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पंचायत चुनाव में संशोधन की मांग, HC ने राज्य सरकार को भेजा नोटिस - जिला पंचायत अध्यक्ष

याचिकाकर्ता जैन के अनुसार इस मामले में उच्च न्यायालय ने याचिका को स्वीकार करते हुए इस विषय की गंभीरता से लिया है. साथ ही प्रदेश सरकार और चुनाव आयोग को जून 2019 में नोटिस जारी कर पंचायत चुनाव में पूर्व में दर्ज शिकायतों और उन पर कार्रवाई का ब्यौरा दाखिल करने को कहा है.

जानकारी देते याचिकाकर्ता विपुल जैन
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Published : Jul 11, 2019, 11:04 AM IST

Updated : Jul 11, 2019, 1:36 PM IST

देहरादून: पंचायत चुनाव के बाद ब्लाक प्रमुख और जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में खरीद-फरोख्त की शिकायतें आती रहती हैं. जिसको लेकर नैनीताल हाई कोर्ट में जनहित याचिका डाली गई थी. याचिकाकर्ता द्वारा कोर्ट ने याचिका का संज्ञान लेते हुए प्रदेश सरकार और चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया है. जिसके बाद याचिकाकर्ता विपुल जैन ने मौजूदा पंचायत चुनाव प्रणाली में संशोधन करने की मांग की.

जानकारी देते याचिकाकर्ता विपुल जैन

याचिकाकर्ता के अनुसार उन्होंने इस मामले में उत्तराखंड उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर की थी. जिसमें आगामी पंचायत चुनाव में भ्रष्टाचार को दूर किए जाने के लिए प्रदेश सरकार और चुनाव आयोग को दिशा निर्देश दिए जाने की अपील की गई थी. याचिकाकर्ता जैन के अनुसार इस मामले में उच्च न्यायालय ने याचिका को स्वीकार करते हुए इस विषय की गंभीरता से लिया है. साथ ही प्रदेश सरकार और चुनाव आयोग को जून 2019 में नोटिस जारी कर पंचायत चुनाव में पूर्व में दर्ज शिकायतों और उन पर कार्रवाई का ब्यौरा दाखिल करने को कहा है.

पढ़ें- मंत्री रेखा आर्य को ग्रामीण ने सुनाई आपबीती, अधिकारियों पर लगाए गंभीर आरोप

पंचायत चुनाव में भ्रष्टाचार मामले को लेकर याचिकाकर्ता विपुल जैन ने बताया कि उत्तराखंड के 13 जिले में 96 ब्लॉक में होने वाले पंचायत चुनाव में लगभग 500 करोड़ से ज्यादा का भ्रष्टाचार पाया जाता है. ऐसे में ज्यादातर जगह निर्वाचित जिला पंचायत अध्यक्ष व ब्लाक प्रमुख के लिए चुने गए प्रतिनिधि पर भ्रष्टाचार के आरोप लगते रहे हैं. उन्होंने कहा कि पंचायत चुनाव के तुरंत बाद जिला पंचायत अध्यक्ष या ब्लाक प्रमुख चुन लेना चाहिए.

देहरादून: पंचायत चुनाव के बाद ब्लाक प्रमुख और जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में खरीद-फरोख्त की शिकायतें आती रहती हैं. जिसको लेकर नैनीताल हाई कोर्ट में जनहित याचिका डाली गई थी. याचिकाकर्ता द्वारा कोर्ट ने याचिका का संज्ञान लेते हुए प्रदेश सरकार और चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया है. जिसके बाद याचिकाकर्ता विपुल जैन ने मौजूदा पंचायत चुनाव प्रणाली में संशोधन करने की मांग की.

जानकारी देते याचिकाकर्ता विपुल जैन

याचिकाकर्ता के अनुसार उन्होंने इस मामले में उत्तराखंड उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर की थी. जिसमें आगामी पंचायत चुनाव में भ्रष्टाचार को दूर किए जाने के लिए प्रदेश सरकार और चुनाव आयोग को दिशा निर्देश दिए जाने की अपील की गई थी. याचिकाकर्ता जैन के अनुसार इस मामले में उच्च न्यायालय ने याचिका को स्वीकार करते हुए इस विषय की गंभीरता से लिया है. साथ ही प्रदेश सरकार और चुनाव आयोग को जून 2019 में नोटिस जारी कर पंचायत चुनाव में पूर्व में दर्ज शिकायतों और उन पर कार्रवाई का ब्यौरा दाखिल करने को कहा है.

