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World Brain Tumor Day: खतरनाक हो सकती है ब्रेन ट्यूमर की अनदेखी, इन बातों का रखें विशेष ध्यान - ब्रेन ट्यूमर से कैसे बचें

ब्रेन ट्यूमर की समय पर जांच व उपचार के महत्व के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए आठ जून को वर्ल्ड ब्रेन ट्यूमर डे (world brain tumor day) मनाया जाता है. जिससे इस बीमारी के लक्षणों व उपचार के बारे में आम लोग जान सकें. ब्रेन ट्यूमर (what is brain tumor), मस्तिष्क में एक पिंड या आसामान्य कोशिकाओं का विकास है.

World brain tumor day specia
खतरनाक हो सकती है ब्रेन ट्यूमर की अनदेखी
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Published : Jun 8, 2022, 5:38 PM IST

Updated : Jun 8, 2022, 9:51 PM IST

देहरादून: ब्रेन ट्यूमर के बारे में लोगों को शिक्षित करने और जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल 8 जून को विश्व ब्रेन ट्यूमर दिवस (World Brain Tumor Day on 8 June) मनाया जाता है. ब्रेन ट्यूमर तब होता है जब मस्तिष्क में असामान्य कोशिकाएं बड़े पैमाने बढ़ जाती हैं और यह कैंसर और नॉन-कैंसर दोनों हो सकता है. वर्ल्ड ब्रेन ट्यूमर डे 2022 की थीम (World Brain Tumor Day 2022 Theme) 'टुगेदर वी आर स्ट्रॉन्गर' है.

10 लाख में से 4 लोगों को ब्रेन ट्यूमर: पूरे विश्व में 8 जून को वर्ल्ड ब्रेन ट्यूमर के रूप में मनाया जाता है. इस मौके पर आइए जानते हैं ब्रेन ट्यूमर को लेकर कुछ ऐसे तथ्य जोकि बेहद चौंकाने वाले हैं. पूरी दुनिया की अगर बात की जाए तो 10 लाख लोगों में से प्रति चार लोगों को ब्रेन ट्यूमर की शिकायत होती है. ब्रेन ट्यूमर भी दो प्रकार का होता है. एक बिना कैंसर वाला ब्रेन ट्यूमर जिसे नॉन कैंसर ब्रेन ट्यूमर कहते हैं. यह 80 फीसदी मामलों में देखने को मिलता है. वहीं, सबसे खतरनाक कैंसर वाला ट्यूमर जिसे कैंसर ट्यूमर कहते हैं. 20% मरीजों में यह देखने को मिलता है. बिना कैंसर वाले ब्रेन ट्यूमर का अगर समय पर इलाज कर दिया जाए तो बीमारी में 100 फीसदी सही होने के संभावना होती है.

खतरनाक हो सकती है ब्रेन ट्यूमर की अनदेखी.

वहीं, अगर कैंसर वाले ब्रेन ट्यूमर को भी सही समय पर डायग्नोस्कैन जाए तो पेशेंट के सरवाइव ऑल टाइम को बढ़ाया जा सकता है. पूरे विश्व में और भारत में भी मोर्टेलिटी रेट पर ब्रेन ट्यूमर चौथे नंबर पर है. ब्रेन ट्यूमर अगर केंसर वाला है जिसमें तो बेहद कम समय मे मरीज की मौत होती है. बताया जाता है कि GBM ब्रेन ट्यूमर एक ऐसा ट्यूमर है जो कि 3 महीने में मरीज की जान ले लेता है. अगर समय से मरीज को उपचार मिल जाए तो मरीज 3 सालों तक सरवाइव कर सकता है.

