देहरादून: देश में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और आने वाले दिनों में एनआरसी को लेकर देशभर में हंगामा है. इन हंगामों के बीच राजधानी में जन्म प्रमाण-पत्र बनाने वालों की संख्या में एकाएक इजाफा हो रहा है. देहरादून नगर निगम की बात करें तो यहां प्रतिमाह 800 से 900 जन्म प्रमाण-पत्र के आवेदन आते थे, लेकिन वर्तमान समय में 1400 से 1500 आवेदन जन्म प्रमाण-पत्र के लिए आ रहे हैं.
हालांकि, इस विषय में नगर निगम की मानें तो निकाय चुनाव में परिसीमन बढ़ने और देहरादून में 60 की जगह 9 वार्ड होने के कारण भी मुख्य तौर से आवेदनों की संख्या बढ़ी है. इसके अलावा सीएए और एनआरसी को लेकर भी लोगों में जागरुकता बढ़ी है.
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3 दिन में मिलेगा जन्म प्रमाण-पत्र
नगर निगम के अधिकारियों की मानें तो सरकारी अस्पतालों में पैदा होने वाले सभी नवजात बच्चों का जन्म प्रमाण-पत्र अस्पताल से जारी करने की अधिकारिक सुविधा उपलब्ध है. जबकि, घरों और निजी अस्पतालों में पैदा होने वाले नवजात बच्चों के टीकाकरण या अस्पताल से डिस्चार्ज सर्टिफिकेट के आधार पर नगर निगम में ऑनलाइन या सामान्य आवेदन की प्रक्रिया है. इसमें मात्र 3 दिनों में नगर निगम से नि:शुल्क जन्म प्रमाण-पत्र मुहैया किया जा रहा है. इसके अलावा पुराने जन्म प्रमाण-पत्र को भी अब नगर निगम से ऑनलाइन कराए जाने की व्यवस्था पिछले डेढ़ माह से चल रही है. ताकि सभी का रिकॉर्ड ऑनलाइन जन्म प्रमाण-पत्र के रूप में उपलब्ध हो सके.
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एक साल तक आवेदन का समय
नवजात बच्चे के जन्म प्रमाण-पत्र बनाने के लिए एक दिन से लेकर एक साल तक कोई भी घर बैठे या नगर निगम के दफ्तर में आकर प्रमाण-पत्र के लिए आवेदन कर सकता है. अधिकारियों के मुताबिक, जन्म प्रमाण-पत्र किसी भी वर्ग के लिए आसानी से औपचारिकताएं पूरी कर हासिल किया जा सकता है. स्थानीय निवासी लाल सिंह ने बताया कि वह अपनी पोती का जन्म प्रमाण-पत्र बनाने 2 दिन पहले ही नगर निगम में आवेदन करने आए थे. तीन दिनों के भीतर ही उन्हें जन्म प्रमाण-पत्र मिल गया.