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लॉकडाउन: घंटाघर के बाहर दो दिन से भूखे गरीब को मिला 'घर' का सहारा

उत्तराखंड में ईटीवी भारत की खबर का बड़ा असर हुआ है. राज्य सरकार ने मंदिरों, मस्जिदों, धर्मशालाओं और गंगा घाटों पर भूखे लोगों को खाने-पीने की व्यवस्था कराने के निर्देश दिए हैं.

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ईटीवी भारत की कोशिश
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Published : Mar 24, 2020, 4:57 PM IST

Updated : Mar 27, 2020, 11:21 AM IST

देहरादून: कोरोना वायरस की खबरों के बीच प्रदेश में ईटीवी भारत की खबर का बड़ा असर हुआ है. प्रदेश सरकार ने सभी जिलाधिकारियों को मंदिरों, गंगा घाटों, मस्जिदों और रेलवे स्टेशन के बाहर भूखे लोगों को खाने की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं.

खबर का असर

दरअसल, कोरोना वायरस के बीच ईटीवी भारत ने एक बड़ा मुद्दा उठाया और सरकार को बताया कि किस तरह से उत्तराखंड के अलग-अलग जनपदों में ऐसे लोग सड़कों पर भूखे घूम रहे हैं, जिन्होंने 2 दिन से कुछ नहीं खाया. उसमें न केवल मजदूर वर्ग शामिल है बल्कि मंदिर और मस्जिदों के बाहर बैठे भिक्षुक भी हैं. खबर में दिखाया गया कि घंटाघर के बाहर दो दिन से एक व्यक्ति भूखा बैठा है. इस व्यक्ति को किसी तरह से व्यवस्था करके ईटीवी भारत ब्यूरो हेड किरणकांत शर्मा ने खाना खिलाया और उसका हाल-चाल पूछा तो उसने अपनी आपबीती बताई.

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जरूरतमंद को खाना देते ईटीवी भारत के ब्यूरो चीफ किरनकांत शर्मा.

बिजनौर के इस व्यक्ति ने बताया कि जिस जगह वह मजदूरी कर रहा था. वहां से उसे फिलहाल काम करने के लिए मना कर दिया गया है. लिहाजा, साइट पर काम न होने की वजह से खाना-पीना भी नहीं हो पा रहा है. इतना ही नहीं यातायात व्यवस्था बंद हो जाने की वजह से वह अपने घर भी नहीं जा पा रहा है. दो दिन से वह सड़कों पर ही सो रहा है और बिना कुछ खाये-पीये लोगों की तरफ टकटकी लगाए बैठा था.

इस घटना को सरकार तक पहुंचाने के लिये ईटीवी भारत की टीम ने सोशल मीडिया का सहारा लिया जिसपर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने संज्ञान लिया. मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार रमेश भट्ट न केवल इस मामले को मुख्यमंत्री के संज्ञान में लेकर आए, बल्कि मुख्यमंत्री कार्यालय से भी तमाम जिला अधिकारियों को यह निर्देश जारी कर दिए गए हैं कि ऐसे जो भी व्यक्ति सड़कों पर गंगा घाटों पर मंदिर मस्जिदों के बाहर या फिर रेलवे स्टेशन पर भूखे प्यासे बैठे हैं. जिलाधिकारी तत्काल प्रभाव से उनके खाने-पीने की व्यवस्था करेंगे.

पढ़ें- कोरोना वायरस: लॉकडाउन के चलते देहरादून रेलवे स्टेशन छावनी में तब्दील, सड़कों पर सन्नाटा

देहरादून में यह सुविधा आज से शुरू हो जाएगी, जबकि हरिद्वार के जिलाधिकारी सी रविशंकर ने भी दो एसडीएमओ को इस काम के लिए लगा दिया है. हरिद्वार की सूचना अधिकारी अर्चना सिंह ने ईटीवी भारत को बताया कि तत्काल प्रभाव से यह दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं कि हरिद्वार के गंगा घाटों, रेलवे स्टेशन, धर्मशालाओं या फिर होटलों के अंदर जो लोग रुके हुए हैं. उनके खाने-पीने की व्यवस्था जिलाधिकारी के दिशानिर्देशों पर तत्काल प्रभाव से दोपहर बाद कर दी जाएगी.

