देहरादूनः उत्तराखंड में नेतृत्व परिवर्तन होने के बाद आगामी विधानसभा चुनाव (uttarakhand assembly election) के मद्देनजर समीकरण बनाए जाने लगे हैं. एक ओर बीजेपी, मुख्यमंत्री के रूप में युवा चेहरा मिलने से काफी उत्साहित नजर आ रही है. साथ ही युवा चेहरे से ज्यादा फायदा मिलने की बात भी कह रही है तो वहीं विपक्षी दल कांग्रेस भी इस बात को मान रही है कि युवा चेहरे से चुनाव में काफी लाभ मिलता है, लेकिन जनता पूरे 5 साल के कार्यकाल को देखती है.
बता दें कि उत्तराखंड में आगामी 2022 में विधानसभा चुनाव होने हैं. सूबे की दोनों मुख्य पार्टियां बीजेपी और कांग्रेस आगामी विधानसभा चुनाव की रणनीतियां बनाने में जुटी हुई हैं. बीजेपी आलाकमान ने भी ऐन मौके पर नेतृत्व परिवर्तन कर इस बार युवा चेहरा पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) पर दांव खेला है. जिसके बाद से चर्चा है कि आगामी विधानसभा चुनाव में इस युवा चेहरे का बीजेपी को काफी फायदा मिलेगा.
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बीजेपी का एक ही रोडमैप है, बस चेहरा अलग हैः सुबोध उनियाल
शासकीय प्रवक्ता सुबोध उनियाल का कहना है कि साल 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में प्रदेश की जनता ने भारी बहुमत से बीजेपी को जीत दिलाई. लिहाजा, पार्टी ने घोषणा पत्र के अनुरूप रोडमैप तैयार किया. पहले त्रिवेंद्र सिंह रावत और फिर तीरथ सिंह रावत के नेतृत्व में उस रोडमैप पर काम किया गया. अब जब प्रदेश में नेतृत्व परिवर्तन हो गया है तो पुष्कर धामी के नेतृत्व में उसी रोडमैप पर आगे काम किया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि यह सच है कि नौजवान की गति तेज होती है. ऐसे में उम्मीद है कि धामी तेज गति से रोडमैप को पूरा करेंगे. साथ ही सुबोध ने कहा कि एक ही रोडमैप है, बस चेहरा अलग हैं, लेकिन बीजेपी की विचारधारा पर बने रोडमैप पर ही काम होगा.
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पुष्कर धामी युवा चेहरे के साथ अनुभवहीन मुख्यमंत्रीः कांग्रेस
वहीं, कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता गरिमा दसौनी ने बताया कि पुष्कर सिंह धामी, युवा चेहरे के साथ ही अनुभवहीन मुख्यमंत्री हैं. ऐसे में प्रदेश को चलाने के लिए युवा चेहरा होना काफी नहीं है, बल्कि अनुभव और प्रशासनिक क्षमता होनी भी जरूरी है. जब तक मुख्यमंत्री, सचिवालय और विधानसभा को समझेंगे, कार्यकाल पूरा हो चुका होगा.
गरिमा ने तंज कसते हुए कहा कि अगर बीजेपी को लगता है कि युवा चेहरे का उनको फायदा मिलेगा तो पहले इस युवा चेहरे को मुख्यमंत्री क्यों नहीं बनाया गया? जिसका अब खामियाजा उत्तराखंड की जनता भुगतेगी. गरिमा ने कहा कि किसी भी कार्यकाल के एक मुख्यमंत्री के काम को नहीं देखा जाएगा, बल्कि पूरे 5 साल का कार्यकाल जनता देखेगी.