देहरादून: धामी कैबिनेट ने राज्य कर्मचारियों को दीपावली पर बोनस का तोहफा दिया है. जिससे प्रदेश के 1 लाख 60 हजार कर्मचारियों को सरकार बोनस देगी. वहीं, कैबिनेट ने आशा कार्यकर्ताओं का वेतन बढ़ाने पर मुहर लगा दी है. कैबिनेट ने मेडिकल छात्रों को राहत देते हुए सरकारी मेडिकल कॉलेज में बॉन्ड पर 50 हजार फीस और बिना बॉन्ड की फीस 4 लाख से घटाकर 1 लाख 45 कर दी है.
इसके साथ ही कैबिनेट ने रिटायर होने वाले कर्मचारियों को पेंशन में राहत देने पर भी मुहर लगाई है. वहीं, धामी कैबिनेट ने NHI DCL को उत्तराखंड में कार्यदायी संस्था के रूप में इंपैनल करने पर मुहर लगाई है. साथ ही प्रदेश में खनन नीति में संशोधन और खनिज भंडारण के नियम बदलने पर ही सहमति जताई है.
मेडिकल छात्रों को बड़ी राहत: उत्तराखंड के छात्रों के लिए अब सरकार ने MBBS की पढ़ाई आसान कर दी है. सरकार ने मैदानी जिलों के मेडिकल कॉलेजों में भी बांड भरकर एमबीबीएस करने की सुविधा फिर बहाल कर दी है. पहले बांड व्यवस्था केवल पर्वतीय क्षेत्रों के मेडिकल कॉलेजों के लिए ही थी. इसके साथ ही फीस भी चार लाख रुपये से घटाकर एक लाख 45 हजार रुपये कर दी है.
गौर हो कि मेडिकल छात्र लगातार इस मांग को लेकर आंदोलन कर रहे थे. छात्रों की मांग को मानते हुए सरकार ने एक ओर जहां बांड की व्यवस्था सभी मेडिकल कॉलेजों में बहाल कर दी है और फीस भी घटाकर छात्रों को खुश करने की कोशिश की है.
ऑल इंडिया कोटे की सीटों पर होगी मारामारी: जब एमबीबीएस की फीस चार लाख रुपये की गई थी तो प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों में ऑल इंडिया कोटे की 15 प्रतिशत सीटों पर बाहरी राज्यों के छात्रों का आना काफी कम हो गया था, जिससे ये सीटें राज्य कोटे में परिवर्तित हो गई थीं. अब फीस कम होने से ऑल इंडिया कोटे की सीटों पर भी भीड़ बढ़ेगी.
बता दें कि प्रदेश में हल्द्वानी और श्रीनगर में 15-15 और दून मेडिकल कॉलेज में करीब 27 ऑल इंडिया कोटे की एमबीबीएस सीटें हैं. लेकिन नीट यूजी काउंसलिंग से सीट आवंटन और पसंदीदा कॉलेजों के हिसाब से हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज पहली पसंद रहता है. इसके बाद श्रीनगर और फिर दून मेडिकल कॉलेज होता है.
बांड भरने वालों के लिए यह हैं नियम: बांड भरने वाले छात्रों को पहले एक साल मेडिकल कॉलेजों में सेवा देनी होती है, क्योंकि यहां सीनियर और जूनियर रेजीडेंट डॉक्टरों की कमी रहती है. उसके बाद दो साल तक दुर्गम पर्वतीय क्षेत्रों के प्राथमिक चिकित्सा केंद्रों पर सेवा देनी होती है. इसके बाद दो साल तक जिला चिकित्सालयों या दुर्गम के चिकित्सालयों में सेवा की अनिवार्यता होती है.
कैबिनेट फैसले-
- उत्तराखंड सरकारी सेवक पदोन्नति के लिए अर्हकारी सेवा में शिथिलीकरण नियमावली 2010 को पुनः लागू करने का निर्णय लिया गया.
- सोबन सिंह जीना राजकीय आर्युविज्ञान एवं शोध संस्थान अल्मोड़ा के अन्तर्गत मानकों के अनुसार संकाय सदस्यों के अतिरिक्त 157 पदों का सृजन करके वृद्धि की गई.
- उत्तराखंड सरकारी संस्था की परियोजनाओं के सम्बन्ध में निवेशकों, उद्योगपतियों, ठेकेदारों, पट्टेधारकों हेतु स्वतंत्र विशेषज्ञों की सुलह समिति आर्बिट्रेशन की मंजूरी.
