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सरकार कर रही कृषि विधेयक 2020 की सराहना, किसान असंतुष्ट

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत समेत उत्तराखंड के मंत्री जहां कृषि विधेयकों की जमकर सराहना कर रहे हैं तो वहीं, प्रदेश के किसान कृषि विधेयकों का विरोध कर रहे हैं. भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष का कहना है कि इस बिल के आने से मंडियां खत्म हो जाएंगी.

Dehradun Agriculture Bill
देहरादून न्यूज
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Published : Sep 24, 2020, 5:31 PM IST

देहरादून: केंद्र सरकार द्वारा किसानों के लिए लाए गए 3 कृषि विधेयकों को लेकर एक तरफ देशभर में कई तरह के सवाल खड़े किए जा रहे हैं. तो वहीं, के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत समेत कई मंत्री इस कृषि विधेयकों को किसान हित का बताते हुए सराहना कर रहे हैं.

राजधानी देहरादून स्थित प्रेस क्लब में कैबिनेट मंत्री अरविंद पांडे ने कृषि विधेयक 2020 को लेकर अपनी बात रखी. साथ ही विपक्षी दल कांग्रेस पर भी जमकर प्रहार किए. कृषि विधेयक पर को लेकर पांडे ने कहा कि यह विधेयक किसानों की आय दोगुनी करने वाला है. इसके माध्यम से अब देश के किसान अपनी फसल को अपनी सहूलियत और मूल्य के हिसाब से मंडी से बाहर देश में कहीं भी बेच सकेंगे.

सरकार कर रही कृषि विधेयक 2020 की सराहना.

धीरे-धीरे खत्म हो जाएंगी मंडियां- अरुण शर्मा

वहीं, कृषि विधेयक को लेकर किसानों को यह डर सता रहा है कि इस विधेयक के चलते धीरे-धीरे मंडियां खत्म होने लग जाएंगी. भारतीय किसान यूनियन (तोमर) उत्तराखंड के प्रदेश प्रवक्ता अरुण शर्मा के मुताबिक केंद्र सरकार द्वारा किसानों के लिए जो कृषि विधेयक लाया जा रहा है. यह किसानों की आय दोगुनी करने के लिए कागजों में बेहतर जरूर लग रहा है, लेकिन धरातल पर इसे लागू करने के लिए हर प्रदेश में एक विशेष समिति बनाई जानी चाहिए. जिसमें एक किसानों के प्रतिनिधि को भी शामिल किया जाना चाहिए. तभी इस विधेयक में किसानों के पक्ष को देखते हुए सुधार हो सकेगा. अन्यथा पिछली सरकारों द्वारा लाए गए अन्य किसान हित योजनाओं की तरह ही इस विधेयक से भी किसानों को कोई लाभ नहीं पहुंच सकेगा.

पढ़ें- रुद्रपुर कोतवाली पुलिस ने नीलाम की बाइक, पीड़ित ने SSP से लगाई गुहार

बड़े व्यापारियों के दबाव में आ जाएंगे किसान- अनिल कुकरेती

भारतीय किसान संघ के सदस्य अनिल कुकरेती के मुताबिक यह विधेयक पूरी तरह किसानों का शोषण करने वाला है. इससे किसानों को किसी तरह का लाभ नहीं पहुंचने वाला बल्कि इस विधेयक में मौजूद कुछ प्रावधानों की वजह से किसान पूरी तरह बड़े व्यापारियों के दबाव में आ जाएंगे. साथ ही किसानों को उनके हक का पैसा भी नहीं मिल पाएगा. यही कारण है कि भारतीय किसान संघ ने न्याय पंचायत स्तर पर लाखों हस्ताक्षर करा कर इस बिल में संशोधन को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र भेजा है.

