देहरादून: प्रदेश में अधिकारी और कर्मचारी तबादले को रोकने के लिए हमेशा तोड़ निकालते दिखाई देते रहे हैं. जो तबादला नीति को मुंह चिढ़ाती नजर आती है. वहीं उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग में अधिकारियों के आदेश का अनुपालन करने में किस कदर लापरवाही की जाती है, इस बात का सुबूत 2022 का वह आदेश है जिसमें विभाग के सभी अटैचमेंट खत्म करने के आदेश दिए गए थे. हैरत की बात यह है कि करीब 7 महीने पहले हुए इस आदेश का अनुपालन अब तक नहीं हो पाया और शिक्षा मंत्री को इसके लिए एक्शन लेना पड़ रहा है.
पारदर्शी तबादला नीति को मुंह चिढ़ाते अधिकारी: उत्तराखंड के तमाम विभागों में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए तबादला नीति भले ही बना दी गई हो, लेकिन इस नीति का तोड़ निकालने वाले कर्मी विभाग में नियमों से ऊपर दिखाई देते हैं. शायद यही कारण है कि अटैचमेंट का सहारा लेकर अक्सर अधिकारी और कर्मचारी पारदर्शी तबादला नीति को मुंह चिढ़ाते हुए नजर आते हैं. इससे भी बड़ी बात यह है कि विभागों में अधिकारियों के आदेशों का अनुपालन भी नहीं हो पाता. यानी नियम तोड़ने वाले हर लिहाज से ताकतवर नजर आते हैं. स्वास्थ्य विभाग में भी कुछ इसी तरह का हाल दिखाई दे रहा है. दरअसल, स्वास्थ्य विभाग के महानिदेशालय स्तर पर 2022 अगस्त में सभी अटैचमेंट खत्म करने के आदेश जारी कर दिए गए थे.
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अटैचमेंट पर बने हुए हैं कर्मी: लेकिन विभाग में आदेशों की नाफरमानी की स्थिति देखिए कि करीब 7 महीने बीतने के बाद भी अभी अटैचमेंट पर कई कर्मी डटे हुए हैं. स्थिति यह है कि स्वास्थ्य मंत्री को अब खुद सभी अटैचमेंट की जानकारी लेने के लिए आगे आना पड़ रहा है. हैरत की बात यह है कि दोबारा आदेश जारी करने के बाद भी अभी कई स्वास्थ्य विभाग में लोग ऐसे हैं जो अटैचमेंट पर बने हुए हैं और अभी उनको मूल तैनाती लेनी बाकी है. इस मामले पर स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. विनीता शाह कहती हैं कि वह खुद व्यक्तिगत रूप से अटैचमेंट में मौजूदा स्थिति को देख रही हैं. साल 2022 में जो आदेश किए गए थे, उनका अनुपालन भी करवाया जा रहा है. हालांकि विभाग में इन हालातों पर पर्दा डालते हुए वह यह भी कहती हैं कि जरूरत के हिसाब से कुछ अटैचमेंट को खत्म करने का काम नहीं हो पाया था. फिलहाल वह सभी अटैचमेंट खत्म करने के लिए दिशा निर्देश दे चुकी हैं.