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मसूरी में आसमान से बरसी आफत, एक मकान हुआ क्षतिग्रस्त, बाल-बाल बचे परिवार के 12 लोग

मसूरी में बारिश के चलते मसूरी के सुमित्रा भवन मकैनिक पंप हाऊस के पास भूस्खलन हुआ, जिस कारण एक मकान पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया. जिस वक्त यह हादसा हुआ उस वक्त घर में परिवार के 12 लोग मौजूद थे.

भूस्खलन से क्षतिग्रतस्त हुआ मकान.
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Published : Jul 9, 2019, 10:27 PM IST

मसूरी: पहाड़ों की रानी मसूरी में भारी बारिश एक परिवार पर कहर बनकर बरसी. बारिश के चलते मसूरी के सुमित्रा भवन मकैनिक पंप हाऊस के पास भूस्खलन हुआ, जिस कारण एक मकान पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया. जिस वक्त यह हादसा हुआ उस वक्त घर में परिवार के 12 लोग मौजूद थे.

भूस्खलन से क्षतिग्रतस्त हुआ मकान.

आज सुबह हुई तेज बारिश के चलते पहाड़ी दरकने से खतरा पैदा हो गया है. भूस्खलन के वक्त घर के अंदर कुछ बच्चे और महिला के साथ एक महीने का बच्चा भी मौजूद था. घर के मालिक श्याम पंवार ने कड़ी मशक्कत के बाद घरवालों को बाहर निकाला. मकान के ऊपर मलबा और पत्थरों के गिरने से मकान पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया. वहीं, पहाड़ी दरकने के कारण क्षतिग्रस्त मकान के ऊपर बने मकानों को भी खतरा पैदा हो गया है.

पढ़ें: चोराबाड़ी झील को लेकर वाडिया के वैज्ञानिकों ने किया बड़ा खुलासा, बताई हकीकत

पीड़ित श्याम पंवार ने बताया कि हादसे के बाद नायब तहसीलदार ने नुकसान का आंकलन किया, लेकिन अभी तक उन तक कोई मदद नहीं पहुंचाई गई है और न ही उनके परिवार को किसी सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया. पीड़ित ने सरकार से जल्द मदद करने की गुहार लगाई है.

वहीं, मसूरी नायब तहसीलदार पूरण तोमर टीम के साथ घटना स्थल पर पहुंचे. उन्होंने कहा कि नुकसान के आंकलन की रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी. आपदा के नियमों अनुसार पीड़ित परिवार को मुआवजा और राहत राशि दी जायेगी.

वहीं, स्थानीय लोगों का कहना है कि सरकार आपदा से निपटने के बड़े-बड़े दावे करती है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है. बारिश शुरू होते ही सरकार के दांवों की पोल खुलने लगी है.

मसूरी: पहाड़ों की रानी मसूरी में भारी बारिश एक परिवार पर कहर बनकर बरसी. बारिश के चलते मसूरी के सुमित्रा भवन मकैनिक पंप हाऊस के पास भूस्खलन हुआ, जिस कारण एक मकान पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया. जिस वक्त यह हादसा हुआ उस वक्त घर में परिवार के 12 लोग मौजूद थे.

भूस्खलन से क्षतिग्रतस्त हुआ मकान.

आज सुबह हुई तेज बारिश के चलते पहाड़ी दरकने से खतरा पैदा हो गया है. भूस्खलन के वक्त घर के अंदर कुछ बच्चे और महिला के साथ एक महीने का बच्चा भी मौजूद था. घर के मालिक श्याम पंवार ने कड़ी मशक्कत के बाद घरवालों को बाहर निकाला. मकान के ऊपर मलबा और पत्थरों के गिरने से मकान पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया. वहीं, पहाड़ी दरकने के कारण क्षतिग्रस्त मकान के ऊपर बने मकानों को भी खतरा पैदा हो गया है.

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पीड़ित श्याम पंवार ने बताया कि हादसे के बाद नायब तहसीलदार ने नुकसान का आंकलन किया, लेकिन अभी तक उन तक कोई मदद नहीं पहुंचाई गई है और न ही उनके परिवार को किसी सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया. पीड़ित ने सरकार से जल्द मदद करने की गुहार लगाई है.

वहीं, मसूरी नायब तहसीलदार पूरण तोमर टीम के साथ घटना स्थल पर पहुंचे. उन्होंने कहा कि नुकसान के आंकलन की रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी. आपदा के नियमों अनुसार पीड़ित परिवार को मुआवजा और राहत राशि दी जायेगी.

वहीं, स्थानीय लोगों का कहना है कि सरकार आपदा से निपटने के बड़े-बड़े दावे करती है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है. बारिश शुरू होते ही सरकार के दांवों की पोल खुलने लगी है.

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मसूरी में मंगलवार को भी तेज बारिश का कहर देखने को मिला जा मसूरी सुमित्रा भवन मकैनिक पंप हाउस के पास भारी भूस्खलन होने से एक मकान पूरी तरीके से क्षतिग्रस्त हो गया बस में रह रहे एक ही परिवार के 12 लोग ने बड़ी मुश्किल से अपनी जान बचाई पहाड़ी दरकने के कारण शशिकांत के ऊपर बने मकान को भी खतरा पैदा हो गया है


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