ईटीवी भारत की खबर के बाद 23 मार्च की देर रात ही हरिद्वार के कई संगठनों ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी और हरिद्वार निवासी कन्हैया खेवरिया ने आज सुबह ही कुछ लोगों की मदद से जरूरतमंदों तक खाना पहुंचाना शुरू कर दिया है.

देहरादून: कोरोना वायरस की खबरों के बीच प्रदेश में ईटीवी भारत की खबर का बड़ा असर हुआ है. प्रदेश सरकार ने सभी जिलाधिकारियों को मंदिरों, गंगा घाटों, मस्जिदों और रेलवे स्टेशन के बाहर भूखे लोगों को खाने की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं.

खबर का असर

दरअसल, कोरोना वायरस के बीच ईटीवी भारत ने एक बड़ा मुद्दा उठाया और सरकार को बताया कि किस तरह से उत्तराखंड के अलग-अलग जनपदों में ऐसे लोग सड़कों पर भूखे घूम रहे हैं, जिन्होंने 2 दिन से कुछ नहीं खाया. उसमें न केवल मजदूर वर्ग शामिल है बल्कि मंदिर और मस्जिदों के बाहर बैठे भिक्षुक भी हैं. खबर में दिखाया गया कि घंटाघर के बाहर दो दिन से एक व्यक्ति भूखा बैठा है. इस व्यक्ति को किसी तरह से व्यवस्था करके ईटीवी भारत ब्यूरो हेड किरणकांत शर्मा ने खाना खिलाया और उसका हाल-चाल पूछा तो उसने अपनी आपबीती बताई.

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जरूरतमंद को खाना देते ईटीवी भारत के ब्यूरो चीफ किरनकांत शर्मा.

बिजनौर के इस व्यक्ति ने बताया कि जिस जगह वह मजदूरी कर रहा था. वहां से उसे फिलहाल काम करने के लिए मना कर दिया गया है. लिहाजा, साइट पर काम न होने की वजह से खाना-पीना भी नहीं हो पा रहा है. इतना ही नहीं यातायात व्यवस्था बंद हो जाने की वजह से वह अपने घर भी नहीं जा पा रहा है. दो दिन से वह सड़कों पर ही सो रहा है और बिना कुछ खाये-पीये लोगों की तरफ टकटकी लगाए बैठा था.

इस घटना को सरकार तक पहुंचाने के लिये ईटीवी भारत की टीम ने सोशल मीडिया का सहारा लिया जिसपर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने संज्ञान लिया. मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार रमेश भट्ट न केवल इस मामले को मुख्यमंत्री के संज्ञान में लेकर आए, बल्कि मुख्यमंत्री कार्यालय से भी तमाम जिला अधिकारियों को यह निर्देश जारी कर दिए गए हैं कि ऐसे जो भी व्यक्ति सड़कों पर गंगा घाटों पर मंदिर मस्जिदों के बाहर या फिर रेलवे स्टेशन पर भूखे प्यासे बैठे हैं. जिलाधिकारी तत्काल प्रभाव से उनके खाने-पीने की व्यवस्था करेंगे.

पढ़ें- कोरोना वायरस: लॉकडाउन के चलते देहरादून रेलवे स्टेशन छावनी में तब्दील, सड़कों पर सन्नाटा

देहरादून में यह सुविधा आज से शुरू हो जाएगी, जबकि हरिद्वार के जिलाधिकारी सी रविशंकर ने भी दो एसडीएमओ को इस काम के लिए लगा दिया है. हरिद्वार की सूचना अधिकारी अर्चना सिंह ने ईटीवी भारत को बताया कि तत्काल प्रभाव से यह दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं कि हरिद्वार के गंगा घाटों, रेलवे स्टेशन, धर्मशालाओं या फिर होटलों के अंदर जो लोग रुके हुए हैं. उनके खाने-पीने की व्यवस्था जिलाधिकारी के दिशानिर्देशों पर तत्काल प्रभाव से दोपहर बाद कर दी जाएगी.

ईटीवी भारत की खबर के बाद 23 मार्च की देर रात ही हरिद्वार के कई संगठनों ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी और हरिद्वार निवासी कन्हैया खेवरिया ने आज सुबह ही कुछ लोगों की मदद से जरूरतमंदों तक खाना पहुंचाना शुरू कर दिया है.

Last Updated : Mar 27, 2020, 11:21 AM IST
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