जागरूकता से ब्रेन ट्यूमर से लड़ाई आसान: न्यूरो सर्जरी के सीनियर कंसलटेंट डॉ एएम ठाकुर ने बताया कि ब्रेन ट्यूमर से लड़ने के लिए और जागरूकता एक सबसे बड़ा हथियार है. उन्होंने कहा जागरूकता के हथियार को मजबूत करने के लिए आज 8 जून का दिन वर्ल्ड ब्रेन टयूमर डे के रूप में मनाया जाता है. इस दिन हम सब ब्रेन ट्यूमर के प्रति जागरूकता को आगे बढ़ाने का काम करते हैं. उन्होंने कहा शरीर में बनने वाले किसी भी ट्यूमर का सटीक कारण नहीं पता किया जा सकता है. बचाव इसी में है कि जैसे ही आपको कुछ लक्षण दिखाई दें आप इसकी प्रॉपर जांच करवाएं.

इलाज से डरे नहीं, ब्रेन ट्यूमर के लक्षण समझें: न्यूरो सर्जरी के कंसल्टेंट डॉक्टर बिहारी सारस्वत ने बताया कि विनिमय लक्षणों को पहचानना बेहद जरुरी है, जिससे समय से उपचार शुरू किया जा सके. उन्होंने अपनी एक केस को साझा करते हुए कहा कि एक 44 वर्षीय महिला ने उन्हें न्यूरो सर्जरी के लिए ओपीडी में दिखाया. जिसको पिछले 3 वर्षों से दाहिनी आंख से लगातार कम नजर आ रहा था. साथ में उन्हें सिर दर्द की शिकायत भी थी. जिसके बाद उसका एम आरआई किया गया.

जांच करने पर नाक और आंख के अंदरूनी हिस्से ने उन्हें ट्यूमर देखने को मिला, जो दाई ओर से ऑप्टिकल तंत्रिका को संकुचित कर रहा था. इस बेहद जटिल मामले को सुप्राऑर्बिटल की होल विधि के जरिए हटाया गया. उन्होंने बताया मरीज को सिर्फ एक रात के लिए आईसीयू में रखा गया. अगली सुबह उसे जनरल वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया. तीसरे दिन हॉस्पिटल से छुट्टी कर दी गई . उन्होंने बताया कि हमें इलाज से घबराना नहीं चाहिए और ब्रेन ट्यूमर के लक्षणों को समझना चाहिए.

ब्रेन ट्यूमर की मरीज सरिता संधू ने साझा किये अनुभव: ब्रेन ट्यूमर से ग्रसित रही देहरादून निवासी सरिता संधू ने बताया उन्होंने इस बीमारी को झेला है. अब वह पूरी तरह से ठीक हैं. उन्होंने बाकी सभी मरीजों को और इस बीमारी से जूझ रहे लोगों को सलाह दी है कि इस बीमारी से डरे नहीं और डटकर सामना करें. सरिता संधू का कहना है कि बीमारी को समझे लक्ष्मण को पहचाने और समय से डॉक्टर के पास जाएं. उन्होंने अपने बीमारी और उपचार का अनुभव साझा करते हुए कहा कि उनका इलाज बेहद आसानी से हुआ है. इसकी वजह यही है कि वह समय रहते डॉक्टर के पास चली गई थी. आज वह ठीक होकर घर पर हैं.

ब्रेन ट्यूमर के लक्षण

  1. मामूली सिर दर्द का धीरे-धीरे गंभीर हो जाना.
  2. सुबह-सुबह सिर दर्द के कारण नींद खुल जाना.
  3. जी मचलाना या उल्टी होना.
  4. दृष्टि प्रभावित होना जैसे धुंधला दिखाई देना, चीजें का दो-दो दिखाई देना
  5. संतुलन बनाने में समस्या आना.
  6. बोलने में परेशानी होना.
  7. चक्कर आना, विशेष रूप से ऐसे व्यक्ति को जिसे कभी यह समस्या न हुई हो.
  8. सुनने की समस्या होना.

