ETV Bharat / state

WORLD HYPERTENSION DAY: नशे की बढ़ती प्रवृत्ति से बढ़ रही बीमारियां, डॉक्टरों ने बचाव के दिए ये टिप्स - hypertension disease symbtoms

उत्तराखंड में हाइपरटेंशन के काफी मामले सामने आए हैं. एक रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश में महिलाओं में हाइपरटेंशन के 9.4 प्रतिशत मामले शहरी इलाकों में और 8.5 प्रतिशत मामले ग्रामीण इलाकों में पाये गये हैं.

विश्व हाइपरटेंशन दिवस
author img

By

Published : May 17, 2019, 9:14 PM IST

Updated : May 17, 2019, 11:59 PM IST

देहरादूनः हर साल 17 मई को World Hypertension Day के रूप में मनाया जाता है. हाइपरटेंशन, हाई ब्लड प्रेशर की एक गंभीर बीमारी है. जिसे साइलेंट किलर भी कहा जाता है. हाई ब्लड प्रेशर दुनिया में होने वाली मौतों का एक मुख्य कारण माना जाता है. वहीं, हाइपरटेंशन दिवस के मौके पर राजधानी देहरादून में डॉक्टरों और विशेषज्ञों ने इसके लक्षण और बचाव के टिप्स दिये. मनोवैज्ञानिक मुकुल शर्मा ने बीमारी के बारे में विस्तृत जानकारी दी. इस दौरान उन्होंने बताया कि उत्तराखंड में करीब 47 प्रतिशत लोग हाइपरटेंशन के शिकार हैं. इससे कैंसर जैसी घातक बीमारी होने का भी अंदेशा बढ़ जाता है.

जानकारी देते मनोवैज्ञानिक मुकुल शर्मा.


नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे के मुताबिक 2017 में भारत में 2.5 करोड़ से ज्यादा लोगों में हाई ब्लड प्रेशर की शिकायत पाई गई थी. वहीं, उत्तराखंड में भी हाइपरटेंशन के काफी मामले सामने आए हैं. एक रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश में महिलाओं में हाइपरटेंशन के 9.4 प्रतिशत मामले शहरी इलाकों में और 8.5 प्रतिशत मामले ग्रामीण इलाकों में पाये गये हैं.

ये हैं लक्षणः

  • तनाव के चलते वक्ति को डर का भाव पैदा होने लगता है. जिससे सिजोफेनिक की समस्या हो जाती है.
  • व्यक्ति खुद को बंद कर लेता है, ऐसे कई व्यक्ति परेशान होकर सुसाइड जैसा खौफनाक कदम उठा लेते हैं.
  • इस दौरान व्यक्ति का दिमाग चलना बंद हो जाता और सुसाइड कर लेता है.
  • हाइपरटेंशन से ब्रेन की नस फटने के चांसेस बढ़ जाते हैं.
  • व्यक्ति का खाने-पीने का मन नहीं करता है साथ ही उसे उल्टी की शिकायत रहती है.
  • ऐसे में व्यक्ति में अनेकों एक्यूट और क्रॉनिक प्रॉब्लम्स भी हाइपरटेंशन को बढ़ाते हैं.
  • 18 फीसदी लोग हमेशा तनाव में अपना जीवन व्यतीत करते हैं.
  • ऐसे व्यक्ति को कम नींद आती है. साथ ही कम या ज्यादा भोजन का सेवन करते हैं.
  • हाइपरटेंशन का मुख्य कारण अल्कोहल और ड्रग्स हैं. जिसकी ओर युवा खींचे चले जा रहे हैं.
  • व्यक्ति शराब के आदी हो जाते हैं. तनाव के चलते ऐसे व्यक्ति बातचीत और रहन-सहन में संतुष्ट नजर नहीं आते हैं. ऐसे लक्षणों से प्रतीत होता है कि वह व्यक्ति हाइपरटेंशन का शिकार है.

इस बीमारी से मरीज में बहुत सारे डिसऑर्डर्स देखने में पाए जाते हैं. अनेकों डिसऑर्डर साइकोलॉजी में उल्लेखित हैं, जो ठीक नहीं हो पाते हैं. ऐसे मरीजों को ठीक करने में काफी मेहनत की लगती है. फिर कभी लोग ठीक नहीं हो पाते हैं. हाइपरटेंशन को समय पर रोका जाए तो डिसऑर्डर्स की संभावनाएं कम हो जाती है.

