देहरादून: उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के साथ केदारनाथ धाम में सोमवार को जो घटना घटी, उसका पूर्व सीएम हरीश रावत ने विरोध किया. उन्होंने इस विरोध को सही नहीं बताया है. उन्होंने कहा कि वे ऐसी घटना से सहमत नहीं हैं. क्योंकि केदार ऐसे देवता हैं, जो सबको क्षमा करते हैं. इसीलिए केदार में सबको माफ किया जाना चाहिए था.
वहीं उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम बोर्ड को लेकर पंडा समाज की जो नाराजगी है, उस पर हरीश रावत ने कहा कि पाप बीजेपी को भुगतना पड़ेगा. हरीश रावत ने कहा कि यदि पीएम मोदी ने एक-दो दिन में इस पर कोई फैसला नहीं लिया तो आगामी विधानसभा चुनाव में बीजेपी को इसका परिणाम भुगतना पड़ेगा.
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उन्होंने कहा कि केदारनाथ में त्रिवेंद्र सिंह रावत के साथ जो हुआ वो गलत है, लेकिन देवस्थानम बोर्ड को लेकर पंडा समाज का जो गुस्सा है, वो संभावित है. बीजेपी अपनी हठधर्मिता के कारण न तो पंडा समाज की सुन रही और न ही विपक्ष की. बीजेपी के पास अपनी गलती सुधारने का एक ही रास्ता है कि वो तत्काल प्रभाव से देवस्थानम बोर्ड को निरस्त करे. अगर बीजेपी इसे नहीं करती है तो कांग्रेस है. उनकी सरकार का जो पहला एक्ट होगा वो इसको निरस्त करना होगा.
बता दें कि सोमवार को पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक और कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत केदारनाथ में पीएम मोदी के प्रस्तावित दौरे की तैयारियों की जायजा लेने गए थे. इस दौरान तीर्थ-पुरोहितों ने देवास्थानम बोर्ड को लेकर तीनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. पुलिस और प्रशासन के समझाने के बाद तीर्थ-पुरोहितों ने मदन कौशिक और मंत्री धन सिंह रावत को बाबा केदार के दर्शन करने दिए, लेकिन त्रिवेंद्र सिंह रावत बाबा केदार के दर्शन नहीं कर पाए थे.