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देहरादून: CAA और NRC के चलते जन्म प्रमाण-पत्र बनाने वालों में हुआ इजाफा

सीएए और एनआरसी के चलते जन्म प्रमाण-पत्र बनाने वालों में इजाफा हुआ है. देहरादून नगर निगम में प्रतिमाह 800 से 900 की जगह अब 1500 आवेदन आ रहे हैं.

dehradun nagar nigam
जन्म प्रमाण पत्र बनाने वालों में हुआ इजाफा
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Published : Dec 27, 2019, 7:15 PM IST

देहरादून: देश में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और आने वाले दिनों में एनआरसी को लेकर देशभर में हंगामा है. इन हंगामों के बीच राजधानी में जन्म प्रमाण-पत्र बनाने वालों की संख्या में एकाएक इजाफा हो रहा है. देहरादून नगर निगम की बात करें तो यहां प्रतिमाह 800 से 900 जन्म प्रमाण-पत्र के आवेदन आते थे, लेकिन वर्तमान समय में 1400 से 1500 आवेदन जन्म प्रमाण-पत्र के लिए आ रहे हैं.

हालांकि, इस विषय में नगर निगम की मानें तो निकाय चुनाव में परिसीमन बढ़ने और देहरादून में 60 की जगह 9 वार्ड होने के कारण भी मुख्य तौर से आवेदनों की संख्या बढ़ी है. इसके अलावा सीएए और एनआरसी को लेकर भी लोगों में जागरुकता बढ़ी है.

जन्म प्रमाण-पत्र बनाने वालों में हुआ इजाफा.

पढ़ेंः CM त्रिवेंद्र ने किया नेशनल हैंडलूम एक्सपो का उद्घाटन, 12 जनवरी तक चलेगा आयोजन

3 दिन में मिलेगा जन्म प्रमाण-पत्र
नगर निगम के अधिकारियों की मानें तो सरकारी अस्पतालों में पैदा होने वाले सभी नवजात बच्चों का जन्म प्रमाण-पत्र अस्पताल से जारी करने की अधिकारिक सुविधा उपलब्ध है. जबकि, घरों और निजी अस्पतालों में पैदा होने वाले नवजात बच्चों के टीकाकरण या अस्पताल से डिस्चार्ज सर्टिफिकेट के आधार पर नगर निगम में ऑनलाइन या सामान्य आवेदन की प्रक्रिया है. इसमें मात्र 3 दिनों में नगर निगम से नि:शुल्क जन्म प्रमाण-पत्र मुहैया किया जा रहा है. इसके अलावा पुराने जन्म प्रमाण-पत्र को भी अब नगर निगम से ऑनलाइन कराए जाने की व्यवस्था पिछले डेढ़ माह से चल रही है. ताकि सभी का रिकॉर्ड ऑनलाइन जन्म प्रमाण-पत्र के रूप में उपलब्ध हो सके.

पढ़ेंः CAA पर उत्तराखंड पुलिस अलर्ट, कांग्रेस और बीजेपी की रैली के मद्देनजर बढ़ाई चौकसी

एक साल तक आवेदन का समय
नवजात बच्चे के जन्म प्रमाण-पत्र बनाने के लिए एक दिन से लेकर एक साल तक कोई भी घर बैठे या नगर निगम के दफ्तर में आकर प्रमाण-पत्र के लिए आवेदन कर सकता है. अधिकारियों के मुताबिक, जन्म प्रमाण-पत्र किसी भी वर्ग के लिए आसानी से औपचारिकताएं पूरी कर हासिल किया जा सकता है. स्थानीय निवासी लाल सिंह ने बताया कि वह अपनी पोती का जन्म प्रमाण-पत्र बनाने 2 दिन पहले ही नगर निगम में आवेदन करने आए थे. तीन दिनों के भीतर ही उन्हें जन्म प्रमाण-पत्र मिल गया.

देहरादून: देश में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और आने वाले दिनों में एनआरसी को लेकर देशभर में हंगामा है. इन हंगामों के बीच राजधानी में जन्म प्रमाण-पत्र बनाने वालों की संख्या में एकाएक इजाफा हो रहा है. देहरादून नगर निगम की बात करें तो यहां प्रतिमाह 800 से 900 जन्म प्रमाण-पत्र के आवेदन आते थे, लेकिन वर्तमान समय में 1400 से 1500 आवेदन जन्म प्रमाण-पत्र के लिए आ रहे हैं.

हालांकि, इस विषय में नगर निगम की मानें तो निकाय चुनाव में परिसीमन बढ़ने और देहरादून में 60 की जगह 9 वार्ड होने के कारण भी मुख्य तौर से आवेदनों की संख्या बढ़ी है. इसके अलावा सीएए और एनआरसी को लेकर भी लोगों में जागरुकता बढ़ी है.

जन्म प्रमाण-पत्र बनाने वालों में हुआ इजाफा.

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3 दिन में मिलेगा जन्म प्रमाण-पत्र
नगर निगम के अधिकारियों की मानें तो सरकारी अस्पतालों में पैदा होने वाले सभी नवजात बच्चों का जन्म प्रमाण-पत्र अस्पताल से जारी करने की अधिकारिक सुविधा उपलब्ध है. जबकि, घरों और निजी अस्पतालों में पैदा होने वाले नवजात बच्चों के टीकाकरण या अस्पताल से डिस्चार्ज सर्टिफिकेट के आधार पर नगर निगम में ऑनलाइन या सामान्य आवेदन की प्रक्रिया है. इसमें मात्र 3 दिनों में नगर निगम से नि:शुल्क जन्म प्रमाण-पत्र मुहैया किया जा रहा है. इसके अलावा पुराने जन्म प्रमाण-पत्र को भी अब नगर निगम से ऑनलाइन कराए जाने की व्यवस्था पिछले डेढ़ माह से चल रही है. ताकि सभी का रिकॉर्ड ऑनलाइन जन्म प्रमाण-पत्र के रूप में उपलब्ध हो सके.

