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रिस्पना और बिंदाल नदी पर हाई कोर्ट सख्त, डीएम को दिया दो हफ्ते का समय - नैनीताल हाई कोर्ट

रिस्पना और बिंदाल नदी किनारे हुए अतिक्रमण के खिलाफ हाई कोर्ट में डाली गई याचिका पर कोर्ट ने सुनवाई करते हुए देहरादून डीएम को दो हफ्ते में जवाब पेश करने के आदेश दिये हैं.

नैनीताल हाई कोर्ट
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Published : Aug 31, 2019, 8:14 AM IST

नैनीताल: रिस्पना और बिंदाल नदी किनारे हुए अतिक्रमण पर नैनीताल हाई कोर्ट ने सख्त रवैया अपना लिया है. जिसमें सुनवाई करते हुए कोर्ट ने देहरादून डीएम से 2 हफ्ते के भीतर विशेष रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए हैं. वहीं अतिक्रमण पर केंद्र और राज्य सरकार द्वारा जवाब न पेश करने पर उन्हें फटकार भी लगाई है.

अभिजय नेगी,अधिवक्ता याचिकाकर्ता

दरअसल, देहरादून निवासी पार्षद उर्मिला थापा ने नैनीताल हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी. जिसमें कहा गया था कि लोगों ने रिस्पना और बिंदाल नदी के किनारे अतिक्रमण कर लिया है. साथ ही नदी किनारे बने चाल- खाल पर भी अतिक्रमण है. जिससे भविष्य में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई है.

पढे़ं- ओपन यूनिवर्सिटी की भर्तियों पर बार काउंसिल ने उठाए सवाल, न्यायालय की लेंगे शरण

वहीं याचिकाकर्ता का कहना है कि नदी किनारे हजारों की संख्या में हरे पेड़ों को काट दिया गया है. जिससे आने वाले समय में केदारनाथ जैसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है. लिहाजा इन अतिक्रमणकारियों को हटाया जाए और बेतहाशा हो रहे पेड़ों के कटान पर भी रोक लगाई जाए.

मामले पर सुनवाई करते हुए नैनीताल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायाधीश आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने डीएम देहरादून और एमडीडीए को विस्तृत जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं. साथ ही जवाब ना देने पर राज्य और केंद्र सरकार को फटकार भी लगाई है. वहीं मामले की अगली सुनवाई 16 सितंबर को होगी.

नैनीताल: रिस्पना और बिंदाल नदी किनारे हुए अतिक्रमण पर नैनीताल हाई कोर्ट ने सख्त रवैया अपना लिया है. जिसमें सुनवाई करते हुए कोर्ट ने देहरादून डीएम से 2 हफ्ते के भीतर विशेष रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए हैं. वहीं अतिक्रमण पर केंद्र और राज्य सरकार द्वारा जवाब न पेश करने पर उन्हें फटकार भी लगाई है.

अभिजय नेगी,अधिवक्ता याचिकाकर्ता

दरअसल, देहरादून निवासी पार्षद उर्मिला थापा ने नैनीताल हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी. जिसमें कहा गया था कि लोगों ने रिस्पना और बिंदाल नदी के किनारे अतिक्रमण कर लिया है. साथ ही नदी किनारे बने चाल- खाल पर भी अतिक्रमण है. जिससे भविष्य में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई है.

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वहीं याचिकाकर्ता का कहना है कि नदी किनारे हजारों की संख्या में हरे पेड़ों को काट दिया गया है. जिससे आने वाले समय में केदारनाथ जैसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है. लिहाजा इन अतिक्रमणकारियों को हटाया जाए और बेतहाशा हो रहे पेड़ों के कटान पर भी रोक लगाई जाए.

मामले पर सुनवाई करते हुए नैनीताल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायाधीश आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने डीएम देहरादून और एमडीडीए को विस्तृत जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं. साथ ही जवाब ना देने पर राज्य और केंद्र सरकार को फटकार भी लगाई है. वहीं मामले की अगली सुनवाई 16 सितंबर को होगी.

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देहरादून की रिस्पना नदी और बिंदल नदी में अतिक्रमण पर हाईकोर्ट सख्त।

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देहरादून की रिस्पना नदी और बिंदाल नदी समेत नालों, चाल खालो में हुए अतिक्रमण पर नैनीताल हाई कोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए देहरादून को डीएम से 2 सप्ताह के भीतर विशेष रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए हैं, वहीं अतिक्रमण पर केंद्र और राज्य सरकार द्वारा जवाब न पेश करने पर केंद्र और राज्य सरकार को फटकार भी लगाई है।




Body: आपको बता दें कि देहरादून निवासी पार्षद उर्मिला थापा ने नैनीताल हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि लोगों ने रिस्पना और बिंदाल नदी के किनारे अतिक्रमण कर लिया है, साथ ही नदी में बने चाल- खाल पर भी अतिक्रमण कर दिया है, जिससे आने वाले समय में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हुई, वहीं याचिकाकर्ता का कहना है कि लोगों नदी के आसपास से हजारों की संख्या में हरे पेड़ों को काट दिया है जिससे आने वाले समय में केदारनाथ जैसी स्थिति उत्पन्न होगी लिहाजा इन अतिक्रमण करियो को हटाया जाए और बेतहाशा हो रहे पेड़ों के कटान पर रोक लगाई जाए।


Conclusion:आज मामले में सुनवाई करते हुए नैनीताल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायाधीश आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने डीएम देहरादून समेत मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण को विस्तृत जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं मामले की अगली सुनवाई 16 सितंबर को होगी ।

बाईट- अभिजय नेगी,अधिवक्ता याचिकाकर्ता।
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