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राज्य आंदोलनकारियों के क्षैतिज आरक्षण को लेकर हरीश रावत ने सरकार पर साधा निशाना, कहा-गंभीर नहीं सरकार

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Oct 25, 2023, 12:48 PM IST

Updated : Oct 25, 2023, 6:36 PM IST

Reservation for State Agitators उत्तराखंड में राज्य आंदोलनकारी लंबे समय से 10% क्षैतिज आरक्षण की मांग कर रहे हैं. लेकिन मांग पूरी ना होने पर राज्य आंदोलनकारी की भौहें तनी हुई हैं. साथ ही राज्य आंदोलनकारी ने इसे राहत दिए जाने की बजाय मजाक बताया है.

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राज्य आंदोलनकारियों के क्षैतिज आरक्षण को लेकर हरीश रावत ने सरकार पर साधा निशाना

देहरादून: राज्य गठन में अपनी अहम भूमिका निभाने वाले राज्य आंदोलनकारी 10% क्षैतिज आरक्षण की लगातार मांग कर रहे हैं. लेकिन राज्य आंदोलनकारियों को इसके लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है. अब राज्य के आंदोलनकारियों के सब्र का बांध टूटता जा रहा है.क्योंकि प्रवर समिति का कार्यकाल दो महीने और बढ़ाए जाने के बाद राज्य आंदोलनकारियों में रोष व्याप्त है.

दीपावली और राज्य स्थापना दिवस पर राज्य आंदोलनकारी क्षैतिज आरक्षण मिलने के इंतजार में थे. लेकिन समिति का कार्यकाल और बढ़ाए जाने के बाद उन्हें मायूसी हाथ लगी है. उधर प्रवर समिति के सदस्य और विधायक विनोद चमोली का कहना है कि कोई वैधानिक कारणों से आगे दिक्कत ना हो इस वजह से जल्दबाजी में आरक्षण को लेकर निर्णय नहीं लिया जा रहा है. आरक्षण में देरी को लेकर प्रदेश में राजनीति भी खूब गर्माने लगी है. पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का कहना है कि हमने इसको लेकर विधिक राय के साथ पुख्ता बिल बनाया था. लेकिन नहीं लगता है कि राज्य सरकार इसको लेकर गंभीर है.
पढ़ें-राज्य आंदोलनकारियों के क्षैतिज आरक्षण का मुद्दा फिर लटका, प्रवर समिति की बैठक में नहीं आए विपक्षी विधायक

हरीश रावत ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि लोकसभा चुनाव तक इस बिल को सरकार लटकाए रखेगी और फिर कोई बहाना बना देगी. इतना ही नहीं हरीश रावत ने यह भी कहा कि सरकार इस बिल को लटकाने चाहती है और सरकार की मंशा राज्य आंदोलनकारियों के पक्ष में दिखाई नहीं देती है. इधर 10% क्षैतिज आरक्षण को लेकर हो रही देरी पर राज्य आंदोलनकारियों में नाराजगी है. उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी मंच की इस मामले को लेकर एक आपात बैठक हुई है.आपात बैठक का मुख्य कारण प्रवर समिति की बैठक को दो माह और आगे बढ़ाए जाने को लेकर था.
पढ़ें-राज्य आंदोलन की लड़ाई लड़ने वाली पहली महिला थी सुशीला बलूनी, राजनीति में आजमा चुकी थी हाथ

मंच के प्रदेश अध्यक्ष जगमोहन नेगी और प्रदेश प्रवक्ता प्रदीप कुकरेती ने कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल पर आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि मंत्री की लापरवाही की वजह से आरक्षण को लेकर ढिलाई हो रही है. उनका कहना है कि राहत देने की बजाय राज्य आंदोलनकारियों के साथ छल किया जा रहा है. उन्होंने इसे शहीदों के परिजनों और तमाम राज्य आंदोलनकारियों की भावनाओं के साथ बड़ा मजाक बताया है. प्रदीप कुकरेती का कहना है कि मंच सर्वप्रथम प्रवर समिति के अध्यक्ष से मिलकर अपना विरोध दर्ज कराएगा और समय बढ़ाने का विरोध करेगा. उसके बाद भी यदि समय नहीं घटाया गया तो दोबारा मुख्यमंत्री के दरवाजे पर अपना विरोध दर्ज कराएगा.