पढ़ेंः CAA पर उत्तराखंड पुलिस अलर्ट, कांग्रेस और बीजेपी की रैली के मद्देनजर बढ़ाई चौकसी

एक साल तक आवेदन का समय
नवजात बच्चे के जन्म प्रमाण-पत्र बनाने के लिए एक दिन से लेकर एक साल तक कोई भी घर बैठे या नगर निगम के दफ्तर में आकर प्रमाण-पत्र के लिए आवेदन कर सकता है. अधिकारियों के मुताबिक, जन्म प्रमाण-पत्र किसी भी वर्ग के लिए आसानी से औपचारिकताएं पूरी कर हासिल किया जा सकता है. स्थानीय निवासी लाल सिंह ने बताया कि वह अपनी पोती का जन्म प्रमाण-पत्र बनाने 2 दिन पहले ही नगर निगम में आवेदन करने आए थे. तीन दिनों के भीतर ही उन्हें जन्म प्रमाण-पत्र मिल गया.

Intro:summary-CAA और NRC के चलते जन्म प्रमाण पत्र बनाने वालों में हुआ इज़ाफ़ा, देहरादून नगर निगम में प्रतिमाह 800 से 900 की जगह 1500 आवेदन वर्तमान में हो रहे हैं, मामूली औपचारिकताएं पूरी कर 3 दिनों के अंदर आसानी से दिया जा रहा हैं जन्म प्रमाण पत्र।


देश में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और आने वाले दिनों में एनआरसी (NRC) देशभर में लागू होने जैसे चर्चाओं के बीच जन्म प्रमाण पत्र बनाने वालों की संख्या में एकाएक इजाफा देखा जा रहा है। देहरादून नगर निगम की बात करें तो यहां प्रतिमाह 800 से 900 जन्म प्रमाण पत्र के आवेदन आते थे लेकिन वर्तमान समय में 1400 से 1500 आवेदन जन्म प्रमाण पत्र के लिए आ रहे हैं। हालांकि इस विषय में नगर निगम की माने तो निकाय चुनाव में परिसीमन बढ़ने देहरादून में 60 की जगह 9 वार्ड होने के कारण भी मुख्य तौर से आवेदनों की संख्या बढ़ी है। इसके अलावा आने वाले कानून को लेकर भी लोगों में जागरूकता बढ़ रही है जिसके चलते लोग जन्म प्रमाण पत्र बनाने के लिए भारी संख्या में पहले से अधिक आ रहे हैं।


Body:मामूली औपचारिकता के बाद 3 दिनों में ही जन्म प्रमाण पत्र जारी

वही नगर निगम के जन्म प्रमाण पत्र बनाने वाले अधिकारियों की माने तो सरकारी अस्पतालों में पैदा होने वाले सभी नवजात बच्चों का जन्म प्रमाण पत्र अस्पताल से जारी करने की अधिकारिक सुविधा उपलब्ध है। जबकि घरों और निजी अस्पतालों में पैदा होने वाले नवजात बच्चों के टीकाकरण या अस्पताल से डिस्चार्ज सर्टिफिकेट के आधार पर ऑनलाइन या नगर निगम में आकर आवेदन करने के बाद मात्र 3 दिनों में निशुल्क नगर निगम से जन्म प्रमाण पत्र मुहैया किया जा रहा है। इसके अलावा पुराने जन्म प्रमाण पत्र को भी अब नगर निगम से ऑनलाइन कराए जाने की व्यवस्था पिछले डेढ़ माह से चल रही है। ताकि सभी का रिकॉर्ड ऑनलाइन जन्म प्रमाण पत्र के रूप में सरकारी रिकॉर्ड में उपलब्ध हो सके।

नवजात के पैदा होने से 1 दिन से लेकर 1 साल तक आवेदन का समय निर्धारित

जन्म प्रमाण पत्र बनाने के लिए नवजात बच्चे की 21 दिन से लेकर 1 साल तक कोई भी घर बैठे ऑनलाइन या नगर निगम मैं आकर प्रमाण पत्र के लिए आवेदन कर सकता है। नगर निगम अधिकारियों के मुताबिक जन्म प्रमाण पत्र किसी भी वर्ग के लिए आसानी से औपचारिकताएं पूरी कर हासिल किया जा सकता है।

बाइट- कमलेश प्रसाद नौटियाल,डीवीसी, जन्म प्रमाण पत्र पंजीकरण, नगर निगम, देहरादून



Conclusion:3 दिन में जन्म प्रमाणपत्र मिलने पर आवेदकों ने जताई खुशी

वही जन्म प्रमाण पत्र बनाने को लेकर बढ़ रही जागरूकता के बीच देहरादून नगर निगम पहुंचे लाल सिंह ने बताया कि वह अपनी पोती का जन्म प्रमाण पत्र बनाने 2 दिन पहले ही नगर निगम में आवेदन करने आए थे, मामूली अस्पताल से डिस्चार्ज होने वाली औपचारिकताएं पूरी करने बाद उन्हें तीसरे दिन ही दिन उनको आसानी से अपनी पोती का जन्म प्रमाण पत्र मिल गया। लाल सिंह कहते हैं कि न सिर्फ कानून बल्कि अन्य मामलों में भी जन्म प्रमाणपत्र पत्र की आवश्यकता पड़ती है, ऐसे में सभी को जागरूक होकर जन्म प्रमाण पत्र के लिए आवेदन करना चाहिए।


बाइट- लाल सिंह, देहरादून निवासी
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