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HC के आदेश पर हाई पावर कमेटी करेगी बैठक, 7 साल तक की सजा पाने वाले कैदियों को जल्द मिलेगी पैरोल

उत्तराखंड की जेलों में करीब 6000 कैदी बंद हैं. इनमें से 4 हजार कैदियों की सजा विचाराधीन है और 2 हजार कैदियों को सजा मिल चुकी है.

dehradun jail
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Published : May 7, 2021, 5:48 PM IST

देहरादून: कोरोना के बढ़ते खतरे को देखते हुए नैनीताल हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को सात साल से कम सजा पाने के कैदियों को जेल से पैरोल पर छोड़ने का आदेश दिया है. सरकार ने नैनीताल हाई कोर्ट के आदेश पर अमल कर शुरू कर दिया है. कितने कैदियों को पैरोल पर छोड़ा जाना है, इसको लेकर जल्द ही हाईपावर कमेटी निर्णय लेने वाली है.

इस बारे में उत्तराखंड जेल आईजी एपी अंशुमान ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर गठित हाई पावर कमेटी की जल्द ही बैठक होगी. हाई पावर कमेटी की बैठक में राज्य विधिक प्राधिकरण के वरिष्ठ जज, प्रदेश के गृह सचिव और डीजीपी सहित वह खुद जेल आईजी के तौर पर शामिल होंगे. बैठक में निर्णय लिया जाएगा कि जेल से कितने कैदियों को पैरोल पर छोड़ना है.

पढ़ें- HC का बड़ा आदेश, 7 साल तक की सजा पाने वाले कैदी पैरोल पर होंगे रिहा

बता दें कि जेल में कोरोना के खतरे को देखते हुए नैनीताल हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की गई थी. याचिका पर गुरुवार को सुनवाई हुई थी. इस दौरान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिया था कि वो सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित हाईपावर कमेटी से विचार कर सात साल से कम सजा पाने वाले कैदियों को पैरोल पर रिहा किया जाए. ताकि जेल में कोरोना के खतरे को कम किया जा सके.

इसके साथ ही कोर्ट ने कैदियों से उनके परिवार और उनके वकीलों से मिलने के लिए ई-मुलाकात की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं. वहीं, उत्तराखंड की जेलों में बंद कैदियों की स्थिति पर आईजी जेल ने गुरुवार को कोर्ट में अपना जवाब पेश किया था.

आईजी जेल ने अपने जवाब में कोर्ट को बताया कि उत्तराखंड की जेलों में करीब 6000 कैदी बंद हैं. इनमें से 4 हजार कैदियों की सजा विचाराधीन है और 2 हजार कैदियों को सजा मिल चुकी है. सरकार ने सभी कैदियों की कोरोना जांच करवाई है, जिसमें से 59 कैदी कोरोना पॉजिटिव हैं, जबकि एक कैदी में संक्रमण के लक्षण हैं. इन कैदियों को संक्रमण मुक्त रखने के लिए सरकार ने पूरी व्यवस्था की है. प्रदेशभर के डीएम को निर्देश दिए हैं कि कैदियों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं दिलाई जाएं.

पढ़ें- देहरादून जेल से पिछले साल पैरोल पर छोड़े गए 36 कैदी 'लापता' तलाश में कोरोना बन रहा बांधा

पिछले साल पैरोल पर रिहा हुए 36 कैदी लापता

पिछले साल 2020 में भी कोरोना के खतरे को देखते हुए कुछ कैदियों से पैरोल पर छोड़ा गया था. इसमें से कुछ कैदी तो पैरोल की अवधि पूरी करने बाद जेल वापस लौट आए थे. वहीं देहरादून की सुद्दोवाला जेल के 35 कैदी ऐसे हैं, जो अभीतक वापस नहीं आए है. इसको लेकर जेल प्रशासन ने पुलिस को लिखा भी था. पुलिस ने इन लापता कैदियों की तलाश कर रही है.

देहरादून: कोरोना के बढ़ते खतरे को देखते हुए नैनीताल हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को सात साल से कम सजा पाने के कैदियों को जेल से पैरोल पर छोड़ने का आदेश दिया है. सरकार ने नैनीताल हाई कोर्ट के आदेश पर अमल कर शुरू कर दिया है. कितने कैदियों को पैरोल पर छोड़ा जाना है, इसको लेकर जल्द ही हाईपावर कमेटी निर्णय लेने वाली है.

इस बारे में उत्तराखंड जेल आईजी एपी अंशुमान ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर गठित हाई पावर कमेटी की जल्द ही बैठक होगी. हाई पावर कमेटी की बैठक में राज्य विधिक प्राधिकरण के वरिष्ठ जज, प्रदेश के गृह सचिव और डीजीपी सहित वह खुद जेल आईजी के तौर पर शामिल होंगे. बैठक में निर्णय लिया जाएगा कि जेल से कितने कैदियों को पैरोल पर छोड़ना है.

पढ़ें- HC का बड़ा आदेश, 7 साल तक की सजा पाने वाले कैदी पैरोल पर होंगे रिहा

बता दें कि जेल में कोरोना के खतरे को देखते हुए नैनीताल हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की गई थी. याचिका पर गुरुवार को सुनवाई हुई थी. इस दौरान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिया था कि वो सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित हाईपावर कमेटी से विचार कर सात साल से कम सजा पाने वाले कैदियों को पैरोल पर रिहा किया जाए. ताकि जेल में कोरोना के खतरे को कम किया जा सके.

इसके साथ ही कोर्ट ने कैदियों से उनके परिवार और उनके वकीलों से मिलने के लिए ई-मुलाकात की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं. वहीं, उत्तराखंड की जेलों में बंद कैदियों की स्थिति पर आईजी जेल ने गुरुवार को कोर्ट में अपना जवाब पेश किया था.

आईजी जेल ने अपने जवाब में कोर्ट को बताया कि उत्तराखंड की जेलों में करीब 6000 कैदी बंद हैं. इनमें से 4 हजार कैदियों की सजा विचाराधीन है और 2 हजार कैदियों को सजा मिल चुकी है. सरकार ने सभी कैदियों की कोरोना जांच करवाई है, जिसमें से 59 कैदी कोरोना पॉजिटिव हैं, जबकि एक कैदी में संक्रमण के लक्षण हैं. इन कैदियों को संक्रमण मुक्त रखने के लिए सरकार ने पूरी व्यवस्था की है. प्रदेशभर के डीएम को निर्देश दिए हैं कि कैदियों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं दिलाई जाएं.

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पिछले साल पैरोल पर रिहा हुए 36 कैदी लापता

पिछले साल 2020 में भी कोरोना के खतरे को देखते हुए कुछ कैदियों से पैरोल पर छोड़ा गया था. इसमें से कुछ कैदी तो पैरोल की अवधि पूरी करने बाद जेल वापस लौट आए थे. वहीं देहरादून की सुद्दोवाला जेल के 35 कैदी ऐसे हैं, जो अभीतक वापस नहीं आए है. इसको लेकर जेल प्रशासन ने पुलिस को लिखा भी था. पुलिस ने इन लापता कैदियों की तलाश कर रही है.

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