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केदारनाथ आपदा: वायुसेना ने त्रिवेंद्र सरकार से मांगा रेस्क्यू ऑपरेशन का पैसा, 20 करोड़ है बकाया - वायुसेना

भारतीय वायुसेना ने 2013 में आई आपदा के दौरान बडे़ पैमाने पर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया था. इस दौरान उत्तराखंड सरकार ने वायुसेना के साथ एक MOU भी साइन किया था.

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Published : Jul 31, 2019, 10:51 PM IST

देहरादून: साल 2013 में आपदा के दौरान केदारनाथ, बदरीनाथ और हेमकुंड साहिब में फंसे यात्रियों को निकालने में भारतीय वायुसेना का बड़ा योगदान रहा था. इस दौरान उत्तराखंड सरकार और वायुसेना के बीच एक समझौता हुआ था. जिसके तहत बचाव कार्य के एवज में उत्तराखंड सरकार को 20 करोड़ रुपये का भुगतान करना था, लेकिन 6 साल बीत जाने के बाद भी आज तक सरकार ने भुगतान नहीं किया. जिस वजह से अब वायुसेना ने उत्तराखंड शासन को पत्र भेजकर हिसाब मांगा है.

रेस्क्यू ऑपरेशन के भुगतान के लिए वायुसेना ने भेजा 20 करोड़ का बिल.

वायुसेना के हिसाब मांगने के बाद ही शासन स्तर पर हलचल तेज हो गयी है. इसके साथ ही चमोली जिला प्रशासन को बीते 6 सालों के दौरान इस्तेमाल किये गए वायुसेना के हेलीकॉप्टर और अन्य व्यय की रिपोर्ट मांगी गई है.

यह भी पढे़ं: कांजी हाउस में एक महीने में 105 गायों की मौत, 'राष्ट्रमाता' का दर्जा देने वाली त्रिवेंद्र सरकार बेखबर

आपको बाद दें कि आपदा के बाद से कई मर्तबा वायुसेना ने उत्तराखंड में राहत एवं बचाव कार्य चलाया था. जिसका लगभग 20 करोड़ रुपये राज्य सरकार को भुगतान करना है. जिसको लेकर शासन-प्रशासन में कामकाज की रफ्तार तेज होने लगी है.

पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने बताया कि आपदा के समय राहत बचाव कार्य के लिए वायु सेना के हेलीकॉप्टरों का प्रयोग किया गया था. उस दौरान एक एमओयू तय किया गया था. जिसके तहत ही आपदा के दौरान वायुसेना ने सेवाएं दी थी. जिसको लेकर अब वायुसेना ने अपना भुगतान मांगा है.

वहीं इससे पहले भी भुगतान को लेकर शासन स्तर पर हुई बैठक में निर्णय हो चुका है. लगभग 17 करोड़ का भुगतान आपदा विभाग द्वारा किया जाएगा. करीब 3 करोड़ का भुगतान सिविल एविएशन कॉर्पोरेशन माध्यम से किया जाएगा. जिसको देखते हुए बजट की व्यवस्था की जा रही है, साथ ही कहा कि जल्द ही संतोषजनक हल निकाला जाएगा.

देहरादून: साल 2013 में आपदा के दौरान केदारनाथ, बदरीनाथ और हेमकुंड साहिब में फंसे यात्रियों को निकालने में भारतीय वायुसेना का बड़ा योगदान रहा था. इस दौरान उत्तराखंड सरकार और वायुसेना के बीच एक समझौता हुआ था. जिसके तहत बचाव कार्य के एवज में उत्तराखंड सरकार को 20 करोड़ रुपये का भुगतान करना था, लेकिन 6 साल बीत जाने के बाद भी आज तक सरकार ने भुगतान नहीं किया. जिस वजह से अब वायुसेना ने उत्तराखंड शासन को पत्र भेजकर हिसाब मांगा है.

रेस्क्यू ऑपरेशन के भुगतान के लिए वायुसेना ने भेजा 20 करोड़ का बिल.

