देहरादून: देश में पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस के दामों में हुई बढ़ोत्तरी ने आम लोगों की कमर तोड़ दी है. महंगाई को लेकर आम लोगों और विरोधी दल सड़कों पर दिखने लगे हैं. इन हालातों को लेकर उत्तराखंड के लोग क्या कहते हैं और उनकी जिंदगी में इसका क्या असर पड़ रहा है, देखिए रिपोर्ट...
पेट्रोल पंप पर पेट्रोल-डीजल की कीमतों वाली मशीन जिस तेजी के साथ आगे बढ़ रही है, उसने आम लोगों की जेब को हल्का कर दिया है. पेट्रोल पंप पर इससे भीड़ में भले ही कुछ खास अंतर न आया हो लेकिन हकीकत यह है कि इसमें किसी भी आम व्यक्ति के घर के बजट को बिगाड़ कर रख दिया. बढ़ती कीमतों का असर केवल पेट्रोल पर ही नहीं है. बल्कि डीजल भी पेट्रोल की बराबरी करने के लिए दम भर रहा है. गौरतलब है कि डीजल के दाम सीधे तौर पर सभी आम जरूरतों की चीजों की महंगाई से जुड़े हैं. लिहाजा डीजल के दाम बढ़ने के बाद बाजारों में बाकी सभी चीजों में भी कुछ ना कुछ बढ़ोत्तरी देखने को मिली है. देहरादून के सबसे बड़े बाजार पलटन बाजार में शनिवार को भी भीड़ का आलम रोजमर्रा की तरह ही रहा लेकिन इलेक्ट्रॉनिक सामान से लेकर गारमेंट्स सोने चांदी और दूसरी सभी जरूरत की वस्तुओं पर महंगाई का असर दिख रहा है. महंगाई केवल इन बाजारों में ही नहीं है बल्कि मंडी में खाने पीने की चीजों में भी कीमतें बढ़ती हुई दिखाई दी है. लोगों की मानें तो महंगाई से हाल बुरा है और इससे बजट भी बिगड़ चुका है और लोगों को खासी दिक्कतों का सामना भी करना पड़ रहा है.
महंगाई को लेकर नाराज लोगों के बीच कुछ युवा ऐसे भी मिले जो इस महंगाई से कुछ खास परेशान नहीं दिखे और बढ़ती कीमतों को जरूरी भी बताया. इन युवाओं की मानें तो कोविड-19 के बाद दुनिया भर में अर्थव्यवस्था पर बेहद खराब असर पड़ा है और हालात सरकारों द्वारा सुधारे जाने को लेकर भी मुश्किल हुए हैं लिहाजा सरकार ने पेट्रोल डीजल के दाम में कुछ बढ़ोत्तरी करके अर्थव्यवस्था को कंट्रोल रखने की कोशिश की है, लेकिन सरकार इतना ध्यान रखें कि यह बढ़ी हुई कीमतें एक सीमा तक ही रखी जाए.
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मौजूदा हालातों के बीच चौंकाने वाली बात यह है कि व्यापारियों को महंगी हो रही इन चीजों के बाद भी लोगों की परचेसिंग पावर में कुछ खास अंतर नहीं दिखाई दिया है. देहरादून के पलटन बाजार में इलेक्ट्रॉनिक सामान का काम करने वाले सरदार बॉबी ने बताया कि भले ही तमाम चीजों में महंगाई हुई हो लेकिन लोग आज भी उसी तरह से खरीदारी कर रहे हैं. हालांकि वह इसके पीछे उन सभी सुविधाओं को वजह बता रहे हैं जो फाइनेंस से जुड़ी हुई हैं. उन्होंने कहा कि आज तमाम फाइनेंस कंपनियां मौजूद हैं और लोग अधिकतर समान फाइनेंस करके ही खरीद रहे हैं और लंबे समय तक किश्त अदा करते हैं.