देहरादून: ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने मुसलमानों से समान नागरिक संहिता का विरोध करने की अपील की है. इसी कड़ी में देहरादून की माजरा मस्जिद में यूसीसी को लेकर मुस्लिम समुदाय को जानकारी दी जा रही है. साथ ही उनसे यूनिफॉर्म सिविल कोड के खिलाफ अपनी राय रखने के लिए कहा गया.
यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने मुस्लिम समुदाय को इसका विरोध करने की अपील की. इसका असर देहरादून की मस्जिदों में भी दिखाई दिया. देहरादून की माजरा मस्जिद में दिन की नमाज से पहले नमाजियों को यूनिफॉर्म सिविल कोड के बारे में बताया गया. समान नागरिक संहिता के विरोध में अपना पक्ष रखने के लिए कहा गया. इसमें मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने देश में यूजीसी की जरूरत नहीं होने की बात कही. उसको लेकर देशभर में मुसलमानों को इसके बारे में जानकारी देने के लिए भी कहा है.
उधर, दूसरी तरफ विधि आयोग की तरफ से देश के नागरिकों को समान नागरिक संहिता की राय मांगी गई है. इसके लिए तमाम लोग आयोग को अपना जवाब और राय भेज रहे हैं. इसी कड़ी में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने बकायदा पत्र जारी करते हुए मुस्लिम समुदाय को इस मामले में अपनी राय देने के लिए कहा है. साथ ही इस मामले में अपना विरोध दर्ज करने के लिए भी कहा है.
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समान नागरिक संहिता कानून की खुलकर वकालत की थी. इसके अलावा उत्तराखंड द्वारा गठित की गई कमेटी भी अपना ड्राफ्ट जल्द सबमिट करने जा रही है. इसी दिशा में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने भी पत्र लिखते हुए इसे मुस्लिम समुदाय की धार्मिक और सांस्कृतिक स्वतंत्रता के खिलाफ बताया है. इसी को लेकर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने देश भर में मुस्लिम समुदाय को ना आयोग में अपनी राय लिखने के लिए कहा है. मजार में मौजूद मस्जिद के इमाम कहते हैं कि उन्हें संदेश मिला है. इसी बिना पर उन्होंने लोगों से अपील की है. उन्होंने कहा वे यूनिफॉर्म सिविल कोड के से विरोध में है. उन्होंने कहा जो व्यवस्था चली आ रही है उसी को रखा जाना चाहिए.