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हैदराबाद के प्रत्यूष ने पूरा किया पिता का सपना, पिता बोले- आज मिली दुनिया की सबसे बड़ी दौलत - राजनाथ सिंह आईएमए परेड में शामिल

हैदराबाद निवासी प्रत्युष ने सेना में अफसर बनकर अपने पिता के सपने को पूरा कर दिखाया है. सिविल सर्विस में तैनात पिता के लिए ये काफी खुशी का पल है.

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पिता के सपने को बेटे ने किया पूरा.
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Published : Dec 7, 2019, 6:09 PM IST

देहरादून: भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) की पासिंग आउट परेड के बाद सेना में बतौर अधिकारी बनने वाले हैदराबाद के प्रत्यूष के लिए आज का दिन सबसे महत्वपूर्ण है. पिता ने बेटे के लिए सैनिक बनने का जो सपना देखा था वो आज पूरा हो गया. सिविल सर्विस में तैनात प्रत्युष के पिता का हमेशा से अरमान था कि उनके घर में एक फौजी हो.

हैदराबाद के प्रत्यूष बताते हैं कि आईएमए एकेडमी ज्वाइन करने से पहले कई तरह के सवाल थे. किस तरह से कठिन ट्रेनिंग पूरी होगी, कैसे मां-बाप से दूर रहकर चुनौतियों का सामना होगा, कब प्रशिक्षण पूरा कर पासिंग आउट परेड में शामिल होंगे. ये तमाम सवाल हैदराबाद के प्रत्युष के जेहन में थे, जो आज सेना में ऑफिसर बनते ही पूरे हो गए.

पिता के सपने को बेटे ने किया पूरा.

वहीं, प्रत्यूष के पिता का मानना है कि भले ही वो सिविल नौकरी से आते हो, लेकिन उनका अर्से से अरमान था कि उनका बेटा देश सेवा के लिए सेना में जाए. सपना आज पूरा हुआ है, जो वाकई जीवन का सबसे सुखद पल है. प्रत्यूष के पिता के मुताबिक, दुनिया की बड़ी से बड़ी दौलत और शोहरत एक तरफ है. घर में परिवार के सदस्य का फौजी बनने का गर्व सबसे बड़ी खुशी महसूस कराती है.

ये भी पढ़ें: वायरल वीडियो: दारोगा का नहीं किसी का डर, शादी में की जमकर हर्ष फायरिंग

ईटीवी भारत से विशेष बातचीत करते हुए प्रत्यूष के पिता बताते हैं कि भले ही परिवार से दूर रहकर बेटे ने कठिन ट्रेनिंग को पार किया हो, लेकिन ये सवाल मां और परिवार के सभी सदस्यों में था. देश सेवा के जज्बे और बेटे के फौजी बनने के अरमान ने सभी सवालों को पीछे छोड़ दिया.

देहरादून: भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) की पासिंग आउट परेड के बाद सेना में बतौर अधिकारी बनने वाले हैदराबाद के प्रत्यूष के लिए आज का दिन सबसे महत्वपूर्ण है. पिता ने बेटे के लिए सैनिक बनने का जो सपना देखा था वो आज पूरा हो गया. सिविल सर्विस में तैनात प्रत्युष के पिता का हमेशा से अरमान था कि उनके घर में एक फौजी हो.

हैदराबाद के प्रत्यूष बताते हैं कि आईएमए एकेडमी ज्वाइन करने से पहले कई तरह के सवाल थे. किस तरह से कठिन ट्रेनिंग पूरी होगी, कैसे मां-बाप से दूर रहकर चुनौतियों का सामना होगा, कब प्रशिक्षण पूरा कर पासिंग आउट परेड में शामिल होंगे. ये तमाम सवाल हैदराबाद के प्रत्युष के जेहन में थे, जो आज सेना में ऑफिसर बनते ही पूरे हो गए.

पिता के सपने को बेटे ने किया पूरा.

