए वहीं उन्होंने बताया कि गुरुकुल में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम ना होने के कारण छात्र 3 घंटे तक गुरुकुल से बाहर आ ऐसे मे वे छात्र किसी भी गलत हाथों में पड़ सकता था इसको लेकर भी उन्होंने गुरुकुल प्रशासन को फटकार लगाई। वर्ष 2005 में परमार्थ गुरुकुल में पढ़ाई करने वाले एक छात्र की गंगा में डूबने से मौत हो गई थी इस मामले की जानकारी मिलने के बाद अध्यक्ष ने कहा कि यह मामला उनके संज्ञान में नहीं था लेकिन अब मामला सामने आया है चूंकि यह मामला गंभीर है इसकी पूरी तरह से जांच की जाएगी।

बाईट--ऊषा नेगी(बालसंरक्षण आयोग,अध्यक्ष)
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