देहरादून: उत्तराखंड में जीएसटी विभाग 'बिल लाओ इनाम पाओ' योजना चला रहा है. जिसके जरिये अब कुछ लोग गच्चा देकर राज्य सरकार को चूना लगाने का काम कर रहे हैं. जीएसटी विभाग की कार्रवाई के दौरान हुए खुलासे के बाद वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने भी इस पर आपत्ति जताते हुए कहा है कि इस तरह के मामले आना बेहद चिंताजनक हैं, क्योंकि सभी रिटर्न को बेहद सुलभ और सुखद बनाया गया है. प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा उन्हें जानकारी मिली है कि देहरादून के दुकानदार और होटल मालिक इस काम में शामिल हैं.
दरअसल, राज्य सरकार की तरफ से 'बिल लाओ इनाम पाओ योजना' चलाई जा रही है. जिसमें आप अगर कोई भी वस्तु खरीदते हैं. जिस पर आप जीएसटी दे रहे हैं उसका बिल वेबसाइट पर अपलोड करने के बाद इनाम पा सकते हैं. राज्य कर विभाग ने शिकायतों के आधार पर राजपुर रोड पर बने दो रेस्टोरेंट और दो बड़े होटल पर अचानक छापेमारी की. जिसमें पाया गया कि "बिल लाओ इनाम पाओ' योजना के एप्लीकेशन पर एक बार और रेस्टोरेंट के 55 बिल उपभोक्ताओं द्वारा अपलोड किए गए थे, लेकिन जांच में पता चला कि जिस संस्थान या रेस्टोरेंट के वह बिल थे, उन्होंने अपनी जीएसटी रिटर्न फाइल में शून्य भरा हुआ था. इसके बाद और पड़ताल की गई. जिसके बाद पाया कि 1.25 करोड़ रुपये से अधिक की अघोषित बिक्री उन्होंने की है. जिसका कोई भी ब्यौरा जीएसटी विभाग के पास नहीं पहुंचाया. इसके बाद टीम ने तमाम दस्तावेजों को जब्त करके आगे की कार्रवाई शुरू की है.
इसी दौरान होटल में छापेमारी के दौरान भी टैक्स क्रेडिट यानी आईटीसी का लाभ लेने का मामला सामने आया है. बताया गया है कि होटल का टर्नओवर ही 1.50 करोड़ रुपये है. यहां पर भी जीएसटी विभाग ने बड़ी संख्या में टैक्स चोरी पकड़ी है. एक होटल का टर्नओवर 2 करोड़ रुपए से अधिक है,जबकि ऑनलाइन बुकिंग के एवज में होटल संचालक रिटर्न में जानकारी पूरी तरह से नहीं भर रहे थे. फिलहाल जीएसटी की टीम ने सभी संचालकों के कागजात जब्त किए हैं.
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राज्य कर विभाग के अपर आयुक्त पान सिंह ने बताया कि हमारी तरफ से समय-समय पर इस तरह का अभियान चलाया जाता है और हमें कई जगहों पर यह शक था कि कर चोरी की जा रही है. उन्होंने कहा कि आगे भी इस तरह की शिकायत मिल रही है और जल्द ही और कार्रवाई की जाएगी.
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