वहीं, प्रत्यूष के पिता का मानना है कि भले ही वो सिविल नौकरी से आते हो, लेकिन उनका अर्से से अरमान था कि उनका बेटा देश सेवा के लिए सेना में जाए. सपना आज पूरा हुआ है, जो वाकई जीवन का सबसे सुखद पल है. प्रत्यूष के पिता के मुताबिक, दुनिया की बड़ी से बड़ी दौलत और शोहरत एक तरफ है. घर में परिवार के सदस्य का फौजी बनने का गर्व सबसे बड़ी खुशी महसूस कराती है.

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ईटीवी भारत से विशेष बातचीत करते हुए प्रत्यूष के पिता बताते हैं कि भले ही परिवार से दूर रहकर बेटे ने कठिन ट्रेनिंग को पार किया हो, लेकिन ये सवाल मां और परिवार के सभी सदस्यों में था. देश सेवा के जज्बे और बेटे के फौजी बनने के अरमान ने सभी सवालों को पीछे छोड़ दिया.

Intro:pls नोट-Ready to pkg

pls note desk- इस खबर के विजुअल और हैदराबाद परिवार के one to one लाइव U 08 रोड से भेजे गए फाइल नेम- "Hydrabad family"

summary- बेटे के अफसर बनने पर हैदराबाद का परिवार बोला फ़ौजी होने से बड़ा कोई गर्व नहीं.. सारी दुनिया की दौलत शोहरत एक तरफ बेटे के सैनिक बनने की खुशी एक तरफ


भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए)की पासिंग आउट परेड से पास आउट होकर सेना में बतौर अधिकारी बनने वाले हैदराबाद मूल के प्रत्यूष के लिए आज का दिन उसकी जिंदगी का सबसे महत्वपूर्ण दिन है ..पिता ने बेटे के लिए सैनिक बनने का सपना देखा था जो आज पूरा हो गया। भले ही पिता सिविल सर्विस पर हूं लेकिन हमेशा से उनका अरमान था कि उनका घर से एक फौजी हो जिसका गर्व होने जिंदगी भर महसूस हो सके।
हैदराबाद से प्रत्यूष बताते हैं कि आईएमए एकेडमी ज्वाइन करने से पहले कई तरह के सवाल थे, किस तरह से कठिन ट्रेनिंग पूरी होगी कैसे मां-बाप से दूर रहकर चुनौतियों का सामना होगा कब प्रशिक्षण पूरा कर पासिंग आउट परेड में शामिल होंगे यह तमाम सवाल हैदराबाद के प्रत्युष के ज़ेहन मिले थे. जो आज सेना में ऑफिसर बनते ही पूरे हो गए।





Body:दुनिया की दौलत शोहरत एक तरफ बेटे के फौजी बनने की खुशी एक तरफ़

उधर हैदराबाद के प्रत्यूष के पिता का मानना है कि भले ही वह सिविल नौकरी से आते हो लेकिन उनका अर्से से अरमान था उनका बेटा देश सेवा के लिए सेना में जाए और वही सपना परिवार से दूर रहकर आज पूरा हुआ है जो आज वाकई जीवन का सबसे बसुखद पूर्ण है। प्रत्यूष के पिता के मुताबिक दुनिया की बड़ी से बड़ी दौलत शोहरत एक तरफ है और घर में परिवार के सदस्य का फौजी बनने का गर्व सबसे बड़ी खुशी महसूस कराती है। ईटीवी भारत से विशेष बातचीत करते हुए प्रत्यूष के पिता बताते हैं कि भले ही परिवार से दूर रहकर बेटा किस तरह से कठिन चुनौती पूर्ण ट्रेनिंग से पार पाएगा, यह सवाल मां और परिवार के सभी सदस्यों में था। लेकिन देश सेवा के जज्बे व बेटे के फौजी बनने की अरमान ने सभी सवालों को पीछे छोड़ दिया।

हैदराबाद मूल के परिवार में बेटे के सेना में अधिकारी बनने के बाद ईटीवी भारत से विशेष बातचीत करते हुए फौजी बनने के गर्म और अपने खुशियों को अपने भावनाओं से व्यक्त किया

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लेफ्टिनेंट प्रत्यूष, हैदराबाद मूल के परिवार



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