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महाशिवरात्रि में बन रहा है ये खास संयोग, जानें कैसे करें शिव की पूजा

महाशिवरात्रि का उल्लास पूरे देश में दिखाई दे रहा है. इसकी तैयारियां भी कई दिनों से शुरू हो गईं हैं. जानिए कैसे करें शिव की पूजा की वो हो जाएंगे प्रसन्न.

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महाशिवरात्रि में बन रहा है ये खास संयोग
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Published : Feb 20, 2020, 1:49 PM IST

भोपाल(मध्यप्रदेश): महाशिवरात्रि के पर्व को लेकर सभी जगह तैयारियां शुरू हो गई हैं. फागुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि का हिंदू धर्म में विशेष महत्व माना गया है. इसी दिन भगवान शिव और माता पार्वती परिणय सूत्र में बंधे थे, इसीलिए इस दिन को महाशिवरात्रि के रूप में मनाया जाता है. महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा-अर्चना करने से व्यक्ति के सभी कष्ट मिट जाते हैं और सभी मनोकामनाएं भी पूर्ण होती हैं. महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए पूरे विधि विधान के साथ मंदिरों और घरों में पूजा की जाती है. जिसकी तैयारियां सभी जगह पर शुरू हो गई हैं.

महाशिव पर मंदिरों में विशेष साज-सज्जा

पंडित विष्णु राजोरिया का कहना है कि महाशिवरात्रि का उल्लास पूरे देश में दिखाई देता है. इसकी तैयारियां भी कई दिनों से शुरू हो जाती हैं. मंदिरों में भी विशेष साज-सज्जा की जाती है. भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए सभी भक्त तरह-तरह की पूजन सामग्री से पूजा-अर्चना करते हैं. महाशिवरात्रि से एक दिन पहले भी पूजा सामग्री का प्रबंध भक्तों के द्वारा कर लिया जाता है.

महाशिवरात्रि में बन रहा है ये खास संयोग

ये भी पढ़ें: महाशिवरात्रि पर 100 साल बाद बन रहा ऐसा महायोग, मिलेगा मनोवांछित फल

कैसे हो शिव की पूजा

पंडित ने बताया कि पहले भगवान शिव का जल से अभिषेक करना चाहिए और फिर उन्हें भांग, धतूरा, शमी का पत्ता, बेलपत्र, अक्षत, गाय का दूध, लोंग, चंदन, कमलगट्टा समेत अन्य पूजा सामग्री अर्पण करना चाहिए. इस दौरान नंदी की भी पूजा होनी चाहिए. उन्होंने बताया कि भगवान शिव को प्रसन्न करने का एक सबसे सरल माध्यम ये भी है कि ओम नमः शिवाय का मंत्र उच्चारण करते रहना चाहिए. इसके अलावा शिव चालीसा का पाठ भी काफी शुभ माना गया है. भगवान शिव काफी भोले हैं, जरूरी नहीं है कि आपके पास ये सभी सामग्री उपलब्ध हो, इसलिए यदि सच्चे मन से केवल जल से भी उनका पूजन किया जाता है तो भगवान शिव प्रसन्न हो जाते हैं.

पूजा का समय

महाशिवरात्रि का महत्व रात्रि के समय पूजा करने का माना गया है, हालांकि प्रातः काल 4 बजे से महाशिवरात्रि की पूजा अर्चना सभी शिवालय में प्रारंभ हो जाती है और देर रात तक ये इसी तरह से जारी रहती है.

ये भी पढ़ें:उत्तराखंड में तख्तापलट की अफवाहों का बाजार गर्म, CM बोले- षड्यंत्र से जुड़ा है राजनीति का इतिहास

कैसे होंगे शिव प्रसन्न

उन्होंने बताया कि भगवान शिव की पूजा के बाद अंत में कपूर या गाय के घी वाले दीपक से भगवान शिव की आरती उतारना चाहिए, यदि भक्त चाहते हैं तो वे महाशिवरात्रि के दिन व्रत भी रख सकते हैं. महाशिवरात्रि के दिन शिव पुराण का भी पाठ किया जाता है तो इसे सर्वोत्तम माना गया है. महाशिवरात्रि के दिन ओम नमः शिवाय का जाप अधिक से अधिक करना चाहिए. इससे हमारे ऊपर वर्षभर शिव की कृपा बनी रहती है.

