देहरादूनः पहले कोविड और अब सरकार के लटकते रवैये के चलते पूरे प्रदेश में जिला योजना समिति के चुनावों में देरी हो रही है. जिस पर उत्तराखंड जिला पंचायत संगठन के अध्यक्ष प्रदीप भट्ट ने नैनीताल हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. मामले में उच्च अदालत ने गंभीरता दिखाते हुए सरकार को फटकार लगाई है और अगले 24 घंटे के भीतर सरकार से जवाब मांगा है.
उत्तराखंड जिला पंचायत संगठन के अध्यक्ष और पेश से एडवोकेट प्रदीप भट्ट ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी. जिस पर बुधवार यानी 3 मार्च को सुनवाई हुई. हाईकोर्ट की डबल बेंच ने जिला योजना समिति के चुनाव को लेकर सरकार को फटकार लगाई है और अगले 24 घंटे यानी आज जिला योजना चुनावों में मतदान की तिथि बताने के सख्त निर्देश दिए हैं.
बता दें कि सरकार की तरफ से प्रदीप भट्ट की जनहित याचिका पर कोर्ट में जवाब दाखिल करते हुए कहा गया था कि हरिद्वार पंचायत चुनाव सम्पन्न होने के बाद राज्य के सभी 13 जनपदों में एक साथ चुनाव कराए जाएंगे. जिस पर कोर्ट ने आपत्ति जताई और कहा कि 4 मार्च यानी आज सरकार इन चुनावों के मतदान की तिथि स्पष्ट करें.
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प्रदीप भट्ट का कहना है कि सरकार लगातार जनता के बीच से चुनकर आए हुए पंचायत प्रतिनिधियों के अधीकारों का हनन करने के प्रयास में जुटी है. प्रदीप भट्ट ने कहा कि सरकार द्वारा पहले कोविड का बहाना बनाया गया. उसके बाद कई राज्यों में विधानसभा जैसे बड़े चुनाव से लेकर छोटे चुनाव हुए, लेकिन उत्तराखंड की पंचायतों में सरकार द्वारा जिला योजना समिति का चुनाव ना करवाकर प्रशासक की व्यवस्था को लगातार रखा हुआ है. जिससे क्षेत्रीय विकास के विषयों को नजर अंदाज किया जा रहा है. वहीं निर्वाचन से चुनकर आए पंचायत प्रतिनिधियों के हितों के साथ भी खिलवाड़ किया जा रहा है. प्रदीप भट्ट ने सरकार से मांग की है कि वो जल्द से जल्द डीपीसी के चुनाव करवाएं ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में सुवस्थित विकास हो सकें.