ये भी पढ़ेंः 'मुझे कोई डर नहीं, जनता जान चुकी है, वो मोदी की बातों में नहीं आने वाली'

ऐसे करें बचावः

  • अपने लाइफस्टाइल को लेकर प्लान बनाएं.
  • सुबह जल्दी उठकर सैर करें और पर्याप्त मात्रा में पानी पीयें.
  • व्यस्त जिंदगी से खुद के लिए भी समय दें. योग, व्यायाम करें.
  • मोबाइल से दूर रहकर भी हाइपरटेंशन से बचा जा सकता है.
  • WHO के मुताबिक सोशल मीडिया में प्रत्येक दिन के 18 घंटे बिताने वाले व्यक्तियों को दिन-रात उसकी रेडिएशन के दुष्प्रभाव पड़ते हैं.
  • सोशल मीडिया में कटौती कर हर व्यक्ति को एक या दो घंटे दूर रहना चाहिए.
  • अपनी दिनचर्या में एक सिस्टम अपनाते हुए मोबाइल को रात दस बजे तक बंद कर देना चाहिए.
  • खुद के लाइफ स्टाइल को अपनाने पर हाइपरटेंशन और अन्य बीमारियों के डिसऑर्डर से बच सकते हैं.
  • शराब और ड्रग्स से दूरी बनाएं रखें. इन व्यसनों का आदी होने वाला व्यक्ति अपने शरीर, दिमाग की बदौलत समाज से संबंध स्थापित करता है. उसे हाइपरटेंशन की समस्या का सामना करना पड़ता है.

उत्तराखंड में आंकड़ों के मुताबिक, 14 साल से 30 साल तक के युवाओं में हाइपरटेंशन की बीमारी बढ़ रही है. ऐसे में अपनी जीवन शैली में बदलाव कर अल्कोहल और ड्रग्स जैसे व्यसनों से दूर रहकर एक स्वस्थ जीवन अपना सकते हैं. डॉ. मुकुल शर्मा की मानें तो मनुष्य के जीवन में लाइफस्टाइल का विशेष महत्व होता है. व्यक्ति को अपने लाइफस्टाइल को लेकर प्लान बनानी चाहिए.

देहरादूनः हर साल 17 मई को World Hypertension Day के रूप में मनाया जाता है. हाइपरटेंशन, हाई ब्लड प्रेशर की एक गंभीर बीमारी है. जिसे साइलेंट किलर भी कहा जाता है. हाई ब्लड प्रेशर दुनिया में होने वाली मौतों का एक मुख्य कारण माना जाता है. वहीं, हाइपरटेंशन दिवस के मौके पर राजधानी देहरादून में डॉक्टरों और विशेषज्ञों ने इसके लक्षण और बचाव के टिप्स दिये. मनोवैज्ञानिक मुकुल शर्मा ने बीमारी के बारे में विस्तृत जानकारी दी. इस दौरान उन्होंने बताया कि उत्तराखंड में करीब 47 प्रतिशत लोग हाइपरटेंशन के शिकार हैं. इससे कैंसर जैसी घातक बीमारी होने का भी अंदेशा बढ़ जाता है.

जानकारी देते मनोवैज्ञानिक मुकुल शर्मा.


नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे के मुताबिक 2017 में भारत में 2.5 करोड़ से ज्यादा लोगों में हाई ब्लड प्रेशर की शिकायत पाई गई थी. वहीं, उत्तराखंड में भी हाइपरटेंशन के काफी मामले सामने आए हैं. एक रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश में महिलाओं में हाइपरटेंशन के 9.4 प्रतिशत मामले शहरी इलाकों में और 8.5 प्रतिशत मामले ग्रामीण इलाकों में पाये गये हैं.

ये हैं लक्षणः

  • तनाव के चलते वक्ति को डर का भाव पैदा होने लगता है. जिससे सिजोफेनिक की समस्या हो जाती है.
  • व्यक्ति खुद को बंद कर लेता है, ऐसे कई व्यक्ति परेशान होकर सुसाइड जैसा खौफनाक कदम उठा लेते हैं.
  • इस दौरान व्यक्ति का दिमाग चलना बंद हो जाता और सुसाइड कर लेता है.
  • हाइपरटेंशन से ब्रेन की नस फटने के चांसेस बढ़ जाते हैं.
  • व्यक्ति का खाने-पीने का मन नहीं करता है साथ ही उसे उल्टी की शिकायत रहती है.
  • ऐसे में व्यक्ति में अनेकों एक्यूट और क्रॉनिक प्रॉब्लम्स भी हाइपरटेंशन को बढ़ाते हैं.
  • 18 फीसदी लोग हमेशा तनाव में अपना जीवन व्यतीत करते हैं.
  • ऐसे व्यक्ति को कम नींद आती है. साथ ही कम या ज्यादा भोजन का सेवन करते हैं.
  • हाइपरटेंशन का मुख्य कारण अल्कोहल और ड्रग्स हैं. जिसकी ओर युवा खींचे चले जा रहे हैं.
  • व्यक्ति शराब के आदी हो जाते हैं. तनाव के चलते ऐसे व्यक्ति बातचीत और रहन-सहन में संतुष्ट नजर नहीं आते हैं. ऐसे लक्षणों से प्रतीत होता है कि वह व्यक्ति हाइपरटेंशन का शिकार है.

