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राज्य आंदोलनकारियों को सरकारी नौकरी में मिलेगा 10 फीसदी क्षैतिज आरक्षण, बिल को मिली मंजूरी

Uttarakhand Cabinet Meeting In Dehradun उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलनकारियों और उनके आश्रितों को धामी मंत्रिमंडल ने बड़ा तोहफा दिया है. दरअसल सरकारी नौकरियों में 10 फ़ीसदी क्षैतिज आरक्षण के बिल को धामी सरकार ने मंजूरी दे दी है. इसका लाभ उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलन के शहीदों के परिजन, जेल गए और घायल हुए आंदोलनकारियों के आश्रितों को मिलेगा.

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Sep 1, 2023, 8:33 PM IST

Updated : Sep 1, 2023, 10:21 PM IST

10 फीसदी क्षैतिज आरक्षण को मिली मंजूरी

देहरादून: उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलनकारियों/उनके आश्रितों को सरकारी नौकरियों में 10 फ़ीसदी क्षैतिज आरक्षण के बिल को धामी मंत्रिमंडल ने मंजूरी दे दी है. जिससे 5 सितंबर से होने वाले मानसून सत्र के दौरान 10 फ़ीसदी क्षैतिज आरक्षण विधेयक, सदन में पेश किया जाएगा. विधेयक के पारित होने के बाद यह कानूनी रूप ले लेगा. खास बात यह है कि 2004 के बाद से ही आंदोलनकारियों और उनके आश्रितों को इसका लाभ मिलना शुरू हो जाएगा.

राज्य आंदोलनकारियों को सरकारी नौकरी में मिलेगा 10 फीसदी क्षैतिज आरक्षण

राज्य गठन के बाद से 10 फीसदी क्षैतिज आरक्षण की उठी मांग: राज्य गठन के बाद से उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी 10 फीसदी क्षैतिज आरक्षण की मांग कर रहे थे. शुरुआती दौर में राज्य गठन के बाद साल 2004 में तात्कालिक मुख्यमंत्री एनडी तिवारी ने आरक्षण दिए जाने को लेकर शासनादेश भी जारी कर दिया था. उसके बाद हाईकोर्ट में इसका मामला जाने से हाईकोर्ट ने सरकार के शासनादेश को रद्द कर दिया था. जिसके चलते राज्य आंदोलनकारी और उनके आश्रितों को इस शासनादेश का लाभ नहीं मिल पाया है. इसके बाद से ही राज्य आंदोलनकारी लगातार आरक्षण की मांग करते रहे.

Uttarakhand Cabinet Meeting In Dehradun
शहीदों को पुष्प अर्पित करते हुए सीएम धामी

ये भी पढ़ें: धामी कैबिनेट की बैठक में 20 प्रस्तावों पर लगी मुहर, अनुपूरक बजट को मिली मंजूरी, 10 फीसदी क्षैतिज आरक्षण भी पास

CM धामी ने 10 फ़ीसदी क्षैतिज आरक्षण बहाल की कही थी बात: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 10 फीसदी क्षैतिज आरक्षण को बहाल करने की बात कही थी और विधेयक को मंजूरी भी दे दी थी, लेकिन विधेयक में कुछ संशोधन किए जाने को लेकर सरकार ने सितंबर 2022 में इसे वापस ले लिया था. जिसके बाद कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल की अध्यक्षता में सब कमेटी का गठन किया गया था.कमेटी के सुझावों को 14 मार्च 2023 में हुए मंत्रिमंडल की बैठक में मंजूरी देते हुए राजभवन भेजने पर भी सहमति बन गई थी. इस विधेयक को राज्यपाल से मंजूरी के लिए राजभवन भी भेज दिया गया था, लेकिन राजभवन ने इस विधेयक को एक संदेश के साथ विधानसभा को वापस लौटा दिया.

ये भी पढ़ें: वन नेशन वन इलेक्शन का सीएम धामी ने किया समर्थन, पीएम मोदी की तारीफों के बांधे पुल

10 फीसदी क्षैतिज आरक्षण को मिली मंजूरी

देहरादून: उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलनकारियों/उनके आश्रितों को सरकारी नौकरियों में 10 फ़ीसदी क्षैतिज आरक्षण के बिल को धामी मंत्रिमंडल ने मंजूरी दे दी है. जिससे 5 सितंबर से होने वाले मानसून सत्र के दौरान 10 फ़ीसदी क्षैतिज आरक्षण विधेयक, सदन में पेश किया जाएगा. विधेयक के पारित होने के बाद यह कानूनी रूप ले लेगा. खास बात यह है कि 2004 के बाद से ही आंदोलनकारियों और उनके आश्रितों को इसका लाभ मिलना शुरू हो जाएगा.

राज्य आंदोलनकारियों को सरकारी नौकरी में मिलेगा 10 फीसदी क्षैतिज आरक्षण

राज्य गठन के बाद से 10 फीसदी क्षैतिज आरक्षण की उठी मांग: राज्य गठन के बाद से उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी 10 फीसदी क्षैतिज आरक्षण की मांग कर रहे थे. शुरुआती दौर में राज्य गठन के बाद साल 2004 में तात्कालिक मुख्यमंत्री एनडी तिवारी ने आरक्षण दिए जाने को लेकर शासनादेश भी जारी कर दिया था. उसके बाद हाईकोर्ट में इसका मामला जाने से हाईकोर्ट ने सरकार के शासनादेश को रद्द कर दिया था. जिसके चलते राज्य आंदोलनकारी और उनके आश्रितों को इस शासनादेश का लाभ नहीं मिल पाया है. इसके बाद से ही राज्य आंदोलनकारी लगातार आरक्षण की मांग करते रहे.

Uttarakhand Cabinet Meeting In Dehradun
शहीदों को पुष्प अर्पित करते हुए सीएम धामी

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CM धामी ने 10 फ़ीसदी क्षैतिज आरक्षण बहाल की कही थी बात: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 10 फीसदी क्षैतिज आरक्षण को बहाल करने की बात कही थी और विधेयक को मंजूरी भी दे दी थी, लेकिन विधेयक में कुछ संशोधन किए जाने को लेकर सरकार ने सितंबर 2022 में इसे वापस ले लिया था. जिसके बाद कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल की अध्यक्षता में सब कमेटी का गठन किया गया था.कमेटी के सुझावों को 14 मार्च 2023 में हुए मंत्रिमंडल की बैठक में मंजूरी देते हुए राजभवन भेजने पर भी सहमति बन गई थी. इस विधेयक को राज्यपाल से मंजूरी के लिए राजभवन भी भेज दिया गया था, लेकिन राजभवन ने इस विधेयक को एक संदेश के साथ विधानसभा को वापस लौटा दिया.

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Last Updated : Sep 1, 2023, 10:21 PM IST
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