देहरादून: पंचायत चुनाव के बाद ब्लाक प्रमुख और जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में खरीद-फरोख्त की शिकायतें आती रहती हैं. जिसको लेकर नैनीताल हाई कोर्ट में जनहित याचिका डाली गई थी. याचिकाकर्ता द्वारा कोर्ट ने याचिका का संज्ञान लेते हुए प्रदेश सरकार और चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया है. जिसके बाद याचिकाकर्ता विपुल जैन ने मौजूदा पंचायत चुनाव प्रणाली में संशोधन करने की मांग की.
याचिकाकर्ता के अनुसार उन्होंने इस मामले में उत्तराखंड उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर की थी. जिसमें आगामी पंचायत चुनाव में भ्रष्टाचार को दूर किए जाने के लिए प्रदेश सरकार और चुनाव आयोग को दिशा निर्देश दिए जाने की अपील की गई थी. याचिकाकर्ता जैन के अनुसार इस मामले में उच्च न्यायालय ने याचिका को स्वीकार करते हुए इस विषय की गंभीरता से लिया है. साथ ही प्रदेश सरकार और चुनाव आयोग को जून 2019 में नोटिस जारी कर पंचायत चुनाव में पूर्व में दर्ज शिकायतों और उन पर कार्रवाई का ब्यौरा दाखिल करने को कहा है.
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पंचायत चुनाव में भ्रष्टाचार मामले को लेकर याचिकाकर्ता विपुल जैन ने बताया कि उत्तराखंड के 13 जिले में 96 ब्लॉक में होने वाले पंचायत चुनाव में लगभग 500 करोड़ से ज्यादा का भ्रष्टाचार पाया जाता है. ऐसे में ज्यादातर जगह निर्वाचित जिला पंचायत अध्यक्ष व ब्लाक प्रमुख के लिए चुने गए प्रतिनिधि पर भ्रष्टाचार के आरोप लगते रहे हैं. उन्होंने कहा कि पंचायत चुनाव के तुरंत बाद जिला पंचायत अध्यक्ष या ब्लाक प्रमुख चुन लेना चाहिए.