ETV Bharat / state

IMA में ट्रेनिंग की खट्टी-मीठी यादें, जैंटलमेन कैडेट्स की जुबानी

आईएमए देहरादून में प्रशिक्षण ले रहे विदेशी जैंटलमेन कैडेट्स ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. उन्होंने अपने इस कठिन सफर को जुबां से बयां किया.

IMA dehradun
IMA dehradun
author img

By

Published : Dec 5, 2020, 5:33 PM IST

देहरादूनः इंडियन मिलिट्री एकेडमी (आईएमए) देहरादून में आगामी 12 दिसंबर को आयोजित होने जा रही पासिंग आउट परेड (पीओपी) से पहले आज ईटीवी भारत ने यहां प्रशिक्षण ले रहे विदेशी कैडेट्स से खास बातचीत की. इस दौरान अलग-अलग देशों जैसे श्रीलंका, अफगानिस्तान, भूटान, मोरिशियस मालदीप, नेपाल और म्यांमार के विदेशी कैडेट्स ने भारत के प्रतिष्ठित सैन्य अकादमी आईएमए देहरादून से प्रशिक्षण लेने के सफर को बयां किया.

12 दिसंबर को पासिंग आउट परेड में कुल 395 जेंटलमैन कैडेट्स सेना में अफसर की जिम्मेदारी संभालने जा रहे हैं. इसमें 325 भारतीय जैंटलमेन कैडेट्स हैं और 11 देशों के 70 विदेशी कैडेट्स भी पासिंग आउट परेड का हिस्सा बनेंगे.

IMA में ट्रेनिंग की खट्टी-मीठी यादें, जैंटलमेन कैडेट्स की जुबानी.

ईटीवी भारत से खास बातचीत में श्रीलंका, मोरिशियस, नेपाल, मालदीप, म्यांमार, भूटान और अफगानिस्तान के विदेशी कैडेट्स ने आईएमए देहरादून में अपने प्रशिक्षण के अनुभवों को साझा किया. विदेशी जेंटलमैन कैडेट्स ने बताया कि भारत के प्रतिष्ठित संस्थान आईएमए देहरादून जैसी सैन्य अकादमी से प्रशिक्षण लेना उनके लिए गर्व की बात है. यहां से प्रशिक्षण मिलने की वजह से वह न सिर्फ अपने-अपने देश की सेनाओं में अधिकारी बनने जा रहे हैं. बल्कि इस प्रशिक्षण की वजह से उनके निजी व्यक्तित्व में भी बड़ा बदलाव आया है. इसी वजह से अब वे अपने देश की सुरक्षा के लिए अपने प्राण न्योछावर करने को पूरी तरह तैयार हैं.

पढ़ेंः IMA में आर्मी कैडेट कॉलेज ग्रेजुएशन सेरेमनी का आयोजन, 31 कैडेट्स को दी गई डिग्रियां

जैंटलमेन कैडेट्स कहते हैं कि भले ही पासिंग आउट परेड का हिस्सा बनने के बाद वह अपने-अपने देशों के लिए रवाना हो जाएंगे. लेकिन आईएमए देहरादून में प्रशिक्षण की उनकी यादें ताउम्र उनके साथ रहेंगी. आईएमए जैसी प्रतिष्ठित सैन्य अकादमी ने उन्हें शारीरिक रूप से किसी भी प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए मजबूत बनाया है. साथ ही इस संस्था में ट्रेनिंग लेकर उन्होंने अनुशासन का पाठ सीखा.

वे आगे कहते हैं कि हालांकि प्रशिक्षण के शुरुआती दौर में आईएमए के सख्त अनुशासन की वजह से उनके सम्मुख कुछ दिक्कतें जरूर पेश आई. लेकिन समय बीतने के साथ ही यह अनुशासन उनकी जिंदगी का हिस्सा बन गया. जिससे अपने-अपने देश की सेना में सेवाएं देने में उन्हें खासी मदद मिलेगी.

देहरादूनः इंडियन मिलिट्री एकेडमी (आईएमए) देहरादून में आगामी 12 दिसंबर को आयोजित होने जा रही पासिंग आउट परेड (पीओपी) से पहले आज ईटीवी भारत ने यहां प्रशिक्षण ले रहे विदेशी कैडेट्स से खास बातचीत की. इस दौरान अलग-अलग देशों जैसे श्रीलंका, अफगानिस्तान, भूटान, मोरिशियस मालदीप, नेपाल और म्यांमार के विदेशी कैडेट्स ने भारत के प्रतिष्ठित सैन्य अकादमी आईएमए देहरादून से प्रशिक्षण लेने के सफर को बयां किया.

12 दिसंबर को पासिंग आउट परेड में कुल 395 जेंटलमैन कैडेट्स सेना में अफसर की जिम्मेदारी संभालने जा रहे हैं. इसमें 325 भारतीय जैंटलमेन कैडेट्स हैं और 11 देशों के 70 विदेशी कैडेट्स भी पासिंग आउट परेड का हिस्सा बनेंगे.

IMA में ट्रेनिंग की खट्टी-मीठी यादें, जैंटलमेन कैडेट्स की जुबानी.

ईटीवी भारत से खास बातचीत में श्रीलंका, मोरिशियस, नेपाल, मालदीप, म्यांमार, भूटान और अफगानिस्तान के विदेशी कैडेट्स ने आईएमए देहरादून में अपने प्रशिक्षण के अनुभवों को साझा किया. विदेशी जेंटलमैन कैडेट्स ने बताया कि भारत के प्रतिष्ठित संस्थान आईएमए देहरादून जैसी सैन्य अकादमी से प्रशिक्षण लेना उनके लिए गर्व की बात है. यहां से प्रशिक्षण मिलने की वजह से वह न सिर्फ अपने-अपने देश की सेनाओं में अधिकारी बनने जा रहे हैं. बल्कि इस प्रशिक्षण की वजह से उनके निजी व्यक्तित्व में भी बड़ा बदलाव आया है. इसी वजह से अब वे अपने देश की सुरक्षा के लिए अपने प्राण न्योछावर करने को पूरी तरह तैयार हैं.

पढ़ेंः IMA में आर्मी कैडेट कॉलेज ग्रेजुएशन सेरेमनी का आयोजन, 31 कैडेट्स को दी गई डिग्रियां

जैंटलमेन कैडेट्स कहते हैं कि भले ही पासिंग आउट परेड का हिस्सा बनने के बाद वह अपने-अपने देशों के लिए रवाना हो जाएंगे. लेकिन आईएमए देहरादून में प्रशिक्षण की उनकी यादें ताउम्र उनके साथ रहेंगी. आईएमए जैसी प्रतिष्ठित सैन्य अकादमी ने उन्हें शारीरिक रूप से किसी भी प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए मजबूत बनाया है. साथ ही इस संस्था में ट्रेनिंग लेकर उन्होंने अनुशासन का पाठ सीखा.

वे आगे कहते हैं कि हालांकि प्रशिक्षण के शुरुआती दौर में आईएमए के सख्त अनुशासन की वजह से उनके सम्मुख कुछ दिक्कतें जरूर पेश आई. लेकिन समय बीतने के साथ ही यह अनुशासन उनकी जिंदगी का हिस्सा बन गया. जिससे अपने-अपने देश की सेना में सेवाएं देने में उन्हें खासी मदद मिलेगी.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.