इन बातों का रखें ध्यान

  1. फिटनेस का ध्यान रखें, वजन न बढ़ने दें.
  2. रोजाना 30-40 मिनट योग और मेडिटेशन करें.
  3. किसी भी रूप में तंबाकू का सेवन न करें.
  4. अल्कोहल व लाल मांस का सेवन कम से कम करें.
  5. हरी पत्तेदार सब्जियों का नियमित सेवन करें.
  6. मस्तिष्क को शांत रखें, संगीत सुनें, किताबें पढ़े या अपना मनपसंद कोई काम करें.

देहरादून: ब्रेन ट्यूमर के बारे में लोगों को शिक्षित करने और जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल 8 जून को विश्व ब्रेन ट्यूमर दिवस (World Brain Tumor Day on 8 June) मनाया जाता है. ब्रेन ट्यूमर तब होता है जब मस्तिष्क में असामान्य कोशिकाएं बड़े पैमाने बढ़ जाती हैं और यह कैंसर और नॉन-कैंसर दोनों हो सकता है. वर्ल्ड ब्रेन ट्यूमर डे 2022 की थीम (World Brain Tumor Day 2022 Theme) 'टुगेदर वी आर स्ट्रॉन्गर' है.

10 लाख में से 4 लोगों को ब्रेन ट्यूमर: पूरे विश्व में 8 जून को वर्ल्ड ब्रेन ट्यूमर के रूप में मनाया जाता है. इस मौके पर आइए जानते हैं ब्रेन ट्यूमर को लेकर कुछ ऐसे तथ्य जोकि बेहद चौंकाने वाले हैं. पूरी दुनिया की अगर बात की जाए तो 10 लाख लोगों में से प्रति चार लोगों को ब्रेन ट्यूमर की शिकायत होती है. ब्रेन ट्यूमर भी दो प्रकार का होता है. एक बिना कैंसर वाला ब्रेन ट्यूमर जिसे नॉन कैंसर ब्रेन ट्यूमर कहते हैं. यह 80 फीसदी मामलों में देखने को मिलता है. वहीं, सबसे खतरनाक कैंसर वाला ट्यूमर जिसे कैंसर ट्यूमर कहते हैं. 20% मरीजों में यह देखने को मिलता है. बिना कैंसर वाले ब्रेन ट्यूमर का अगर समय पर इलाज कर दिया जाए तो बीमारी में 100 फीसदी सही होने के संभावना होती है.

खतरनाक हो सकती है ब्रेन ट्यूमर की अनदेखी.

वहीं, अगर कैंसर वाले ब्रेन ट्यूमर को भी सही समय पर डायग्नोस्कैन जाए तो पेशेंट के सरवाइव ऑल टाइम को बढ़ाया जा सकता है. पूरे विश्व में और भारत में भी मोर्टेलिटी रेट पर ब्रेन ट्यूमर चौथे नंबर पर है. ब्रेन ट्यूमर अगर केंसर वाला है जिसमें तो बेहद कम समय मे मरीज की मौत होती है. बताया जाता है कि GBM ब्रेन ट्यूमर एक ऐसा ट्यूमर है जो कि 3 महीने में मरीज की जान ले लेता है. अगर समय से मरीज को उपचार मिल जाए तो मरीज 3 सालों तक सरवाइव कर सकता है.

जागरूकता से ब्रेन ट्यूमर से लड़ाई आसान: न्यूरो सर्जरी के सीनियर कंसलटेंट डॉ एएम ठाकुर ने बताया कि ब्रेन ट्यूमर से लड़ने के लिए और जागरूकता एक सबसे बड़ा हथियार है. उन्होंने कहा जागरूकता के हथियार को मजबूत करने के लिए आज 8 जून का दिन वर्ल्ड ब्रेन टयूमर डे के रूप में मनाया जाता है. इस दिन हम सब ब्रेन ट्यूमर के प्रति जागरूकता को आगे बढ़ाने का काम करते हैं. उन्होंने कहा शरीर में बनने वाले किसी भी ट्यूमर का सटीक कारण नहीं पता किया जा सकता है. बचाव इसी में है कि जैसे ही आपको कुछ लक्षण दिखाई दें आप इसकी प्रॉपर जांच करवाएं.