राज्य आंदोलनकारियों के क्षैतिज आरक्षण को लेकर हरीश रावत ने सरकार पर साधा निशाना

देहरादून: राज्य गठन में अपनी अहम भूमिका निभाने वाले राज्य आंदोलनकारी 10% क्षैतिज आरक्षण की लगातार मांग कर रहे हैं. लेकिन राज्य आंदोलनकारियों को इसके लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है. अब राज्य के आंदोलनकारियों के सब्र का बांध टूटता जा रहा है.क्योंकि प्रवर समिति का कार्यकाल दो महीने और बढ़ाए जाने के बाद राज्य आंदोलनकारियों में रोष व्याप्त है.

दीपावली और राज्य स्थापना दिवस पर राज्य आंदोलनकारी क्षैतिज आरक्षण मिलने के इंतजार में थे. लेकिन समिति का कार्यकाल और बढ़ाए जाने के बाद उन्हें मायूसी हाथ लगी है. उधर प्रवर समिति के सदस्य और विधायक विनोद चमोली का कहना है कि कोई वैधानिक कारणों से आगे दिक्कत ना हो इस वजह से जल्दबाजी में आरक्षण को लेकर निर्णय नहीं लिया जा रहा है. आरक्षण में देरी को लेकर प्रदेश में राजनीति भी खूब गर्माने लगी है. पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का कहना है कि हमने इसको लेकर विधिक राय के साथ पुख्ता बिल बनाया था. लेकिन नहीं लगता है कि राज्य सरकार इसको लेकर गंभीर है.
पढ़ें-राज्य आंदोलनकारियों के क्षैतिज आरक्षण का मुद्दा फिर लटका, प्रवर समिति की बैठक में नहीं आए विपक्षी विधायक

हरीश रावत ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि लोकसभा चुनाव तक इस बिल को सरकार लटकाए रखेगी और फिर कोई बहाना बना देगी. इतना ही नहीं हरीश रावत ने यह भी कहा कि सरकार इस बिल को लटकाने चाहती है और सरकार की मंशा राज्य आंदोलनकारियों के पक्ष में दिखाई नहीं देती है. इधर 10% क्षैतिज आरक्षण को लेकर हो रही देरी पर राज्य आंदोलनकारियों में नाराजगी है. उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी मंच की इस मामले को लेकर एक आपात बैठक हुई है.आपात बैठक का मुख्य कारण प्रवर समिति की बैठक को दो माह और आगे बढ़ाए जाने को लेकर था.
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मंच के प्रदेश अध्यक्ष जगमोहन नेगी और प्रदेश प्रवक्ता प्रदीप कुकरेती ने कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल पर आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि मंत्री की लापरवाही की वजह से आरक्षण को लेकर ढिलाई हो रही है. उनका कहना है कि राहत देने की बजाय राज्य आंदोलनकारियों के साथ छल किया जा रहा है. उन्होंने इसे शहीदों के परिजनों और तमाम राज्य आंदोलनकारियों की भावनाओं के साथ बड़ा मजाक बताया है. प्रदीप कुकरेती का कहना है कि मंच सर्वप्रथम प्रवर समिति के अध्यक्ष से मिलकर अपना विरोध दर्ज कराएगा और समय बढ़ाने का विरोध करेगा. उसके बाद भी यदि समय नहीं घटाया गया तो दोबारा मुख्यमंत्री के दरवाजे पर अपना विरोध दर्ज कराएगा.

Last Updated : Oct 25, 2023, 6:36 PM IST
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