इस बीमारी से मरीज में बहुत सारे डिसऑर्डर्स देखने में पाए जाते हैं. अनेकों डिसऑर्डर साइकोलॉजी में उल्लेखित हैं, जो ठीक नहीं हो पाते हैं. ऐसे मरीजों को ठीक करने में काफी मेहनत की लगती है. फिर कभी लोग ठीक नहीं हो पाते हैं. हाइपरटेंशन को समय पर रोका जाए तो डिसऑर्डर्स की संभावनाएं कम हो जाती है.

ये भी पढ़ेंः 'मुझे कोई डर नहीं, जनता जान चुकी है, वो मोदी की बातों में नहीं आने वाली'

ऐसे करें बचावः

  • अपने लाइफस्टाइल को लेकर प्लान बनाएं.
  • सुबह जल्दी उठकर सैर करें और पर्याप्त मात्रा में पानी पीयें.
  • व्यस्त जिंदगी से खुद के लिए भी समय दें. योग, व्यायाम करें.
  • मोबाइल से दूर रहकर भी हाइपरटेंशन से बचा जा सकता है.
  • WHO के मुताबिक सोशल मीडिया में प्रत्येक दिन के 18 घंटे बिताने वाले व्यक्तियों को दिन-रात उसकी रेडिएशन के दुष्प्रभाव पड़ते हैं.
  • सोशल मीडिया में कटौती कर हर व्यक्ति को एक या दो घंटे दूर रहना चाहिए.
  • अपनी दिनचर्या में एक सिस्टम अपनाते हुए मोबाइल को रात दस बजे तक बंद कर देना चाहिए.
  • खुद के लाइफ स्टाइल को अपनाने पर हाइपरटेंशन और अन्य बीमारियों के डिसऑर्डर से बच सकते हैं.
  • शराब और ड्रग्स से दूरी बनाएं रखें. इन व्यसनों का आदी होने वाला व्यक्ति अपने शरीर, दिमाग की बदौलत समाज से संबंध स्थापित करता है. उसे हाइपरटेंशन की समस्या का सामना करना पड़ता है.

उत्तराखंड में आंकड़ों के मुताबिक, 14 साल से 30 साल तक के युवाओं में हाइपरटेंशन की बीमारी बढ़ रही है. ऐसे में अपनी जीवन शैली में बदलाव कर अल्कोहल और ड्रग्स जैसे व्यसनों से दूर रहकर एक स्वस्थ जीवन अपना सकते हैं. डॉ. मुकुल शर्मा की मानें तो मनुष्य के जीवन में लाइफस्टाइल का विशेष महत्व होता है. व्यक्ति को अपने लाइफस्टाइल को लेकर प्लान बनानी चाहिए.

Intro:हर साल 17 मई को विश्व हाइपरटेंशन दिवस के रूप में मनाया जाता है हाइपरटेंशन यानी हाई ब्लड प्रेशर की एक गंभीर बीमारी है जिसे साइलेंट किलर भी कहा जाता है। दरअसल हाई ब्लड प्रेशर दुनिया में होने वाली मौतों का एक मुख्य कारण माना जाता है नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे के मुताबिक 2017 में भारत में 2.5 करोड़ से ज्यादा लोगों में हाई ब्लड प्रेशर की शिकायत पाई गई थी उत्तराखंड की बात करें तो हाइपरटेंशन के बहुत सारे मामले सामने आए हैं हाल ही में एक रिपोर्ट के माध्यम से पता चला है कि उत्तराखंड में महिलाओं में हाइपरटेंशन के 9.4 प्रतिशत मामले शहरी इलाकों में और 8.5 प्रतिशत हाइपरटेंशन के मामले ग्रामीण इलाकों मे पाये गये हैं।


