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स्वास्थ्य मंत्री बनते ही एक्शन में धन सिंह रावत, अस्पताल संचालकों से लिया फीडबैक - धन सिंह रावत की निजी अस्पताल संचालकों के साथ बैठक

स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत (Dr. Dhan Singh Rawat) ने बुधवार को आईएमए (Indian Medical Association) के पदाधिकारियों और निजी अस्पताल संचालकों के साथ बैठक की. बैठक में प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं को और सुदृढ़ बनाने के उद्देश्य से विस्तारपूर्वक चर्चा की व सुझाव मांगे.

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Published : Jul 7, 2021, 4:45 PM IST

देहरादूनः कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत (Dr. Dhan Singh Rawat) को स्वास्थ्य विभाग (health Department) की जिम्मेदारी मिलते ही उन्होंने कमान संभाल ली है. बुधवार को स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत (Health Minister Dhan Singh Rawat) ने आईएमए (Indian Medical Association) के पदाधिकारियों और निजी अस्पताल संचालकों के साथ बैठक की. बैठक में प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं को और सुदृढ़ बनाने के उद्देश्य से विस्तारपूर्वक चर्चा की व सुझाव मांगे.

बैठक में निजी अस्पताल संचालकों और आईएमए पदाधिकारियों ने उपचार के दौरान आयुष्मान कार्ड और गोल्डन कार्ड के उपयोग में आ रही समस्याओं को विभागीय मंत्री के सामने रखा. इस पर मंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा सूचीबद्ध अस्पतालों में कार्ड धारकों को उपचार के दौरान आ रही दिक्कतों को शीघ्र दूर किया जाएगा. इसके लिए उन्होंने फोन पर ही स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी को निर्देश भी दिए.

अस्पताल संचालकों ने बताया कि राज्य के कई लोग ऐसे हैं जिनका नाम आयुष्मान भारत की सूची में अभी तक शामिल नहीं हो पाया है. वहीं मरीज की बीमारी का पता लगने से पूर्व के जांच के बिल और आपातकालीन चिकित्सा सुविधा के लिए योजना में कोई व्यवस्था नहीं है. इस पर विभागीय मंत्री ने कहा कि वह शीघ्र विभागीय अधिकारियों की उच्च स्तरीय बैठक आयोजित कर आयुष्मान एवं गोल्डन कार्ड संबंधी समस्याओं का समाधान करेंगे.

ये भी पढ़ेंः सचिवालय में पहले दिन CM ने देखी फाइलें, मामले समय से निपटाने के दिए निर्देश

प्रदेश में कोरोना संक्रमण की संभावित तीसरी लहर को देखते हुए स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने निजी अस्पताल संचालकों को हर परिस्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने के लिए कहा. साथ ही उन्होंने आईएमए के पदाधिकारियों से भी समय-समय पर सरकार को जन उपयोगी सुझाव देने तथा स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ आम जन तक पहुंचाने के लिए सहयोग करने की अपेक्षा की.

आईएमए पदाधिकारियों एवं निजी अस्पताल संचालकों ने समय-समय पर अस्पतालों में चिकित्सकों एवं सहयोगी स्टाफ के साथ होने वाली अप्रिय घटनाओं पर रोक लगाने के लिए उत्तराखंड चिकित्सा परिचर्या सेवाकर्मी और सेवा संस्था अधिनियम को प्रभावी तरीके से लागू करने की मांग की. इस पर विभागीय मंत्री ने आश्वासन देते हुए कहा कि सरकार द्वारा इस संबंध में शीघ्र आवश्यक कार्रवाई की जाएगी.

देहरादूनः कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत (Dr. Dhan Singh Rawat) को स्वास्थ्य विभाग (health Department) की जिम्मेदारी मिलते ही उन्होंने कमान संभाल ली है. बुधवार को स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत (Health Minister Dhan Singh Rawat) ने आईएमए (Indian Medical Association) के पदाधिकारियों और निजी अस्पताल संचालकों के साथ बैठक की. बैठक में प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं को और सुदृढ़ बनाने के उद्देश्य से विस्तारपूर्वक चर्चा की व सुझाव मांगे.

बैठक में निजी अस्पताल संचालकों और आईएमए पदाधिकारियों ने उपचार के दौरान आयुष्मान कार्ड और गोल्डन कार्ड के उपयोग में आ रही समस्याओं को विभागीय मंत्री के सामने रखा. इस पर मंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा सूचीबद्ध अस्पतालों में कार्ड धारकों को उपचार के दौरान आ रही दिक्कतों को शीघ्र दूर किया जाएगा. इसके लिए उन्होंने फोन पर ही स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी को निर्देश भी दिए.

अस्पताल संचालकों ने बताया कि राज्य के कई लोग ऐसे हैं जिनका नाम आयुष्मान भारत की सूची में अभी तक शामिल नहीं हो पाया है. वहीं मरीज की बीमारी का पता लगने से पूर्व के जांच के बिल और आपातकालीन चिकित्सा सुविधा के लिए योजना में कोई व्यवस्था नहीं है. इस पर विभागीय मंत्री ने कहा कि वह शीघ्र विभागीय अधिकारियों की उच्च स्तरीय बैठक आयोजित कर आयुष्मान एवं गोल्डन कार्ड संबंधी समस्याओं का समाधान करेंगे.

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प्रदेश में कोरोना संक्रमण की संभावित तीसरी लहर को देखते हुए स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने निजी अस्पताल संचालकों को हर परिस्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने के लिए कहा. साथ ही उन्होंने आईएमए के पदाधिकारियों से भी समय-समय पर सरकार को जन उपयोगी सुझाव देने तथा स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ आम जन तक पहुंचाने के लिए सहयोग करने की अपेक्षा की.

आईएमए पदाधिकारियों एवं निजी अस्पताल संचालकों ने समय-समय पर अस्पतालों में चिकित्सकों एवं सहयोगी स्टाफ के साथ होने वाली अप्रिय घटनाओं पर रोक लगाने के लिए उत्तराखंड चिकित्सा परिचर्या सेवाकर्मी और सेवा संस्था अधिनियम को प्रभावी तरीके से लागू करने की मांग की. इस पर विभागीय मंत्री ने आश्वासन देते हुए कहा कि सरकार द्वारा इस संबंध में शीघ्र आवश्यक कार्रवाई की जाएगी.

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