देहरादून: भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) 7 दिसंबर को पासिंग आउट परेड के भव्य आयोजन के लिए पूरी तरह तैयार है. आईएमए के ऐतिहासिक चैटवुड बिल्डिंग परिसर में 7 दिसंबर को आयोजित होने वाली पासिंग आउट परेड में इस बार कुल 377 जेंटलमैन कैडेट पासिंग आउट परेड में हिस्सा लेंगे. वहीं, 306 कैडेट पास आउट होकर भारतीय सेना में बतौर अफसर के रूप में शामिल होंगे. इनमें से मित्र देशों के 71 कैडेट्स भी अपनी कड़ी प्रशिक्षण को मुकम्मल कर अपने देश की सेना में कमान संभालेंगे.
बता दें कि देश की आजादी से पहले साल 1932 में 40 जेंटलमैन कैडेट के साथ इस अकादमी का ऐतिहासिक सफर शुरू हुआ था, जो आज तक जारी है. 1932 में IMA के पहले कमांडेंट के रूप में ब्रिगेडियर एलपी कोलिंस ने कमान संभाली थी. उस दौरान आईएमए के पहले बैच का नाम पायनियर रखा गया. इसी पायनियर बैच के फील्ड मार्शल सेम मानेक शॉ, बर्मा के पूर्व सेनाध्यक्ष स्मिथ डन और पाकिस्तान के सेनाध्यक्ष मोहम्मद मूसा भी पास आउट हुए थे.
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भारतीय सैन्य अकादमी आईएमए का देश की रक्षा में महत्वपूर्ण योगदान है. देश दुनिया में सबसे कठिन और सैनिक तकनीक से बेहद महत्वपूर्ण तरीके से जांबाज योद्धा विश्व भर में अपनी एक अलग पहचान रखता है. अंग्रेजी हुकूमत के दौरान दिसंबर 1932 में इसी भारतीय सैन्य अकादमी का उद्घाटन तत्कालीन अंग्रेज फील्ड मार्शल फिलिप डब्लू चैटवुड ने किया था, तब से आईएमए के प्रमुख भवन को चैटवुड बिल्डिंग के नाम से जाना जाता है.