Body: दरअसल राजधानी देहरादून के जाने-माने मनोवैज्ञानिक मुकुल शर्मा ने विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि उत्तराखंड में करीब 47 प्रतिशत लोग हाइपरटेंशन के शिकार हैं, इससे कैंसर जैसी घातक बीमारी होने का भी अंदेशा बढ़ जाता है ।व्यक्ति में तनाव के चलते डर का भाव पैदा होने लगता है, जिससे सिज़ोफेनिक की समस्या हो जाती है और बाद में वह व्यक्ति अपने आप को बंद कर लेता है, ऐसे कई व्यक्ति परेशान होकर सुसाइड करने जैसा कदम उठा लेते हैं उस दौरान उस व्यक्ति का दिमाग चलना बंद हो जाता और सुसाइड कर लेता है, हाइपरटेंशन से ब्रेन की नस फटने के चांसेस बढ़ जाते हैं,और उस व्यक्ति को खाने पीने का मन नहीं करता है ,उसे उल्टी आने जैसे लक्षण पैदा हो जाते हैं,इस प्रकार के लोगों मे अनेकों एक्यूट और क्रॉनिक प्रॉब्लम्स भी हाइपरटेंशन की जनक मानी जाती है।।

उन्होंने बताया कि अट्ठारह प्रतिशत व्यक्ति हमेशा तनाव में अपना जीवन व्यतीत करते हैं, ऐसे व्यक्ति को नींद नहीं आती है या तो खाना पीना नहीं खाते हैं या बहुत ज्यादा भोजन का सेवन करते हैं,शराब के आदी होते हैं, तनाव के चलते ऐसे व्यक्ति बातचीत या रहन-सहन में संतुष्ट नजर नहीं आते हैं, ऐसे लक्षणों से प्रतीत होता है कि वह व्यक्ति हाइपरटेंशन का शिकार है। इस बीमारी से मरीज मे बहुत सारे डिसऑर्डर्स देखने में पाए जाते हैं , अनेकों डिसऑर्डर साइकोलॉजी में उल्लेखित है जो ठीक नहीं हो पाते हैं इसलिए ऐसे मरीजों को ठीक करने में मेहनत की आवश्यकता होती है वो तब भी ठीक नहीं हो पाते हैं। हाइपरटेंशन को यदि रोका जाए तो डिसऑर्डर्स की संभावनाएं कम हो जाती हैं।

डॉ मुकुल शर्मा के मुताबिक मनुष्य के जीवन में लाइफ़स्टाइल का विशेष महत्व होता है हर व्यक्ति के पास प्रत्येक दिन 24 घंटे होते हैं और उन 24 घंटों को कभी 25 घंटे नहीं किया जा सकता है उन 24 घंटों को ही हमें प्लान करने की आवश्यकता है, सुबह उठकर वॉक करने, पर्याप्त पानी पीने और अपनी सभ्यता और संस्कृति को समझने की आवश्यकता है। हर व्यक्ति को अपने आप को समय देने की जरूरत है। मोबाइल से दूर रहकर भी हाइपरटेंशन से बचा जा सकता है, डब्ल्यूएचओ के मुताबिक व्हाट्सएप फेसबुक में प्रत्येक दिन के 18 घंटे बिताने वाले व्यक्तियों को दिन रात उसकी रेडिएशंस के दुष्प्रभाव पड़ते हैं। उसमें कटौती करते हुए हर व्यक्ति को एक या दो घंटे व्हाट्सएप, फेसबुक से दूर रहना चाहिए। अपनी दिनचर्या में एक सिस्टम अपनाते हुए मोबाइल को रात दस बजे बंद कर देना चाहिए। अगर हम खुद के लाइफ स्टाइल को अपनाएंगे तो हाइपरटेंशन या उससे ज्यादा बढ़ने वाली बीमारियों के डिसऑर्डर से बचा जा सकता है।

पूरे राज्य के अलावा देशभर में हाइपरटेंशन का एक कारण ड्रग्स भी है जिसकी और युवा खिंचा चला जा रहा है। अल्कोहल भी हाइपरटेंशन का मुख्य कारण माना जाता है,जिसका युवा सेवन करने में लगे हुए हैं, यही कारण है कि हर साल औसतन 300 प्रतिशत व्यापार अल्कोहल का पड़ रहा है इसका मतलब शराब की मांग लगातार बढ़ती जा रही है, डिमांड बढ़ने से सप्लाई भी बढ़ रही है, ऐसे में इन व्यसनों का आदी होने वाला व्यक्ति यदि अपने शरीर ,दिमाग की बदौलत समाज से संबंध स्थापित करता है तो उसको हाइपरटेंशन की समस्या का सामना करना पड़ता है।


Conclusion:उत्तराखंड में आंकड़ों के मुताबिक 14 साल से 30 साल तक के युवाओं में हाइपरटेंशन की बीमारी बढ़ रही है, ऐसे में अपनी जीवन शैली को सुधारते हुए और अल्कोहल और ड्रग्स जैसे व्यसनों से दूर रहकर एक स्वस्थ जीवन अपना सकते हैं
Last Updated : May 17, 2019, 11:59 PM IST

For All Latest Updates

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.