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पंचायत चुनाव में भ्रष्टाचार मामले को लेकर याचिकाकर्ता विपुल जैन ने बताया कि उत्तराखंड के 13 जिले में 96 ब्लॉक में होने वाले पंचायत चुनाव में लगभग 500 करोड़ से ज्यादा का भ्रष्टाचार पाया जाता है. ऐसे में ज्यादातर जगह निर्वाचित जिला पंचायत अध्यक्ष व ब्लाक प्रमुख के लिए चुने गए प्रतिनिधि पर भ्रष्टाचार के आरोप लगते रहे हैं. उन्होंने कहा कि पंचायत चुनाव के तुरंत बाद जिला पंचायत अध्यक्ष या ब्लाक प्रमुख चुन लेना चाहिए.

Intro:summary_ पंचायत चुनाव में भ्रष्टाचार अंकुश को लेकर सरकार से पंचायत चुनाव संशोधन की मांग, मामलें को लेकर जनहित याचिका कोर्ट के में दायर..


पंचायत चुनाव में ब्लाक प्रमुख और जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में निर्वाचित सदस्यों द्वारा मतदान करने के एवज में व्याप्त भ्रष्टाचार मामले को लेकर उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर करने वाले याचिकाकर्ता ने बुधवार देहरादून में प्रेस वार्ता करते हुए प्रदेश सरकार वह चुनाव आयोग से कोर्ट नोटिस का हवाला मौजूदा पंचायत चुनाव प्रणाली संशोधन करने की मांग रखी।


Body:याचिकाकर्ता विपुल जैन ने बताया कि जिस तरह से उत्तराखंड सहित देश के अन्य राज्यों में पंचायत चुनाव के दौरान जिला पंचायत अध्यक्ष व ब्लाक प्रमुख चुनाव के दौरान निर्वाचित सदस्यों की खरीद-फरोख्त कर मतदान प्रक्रिया की जाती है ऐसे यह चुनाव पूरी तरह से भ्रष्टाचार ने लिप्त रहता है। याचिकाकर्ता व जैन के अनुसार उन्होंने इस मामले में उत्तराखंड उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर आगामी पंचायत चुनाव में भ्रष्टाचार को दूर किए जाने के लिए प्रदेश सरकार वह चुनाव आयोग को दिशा निर्देश दिए जाने की अपील की है। याचिकाकर्ता जैन के अनुसार इस मामले में उच्च न्यायालय ने याचिका को स्वीकार करते हुए इस विषय की गंभीरता को देखते हुए प्रदेश सरकार और चुनाव आयोग को जून 2019 में अपने नोटिस जारी कर पंचायत चुनाव में पूर्व में दर्ज शिकायतों का व उन पर कार्रवाई का ब्योरा दाखिल करने को कहा है।


Conclusion:पंचायत चुनाव में भ्रष्टाचार मामले को लेकर याचिकाकर्ता विपुल जैन ने बताया कि, उत्तराखंड के 13 जिले में 96 ब्लॉक में होने वाले पंचायत चुनाव में लगभग अनुमानित 500 करोड़ से ज्यादा भ्रष्टाचार का खेल पाया जाता है ऐसे में ज्यादातर जगह निर्वाचित जिला पंचायत अध्यक्ष व ब्लाक प्रमुख के लिए चुने गए प्रतिनिधि पर भ्रष्टाचार के आरोप लगते रहे हैं।
याचिकाकर्ता जैन के अनुसार इस मामले में उच्च न्यायालय में याचिका दायर करने के बाद कोर्ट ने प्रदेश सरकार व चुनाव आयोग से इस मामले में पूर्व में आई शिकायतों का जोरा तलब करते हुए जानकारी मांगी है। ऐसे में मौजूदा भाजपा प्रदेश सरकार को पंचायत चुनाव में भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए पंचायती राज एक्ट में आवश्यक संशोधन कर निष्पक्ष चुनाव प्रक्रिया को बढ़ावा देना जरूरी हैं।

बाइट -विपुल जैन, याचिकाकर्ता
Last Updated : Jul 11, 2019, 1:36 PM IST
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