ऋषिकेशः पिछले दिनों चंद्रभागा नदी पर बसी झुग्गी झोपड़ियों को अतिक्रमण बताकर प्रशासन द्वारा तोड़ दिया गया था. जिसके बाद वैकल्पिक व्यवस्था ना होने के कारण पिछले 3 दिन तक झोपड़ी में रहने वाले लोग खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर थे. हालत ये थी कि पीड़ितों को पास खाने की भी कोई वैकल्पिक व्यवस्था भी नहीं थी. वहीं, खबर प्रकाशित होने के बाद अब महकमा हरकत में आया है.
बता दें कि ईटीवी भारत की खबर का एक बार फिर असर हुआ है. बेसहारा हुए बस्ती के लोगों ने ईटीवी भारत पर अपना दर्द बयां किया था. जिसके बाद प्रशासन की नींद टूटी और उन्होंने 3 दिन बाद पीड़ितों की सुध ली. वहीं, बेसहारा हुए लोगों का कहना है कि प्रशासन जो खाना लेकर आया है, उसे हम नहीं खायेंगे. उनकी छत छीनकर अब अधिकारी उनसे सहानुभूति का दिखावा कर रहे हैं. वहीं, घर न होने से उनके बच्चों की पढ़ाई का भी काफी नुकसान हो गया है.
ईटीवी भारत के साथ बातचीत में तहसीलदार रेखा आर्य ने बताया कि 3 दिनों से लगातार अतिक्रमण की कार्रवाई चन्द्रभागा नदी पर चल रही है. जिसके लिए यहां से बेसहारा होने वाले लोगों के लिए रहने की वैकल्पिक व्यवस्था धर्मशाला गुरुद्वारे आदि जगहों पर की गई है.
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वहीं, मेडिकल के लिए एंबुलेंस व डॉक्टरों की टीम यहां समय-समय पर आ रही है. मौके पर लोगों को भोजन दिया जा रहा है. कुछ लोगों के विरोध के चलते थोड़ा दिक्कतों का सामना करना पड़ा, लेकिन अंतिम में लोगों ने भोजन खाना शुरू कर दिया.
बहरहाल, सबसे बड़ा सवाल उठता है कि चंद्रभागा बस्ती को खाली कराने से पहले प्रशासन ने उनके लिए रहने खाने व स्वास्थ्य सुविधाओं की व्यवस्था पहले से क्यों नहीं की थी. वहीं, खबर प्रकाशित होने के बाद ही क्यों प्रशासन कुंभकरणी नींद से जागा.