भोपाल(मध्यप्रदेश): महाशिवरात्रि के पर्व को लेकर सभी जगह तैयारियां शुरू हो गई हैं. फागुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि का हिंदू धर्म में विशेष महत्व माना गया है. इसी दिन भगवान शिव और माता पार्वती परिणय सूत्र में बंधे थे, इसीलिए इस दिन को महाशिवरात्रि के रूप में मनाया जाता है. महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा-अर्चना करने से व्यक्ति के सभी कष्ट मिट जाते हैं और सभी मनोकामनाएं भी पूर्ण होती हैं. महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए पूरे विधि विधान के साथ मंदिरों और घरों में पूजा की जाती है. जिसकी तैयारियां सभी जगह पर शुरू हो गई हैं.

महाशिव पर मंदिरों में विशेष साज-सज्जा

पंडित विष्णु राजोरिया का कहना है कि महाशिवरात्रि का उल्लास पूरे देश में दिखाई देता है. इसकी तैयारियां भी कई दिनों से शुरू हो जाती हैं. मंदिरों में भी विशेष साज-सज्जा की जाती है. भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए सभी भक्त तरह-तरह की पूजन सामग्री से पूजा-अर्चना करते हैं. महाशिवरात्रि से एक दिन पहले भी पूजा सामग्री का प्रबंध भक्तों के द्वारा कर लिया जाता है.

महाशिवरात्रि में बन रहा है ये खास संयोग

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कैसे हो शिव की पूजा

पंडित ने बताया कि पहले भगवान शिव का जल से अभिषेक करना चाहिए और फिर उन्हें भांग, धतूरा, शमी का पत्ता, बेलपत्र, अक्षत, गाय का दूध, लोंग, चंदन, कमलगट्टा समेत अन्य पूजा सामग्री अर्पण करना चाहिए. इस दौरान नंदी की भी पूजा होनी चाहिए. उन्होंने बताया कि भगवान शिव को प्रसन्न करने का एक सबसे सरल माध्यम ये भी है कि ओम नमः शिवाय का मंत्र उच्चारण करते रहना चाहिए. इसके अलावा शिव चालीसा का पाठ भी काफी शुभ माना गया है. भगवान शिव काफी भोले हैं, जरूरी नहीं है कि आपके पास ये सभी सामग्री उपलब्ध हो, इसलिए यदि सच्चे मन से केवल जल से भी उनका पूजन किया जाता है तो भगवान शिव प्रसन्न हो जाते हैं.

पूजा का समय

महाशिवरात्रि का महत्व रात्रि के समय पूजा करने का माना गया है, हालांकि प्रातः काल 4 बजे से महाशिवरात्रि की पूजा अर्चना सभी शिवालय में प्रारंभ हो जाती है और देर रात तक ये इसी तरह से जारी रहती है.

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कैसे होंगे शिव प्रसन्न

उन्होंने बताया कि भगवान शिव की पूजा के बाद अंत में कपूर या गाय के घी वाले दीपक से भगवान शिव की आरती उतारना चाहिए, यदि भक्त चाहते हैं तो वे महाशिवरात्रि के दिन व्रत भी रख सकते हैं. महाशिवरात्रि के दिन शिव पुराण का भी पाठ किया जाता है तो इसे सर्वोत्तम माना गया है. महाशिवरात्रि के दिन ओम नमः शिवाय का जाप अधिक से अधिक करना चाहिए. इससे हमारे ऊपर वर्षभर शिव की कृपा बनी रहती है.

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