नए कृषि बिल में ये हैं प्रावधान

बता दें, इस विधेयक में एक ऐसा प्रावधान है, जिससे किसानों और व्यापारियों को मंडी से बाहर फसल बेचने की आजादी होगी. वहीं, प्रावधानों में राज्य के अंदर और दो राज्य के बीच व्यापार को बढ़ावा देने की भी बात कही गई है. इसमें मार्केटिंग और ट्रांसपोर्टेशन पर खर्च कम करने का भी उल्लेख है.

देहरादून: केंद्र सरकार द्वारा किसानों के लिए लाए गए 3 कृषि विधेयकों को लेकर एक तरफ देशभर में कई तरह के सवाल खड़े किए जा रहे हैं. तो वहीं, के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत समेत कई मंत्री इस कृषि विधेयकों को किसान हित का बताते हुए सराहना कर रहे हैं.

राजधानी देहरादून स्थित प्रेस क्लब में कैबिनेट मंत्री अरविंद पांडे ने कृषि विधेयक 2020 को लेकर अपनी बात रखी. साथ ही विपक्षी दल कांग्रेस पर भी जमकर प्रहार किए. कृषि विधेयक पर को लेकर पांडे ने कहा कि यह विधेयक किसानों की आय दोगुनी करने वाला है. इसके माध्यम से अब देश के किसान अपनी फसल को अपनी सहूलियत और मूल्य के हिसाब से मंडी से बाहर देश में कहीं भी बेच सकेंगे.

सरकार कर रही कृषि विधेयक 2020 की सराहना.

धीरे-धीरे खत्म हो जाएंगी मंडियां- अरुण शर्मा

वहीं, कृषि विधेयक को लेकर किसानों को यह डर सता रहा है कि इस विधेयक के चलते धीरे-धीरे मंडियां खत्म होने लग जाएंगी. भारतीय किसान यूनियन (तोमर) उत्तराखंड के प्रदेश प्रवक्ता अरुण शर्मा के मुताबिक केंद्र सरकार द्वारा किसानों के लिए जो कृषि विधेयक लाया जा रहा है. यह किसानों की आय दोगुनी करने के लिए कागजों में बेहतर जरूर लग रहा है, लेकिन धरातल पर इसे लागू करने के लिए हर प्रदेश में एक विशेष समिति बनाई जानी चाहिए. जिसमें एक किसानों के प्रतिनिधि को भी शामिल किया जाना चाहिए. तभी इस विधेयक में किसानों के पक्ष को देखते हुए सुधार हो सकेगा. अन्यथा पिछली सरकारों द्वारा लाए गए अन्य किसान हित योजनाओं की तरह ही इस विधेयक से भी किसानों को कोई लाभ नहीं पहुंच सकेगा.

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बड़े व्यापारियों के दबाव में आ जाएंगे किसान- अनिल कुकरेती

भारतीय किसान संघ के सदस्य अनिल कुकरेती के मुताबिक यह विधेयक पूरी तरह किसानों का शोषण करने वाला है. इससे किसानों को किसी तरह का लाभ नहीं पहुंचने वाला बल्कि इस विधेयक में मौजूद कुछ प्रावधानों की वजह से किसान पूरी तरह बड़े व्यापारियों के दबाव में आ जाएंगे. साथ ही किसानों को उनके हक का पैसा भी नहीं मिल पाएगा. यही कारण है कि भारतीय किसान संघ ने न्याय पंचायत स्तर पर लाखों हस्ताक्षर करा कर इस बिल में संशोधन को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र भेजा है.

नए कृषि बिल में ये हैं प्रावधान

बता दें, इस विधेयक में एक ऐसा प्रावधान है, जिससे किसानों और व्यापारियों को मंडी से बाहर फसल बेचने की आजादी होगी. वहीं, प्रावधानों में राज्य के अंदर और दो राज्य के बीच व्यापार को बढ़ावा देने की भी बात कही गई है. इसमें मार्केटिंग और ट्रांसपोर्टेशन पर खर्च कम करने का भी उल्लेख है.

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