इलाज से डरे नहीं, ब्रेन ट्यूमर के लक्षण समझें: न्यूरो सर्जरी के कंसल्टेंट डॉक्टर बिहारी सारस्वत ने बताया कि विनिमय लक्षणों को पहचानना बेहद जरुरी है, जिससे समय से उपचार शुरू किया जा सके. उन्होंने अपनी एक केस को साझा करते हुए कहा कि एक 44 वर्षीय महिला ने उन्हें न्यूरो सर्जरी के लिए ओपीडी में दिखाया. जिसको पिछले 3 वर्षों से दाहिनी आंख से लगातार कम नजर आ रहा था. साथ में उन्हें सिर दर्द की शिकायत भी थी. जिसके बाद उसका एम आरआई किया गया.

जांच करने पर नाक और आंख के अंदरूनी हिस्से ने उन्हें ट्यूमर देखने को मिला, जो दाई ओर से ऑप्टिकल तंत्रिका को संकुचित कर रहा था. इस बेहद जटिल मामले को सुप्राऑर्बिटल की होल विधि के जरिए हटाया गया. उन्होंने बताया मरीज को सिर्फ एक रात के लिए आईसीयू में रखा गया. अगली सुबह उसे जनरल वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया. तीसरे दिन हॉस्पिटल से छुट्टी कर दी गई . उन्होंने बताया कि हमें इलाज से घबराना नहीं चाहिए और ब्रेन ट्यूमर के लक्षणों को समझना चाहिए.

ब्रेन ट्यूमर की मरीज सरिता संधू ने साझा किये अनुभव: ब्रेन ट्यूमर से ग्रसित रही देहरादून निवासी सरिता संधू ने बताया उन्होंने इस बीमारी को झेला है. अब वह पूरी तरह से ठीक हैं. उन्होंने बाकी सभी मरीजों को और इस बीमारी से जूझ रहे लोगों को सलाह दी है कि इस बीमारी से डरे नहीं और डटकर सामना करें. सरिता संधू का कहना है कि बीमारी को समझे लक्ष्मण को पहचाने और समय से डॉक्टर के पास जाएं. उन्होंने अपने बीमारी और उपचार का अनुभव साझा करते हुए कहा कि उनका इलाज बेहद आसानी से हुआ है. इसकी वजह यही है कि वह समय रहते डॉक्टर के पास चली गई थी. आज वह ठीक होकर घर पर हैं.

ब्रेन ट्यूमर के लक्षण

  1. मामूली सिर दर्द का धीरे-धीरे गंभीर हो जाना.
  2. सुबह-सुबह सिर दर्द के कारण नींद खुल जाना.
  3. जी मचलाना या उल्टी होना.
  4. दृष्टि प्रभावित होना जैसे धुंधला दिखाई देना, चीजें का दो-दो दिखाई देना
  5. संतुलन बनाने में समस्या आना.
  6. बोलने में परेशानी होना.
  7. चक्कर आना, विशेष रूप से ऐसे व्यक्ति को जिसे कभी यह समस्या न हुई हो.
  8. सुनने की समस्या होना.

इन बातों का रखें ध्यान

  1. फिटनेस का ध्यान रखें, वजन न बढ़ने दें.
  2. रोजाना 30-40 मिनट योग और मेडिटेशन करें.
  3. किसी भी रूप में तंबाकू का सेवन न करें.
  4. अल्कोहल व लाल मांस का सेवन कम से कम करें.
  5. हरी पत्तेदार सब्जियों का नियमित सेवन करें.
  6. मस्तिष्क को शांत रखें, संगीत सुनें, किताबें पढ़े या अपना मनपसंद कोई काम करें.
Last Updated : Jun 8, 2022, 9:51 PM IST
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