नैनीताल: रिस्पना और बिंदाल नदी किनारे हुए अतिक्रमण पर नैनीताल हाई कोर्ट ने सख्त रवैया अपना लिया है. जिसमें सुनवाई करते हुए कोर्ट ने देहरादून डीएम से 2 हफ्ते के भीतर विशेष रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए हैं. वहीं अतिक्रमण पर केंद्र और राज्य सरकार द्वारा जवाब न पेश करने पर उन्हें फटकार भी लगाई है.
दरअसल, देहरादून निवासी पार्षद उर्मिला थापा ने नैनीताल हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी. जिसमें कहा गया था कि लोगों ने रिस्पना और बिंदाल नदी के किनारे अतिक्रमण कर लिया है. साथ ही नदी किनारे बने चाल- खाल पर भी अतिक्रमण है. जिससे भविष्य में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई है.
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वहीं याचिकाकर्ता का कहना है कि नदी किनारे हजारों की संख्या में हरे पेड़ों को काट दिया गया है. जिससे आने वाले समय में केदारनाथ जैसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है. लिहाजा इन अतिक्रमणकारियों को हटाया जाए और बेतहाशा हो रहे पेड़ों के कटान पर भी रोक लगाई जाए.
मामले पर सुनवाई करते हुए नैनीताल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायाधीश आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने डीएम देहरादून और एमडीडीए को विस्तृत जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं. साथ ही जवाब ना देने पर राज्य और केंद्र सरकार को फटकार भी लगाई है. वहीं मामले की अगली सुनवाई 16 सितंबर को होगी.