वायुसेना के हिसाब मांगने के बाद ही शासन स्तर पर हलचल तेज हो गयी है. इसके साथ ही चमोली जिला प्रशासन को बीते 6 सालों के दौरान इस्तेमाल किये गए वायुसेना के हेलीकॉप्टर और अन्य व्यय की रिपोर्ट मांगी गई है.

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आपको बाद दें कि आपदा के बाद से कई मर्तबा वायुसेना ने उत्तराखंड में राहत एवं बचाव कार्य चलाया था. जिसका लगभग 20 करोड़ रुपये राज्य सरकार को भुगतान करना है. जिसको लेकर शासन-प्रशासन में कामकाज की रफ्तार तेज होने लगी है.

पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने बताया कि आपदा के समय राहत बचाव कार्य के लिए वायु सेना के हेलीकॉप्टरों का प्रयोग किया गया था. उस दौरान एक एमओयू तय किया गया था. जिसके तहत ही आपदा के दौरान वायुसेना ने सेवाएं दी थी. जिसको लेकर अब वायुसेना ने अपना भुगतान मांगा है.

वहीं इससे पहले भी भुगतान को लेकर शासन स्तर पर हुई बैठक में निर्णय हो चुका है. लगभग 17 करोड़ का भुगतान आपदा विभाग द्वारा किया जाएगा. करीब 3 करोड़ का भुगतान सिविल एविएशन कॉर्पोरेशन माध्यम से किया जाएगा. जिसको देखते हुए बजट की व्यवस्था की जा रही है, साथ ही कहा कि जल्द ही संतोषजनक हल निकाला जाएगा.

Intro:साल 2013 में आयी आपदा के दौरान केदारनाथ, बद्रीनाथ और हेमकुण्ड साहिब में फसे यात्रियों को निकालने में भारतीय वायु सेना का बड़ा योगदान रहा है। और उस दौरान उत्तराखंड सरकार और वायु सेना का एक समझौता हुआ था। उसके तहत आपदा राहत, और बचाव कार्य के एवज में उत्तराखंड सरकार को करीब 20 करोड़ रुपये का भुकतान किया जाना है। हालांकि साल 2013 में आयी आपदा को 6 साल बीत गया है, लेकिन अभी तक राज्य सरकार, वायु सेना को भुकतान नही कर पाई, जिसके चलते वायु सेना ने उत्तराखंड शासन को पत्र भेजकर अपना हिसाब मंगा है। 


Body:वायु सेना के हिसाब मांगे के बाद ही शासन स्तर पर हलचल तेज हो गयी है। इसके साथ ही चमोली जिला प्रशासन को बीते 6 सालों के दौरान इस्तेमाल किये गए वायु सेना के हेलीकॉप्टर और अन्य व्यय का रिपोर्ट मंगा है। आपको बाद दे कि आपदा और आपदा के बाद से कई मर्तबा वायु सेना ने उत्तराखंड में राहत, बचाव कार्य किये है। जिसका लगभग 20 करोड़ रुपये राज्य सरकार को भुकतान करना है। जिसको लेकर शासन-प्रशासन में कामकाज की रफ्तार तेज होने लगी है।

आपदा और उकाडा विभाग करेंगे भुकतान....

पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने बताया कि आपदा के समय राहत बचाव कार्य के लिए वायु सेना के हेलीकॉप्टरों का प्रयोग किया गया था। और उस दौरान एक एमओयू तय किया गया था जिसके तहत ही आपदा के दौरान वायु सेना ने ये सेवाएं दी थी। जिसको लेकर वायु सेना ने भुकतान मंगा है। हालांकि इससे पहले भी भुकतान को लेकर शासन स्तर पर हुई बैठक में निर्णय ही चुका है। लगभग 17 करोड़ का भुकतान आपदा विभाग द्वारा किया जाएगा और करीब 3 करोड़ का भुकतान सिविल एविएशन कॉरपोरेशन, उकाडा के माध्यम से किया जाएगा। जिसको देखते हुए बजट की व्यवस्था की जा रही है। साथ ही कहा कि जल्द ही संतोषजनक हल निकल जायेगा।

बाइट - दिलीप जावलकर, पर्यटन सचिव


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