ऋषिकेश: छात्र की पिटाई का मामला सामने आने के बाद बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष ऊषा नेगी आज परमार्थ गुरुकुल का निरीक्षण करने के लिए पहुंची. जहां बच्चों ने उन्होंने बातचीत में बताया कि उनके साथ शिक्षक मारपीट करते हैं. जिसके बाद इस मामले में ऊषा नेगी ने गुरुकुल प्रबंधन को जमकर फटकार लगाई. वहीं, साल 2005 में भी गुरुकुल में एक छात्र की गंगा में डूबने से मौत हो गई थी. बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष ने कहा कि इस पूरे मामले की गंभीरता से जांच की जाएगी.
बता दें कि ऋषिकेश स्थित परमार्थ गुरुकुल में पढ़ने वाले छात्र से मारपीट को लेकर जब अरोपी शिक्षक प्रभात से बातचीत की गई, तो उन्होंने छात्र द्वारा लगाए गए सभी आरोपों को निराधार बताया. उनका कहना है कि बच्चे का एडमिशन अभी कुछ दिन पहले ही गुरुकुल में हुआ है. वह 12 साल का है और समझदार है. वह यहां नहीं पढ़ना चाहता इसलिए वह यहां से भाग निकलना चाहता है.
वहीं, गुरुकुल की इंचार्ज नंदु बाला व्यास से जब 2005 में बारहवीं कक्षा में पढ़ने वाले छात्र की मौत के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि खाना खाने के बाद सभी छात्र गंगा में नहाने गए थे. इस दौरान कुमाऊं के रहने वाले शरद नाम के एक छात्र की गंगा में डूबने से मौत हो गई थी.
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गौरतलब है कि बीते रोज ऋषिकेश के बीरपुर खुर्द स्थित परमार्थ गुरुकुल में पढ़ने वाला एक छात्र पिटाई के डर से गुरुकुल से भाग निकला था. वहीं, इस मामले की शिकायत मिलने के बाद बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष ऊषा नेगी गुरुकुल का निरीक्षण करने पहुंची थी. उन्होंने पीड़ित छात्र के साथ-साथ अन्य छात्रों से बातचीत भी की. ऊषा नेगी को छात्रों ने बातचीत में बताया कि बीते रोज शिक्षक ने छात्र की पिटाई की थी. जिसके बाद वह डर के कारण गुरुकुल से भाग गया था. साथ ही उन्होंने पाया कि यहां पर बच्चे अपने टॉयलेट और कपड़ों की साफ-सफाई खुद ही करते हैं.
इस पूरे मामले पर बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष ऊषा नेगी ने कहा कि गुरुकुल प्रशासन को हिदायत दी की इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो. उन्होंने गुरुकुल प्रशासन को निर्देश दिए हैं कि सभी छात्रों की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम सुनिश्चित किये जाएं. वहीं, साल 2005 में परमार्थ गुरुकुल में पढ़ने वाले एक छात्र की गंगा में डूबने से मौत पर उन्होंने कहा कि यह मामला उनके संज्ञान में नहीं था. लेकिन चूंकि अब मामला उनके सामने आया है तो इस मामले की जांच कराई जाएगी.