देहरादून: बीते दिनों दिल्ली और उत्तर प्रदेश के कई शहरों में दीपावली के बाद हवा में जहर घुलता दिखाई दे रहा था. दिल्ली में तो आलम यह था कि सरकार ने सरकारी स्कूल और दफ्तरों में नियम भी लागू कर दिए थे. ऐसा नहीं है कि यह हाल सिर्फ दिल्ली का ही था. उत्तराखंड की राजधानी देहरादून जो पहाड़ों से घिरी हुई है. वहां की आबोहवा भी लगातार दूषित हो रही थी, जो ना केवल राज्य सरकार के लिए बल्कि यहां रह रहे बाशिंदों के लिए भी बेहद चिंता का विषय बनता जा रहा था, लेकिन अब सर्दी बढ़ने के साथ-साथ राजधानी देहरादून और आसपास की आबोहवा भी साफ होने लगी है.
उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा और पंजाब जैसे क्षेत्रों में पराली जलाने की वजह से इस तरह की दिक्कतें हर साल पैदा होती हैं. राजधानी देहरादून में दीपावली के बाद पटाखों और उत्तर प्रदेश और दिल्ली से आने वाली हवाओं की वजह से उत्तराखंड पर भी इसका प्रभाव बीते कुछ सालों से देखा जा रहा है. प्रदूषण बोर्ड के अधिकारी लगातार हर साल इसकी मॉनिटरिंग करते हैं. दीपावली के बाद से लगातार मॉनिटरिंग और अधिक तेजी से की जा रही थी. हैरानी की बात यह थी कि खराब आबोहवा में कोई भी परिवर्तन नहीं आ रहा था, लेकिन अब जाकर उत्तराखंड की राजधानी देहरादून, मसूरी और आसपास के क्षेत्रों में हालात अच्छे हो गए हैं.
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दीपावली धुएं की वजह से यहां का एक्यूआई लेवल 247 तक पहुंच गया था. यह लगातार 200 से ऊपर ही बना हुआ था. बकायदा अपनी मॉनिटरिंग की रिपोर्ट उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड राज्य सरकार को भी भेज रहा था. लिहाजा हाल ही में भेजी गई रिपोर्ट में यह बताया गया है कि अब उत्तराखंड के कई हिस्सों की आबोहवा पहले की तरह बेहतर हो गई है.
राजधानी देहरादून में 24 घंटे में दो बार अलग-अलग क्षेत्रों की मॉनिटरिंग की जा रही है. जिसके बाद उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सचिव एसपी सुबुद्धि ने बताया है पहले से हालात बेहतर हो गए हैं. देहरादून के डॉक्टर आरके चतुर्वेदी बताते हैं कि अब एक्यूआई लेवल 70 तक आ गया है, जो राज्य के लिए और खासकर राजधानी के लिए बेहद सही है. अगर प्रदूषण लगातार बढ़ता रहता तो यहां पर भी चिंताजनक हालात हो सकते थे.
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फिलहाल देहरादून में बस अड्डा, राजपुर रोड और घंटाघर के साथ साथ हरिद्वार रोड का एक्यूआईलेवल चेक किया जाता है, जो पूरे देहरादून को कवर कर लेता है. बोर्ड से मिली जानकारी के मुताबिक अगर एक्यूआई 50 होता है तो सबसे अच्छा रहता है. 50 से 100 के बीच हो तो संतोषजनक रहता है. 100 से 200 के बीच हो तो मध्यम रहता है, जबकि 200 से 500 के बीच एक्यूआई रहना ना गंभीर विषय है. राजधानी में 12 नवम्बर को एक्यूआई लेवल 122 था, जबकि अब ये लेवल 65 से 70 के बीच में आ गया है.
जानकार मानते है की उत्तराखंड लगातार हो रही बर्फ़बारी और ठंडी हवा से ये संभव हुआ है. दिल्ली और दूसरे राज्य में अभी भी दिन में गर्मी का एहसास है, जबकि उत्तराखंड में ऐसा नहीं है. यही कारण है कि यहां हवा के हालात में सुधार हुआ है.