- शासकीय विभागों के विविध निर्माण कार्यों हेतु राष्ट्रीय राजमार्ग एवं अवसंरचना विकास निगम लि. को राज्य कार्यदायी संस्था के रूप में मंजूरी.
- कृषि सेवा समूह श्रेणी ख के विभिन्न शाखाओं को सिंगल विंडो सिस्टम के अन्तर्गत पदों की पुनसंरचना/पुनर्गठन हेतु मंजूरी.
- राज्य में कार्यरत 12018 आशा फैसिलेटर को प्रोत्साहन राशि में वृद्धि में मंजूरी. अनुमन्य प्रोत्साहन राशि 50 रूपये प्रति भ्रमण (कुल 20 भ्रमण) अर्थात 1000 रूपया प्रति आशा फैसिलेटर के स्थान पर कुल 2000 रूपये की अतिरिक्त वृद्धि की जाएगी. जिस पर कुल 1 करोड़ 45 लाख 44 हजार अतिरिक्त व्यय भार आएगा.
- प्रदेश में समस्त राजकीय कार्मिकों एवं पेशनरों को राज्य सरकार स्वास्थ्य योजना के अन्तर्गत चिकित्सा उपचार को प्रभावी बनाने के लिये अटल आयुष्मान उत्तराखण्ड योजना के सम्बन्ध में विभिन्न मांगों को मंजूरी प्रदान की गई.
- उत्तराखण्ड स्टोन क्रशर स्क्रीनिंग प्लान्ट, मोबाइल स्टोन क्रेशर, मोबाइल स्क्रीनिंग प्लांट, हॉट मिक्स प्लांट, रेडीमिक्स प्लांट, अनुज्ञा नीति 2020 संशोधन करके नई अवज्ञा नीति 2021को मंजूरी.
- उत्तराखंड रिवर ट्रेनिंग नीति 2020 को अधिक्रमित करते हुए उत्तराखण्ड रिवर ड्रेजिंग नीति 2021 को प्रख्यापित करने का निर्णय.
- उत्तराखंड खनिज (अवैध खनन, परिवहन एवं भण्डारण का निवारण) नियमावली, 2020 को अधिक्रमित करते हुए नियमावली 2021 को प्रख्यापित करने का निर्णय.
- माध्यमिक शिक्षा, राजकीय स्कूलों में कक्षा 10 एवं 12 के छात्र-छात्राओं को निशुल्क प्री लोडेड टेबलेट उपलब्ध कराने में तेजी लाने के लिये ई-निविदा से सम्बन्धित शर्तो में परिवर्तन को मंजूरी.
- वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली पर्यटन स्वरोजगार योजना नियमावली 2002 में संशोधन किया गया है. साथ ही सब्सिडी प्रावधानों में सरलीकरण को मंजूरी.
- वर्ग 3 एवं वर्ग 4 भूमि के पट्टे धारकों/कब्जाधारकों को भूमिधरी का अधिकार दिए जाने के शासनादेश की अवधि नवंबर 2020 से बढ़ाकर 2022 की गई.
- उत्तराखंड महिला एवं बाल विकास अधीनस्थ सुपरवाइजर सेवा नियमावली को प्रख्यापित करने का निर्णय.
- पेयजल एवं सिविर सुविधा के लिये सभी प्रकार के विलंब शुल्क की छूट सीमा को 31 दिसम्बर, 2021 से बढ़ाकर 2022 किया गया.
- दो दिवसीय 29 एवं 30 नवम्बर, 2021 को उत्तराखण्ड चतुर्थ विधानसभा 2021 का तृतीय सत्र गैरसैंण में करने की मंजूरी.
- मुख्यमंत्री महिला पोषण योजना के अंतर्गत सप्ताह में दो दिन फल, ड्राई फूट व अंडा को देने की मंजूरी.
- इसके अलावा मुख्यमंत्री के स्तर पर लिये गए निर्णय में अराजपत्रित राज्य कर्मचारी 4800 ग्रेड पे को 30 दिनों के लिये अधिकतम 7000 रुपए और दैनिक वेतन भोगी के लिए 1184 रुपए बोनस के रूप में देने का निर्णय. उक्त बोनस का लाभ 1,60,000 से अधिक कार्मिकों को मिलेगा. जिसके लिए 130 करोड़ रूपये का अतिरिक्त व्यय भार पड़ेगा.