देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा बजट सत्र का तीसरे दिन भी काफी हंगामेदार रहा. विपक्ष ने सदन में सरकार को गन्ना किसानों के बकाये और शराब कांड के मुद्दे पर खूब घेरा. वहीं कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत विधानसभा के बाहर गन्ना किसानों के भुगतान की मांग को लेकर धरने पर बैठे रहे. उन्होंने सरकार पर संवेदनहीन और किसान विरोधी होने का आरोप लगाया.
हरीश रावत के साथ गन्ना किसानों के मुद्दे को लेकर सैकड़ों समर्थकों भी विधानसभा के पास धरना दिया. इसमें पूर्व शिक्षा मंत्री - मंत्री प्रसाद नैथानी , अनुसूया प्रसाद मैखुरी, विधायक फुरकान अहमद भी शामिल रहे. वहीं सदन से वॉकआउट करने के बाद कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह समेत पूर्व खेल मंत्री दिनेश रावत, नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश और विधायक ममता राकेश भी हरदा के साथ धरने पर बैठे.
इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस महासचिव हरीश रावत ने सरकार पर जमकर निशाना साधा है. उन्होंने कहा है कि केंद्र और राज्य की सरकार निकम्मी, नाकारा और संवेदनहीन सरकार है. उन्होंने कहा कि यह सरकार लोकतंत्र विरोधी होने के साथ-साथ संवेदनहीन और किसान विरोधी है.
उन्होंने कहा कि गन्ना किसानों का करीब 300 करोड़ रुपया चीनी मिलों पर बकाया है. बावजूद इसके सरकार ने आजतक किसानों का बकाया भुगतान नहीं किया है. जहरीली शराब मामले पर त्रिवेंद्र सरकार को घेरते हुए उन्होंने कहा कि राजनीतिक संरक्षण और सरकार की देखरेख में जहरीली शराब का धंधा प्रदेश में खूब फलफूल रहा है. सरकार इस मामले में बड़े लोगों को गिरफ्त में लेने की बजाय कार्रवाई के नाम पर चपरासियों को दंडित करने में लगी हुई है. इसके साथ ही उन्होंने गन्ना किसानों की मांग को लेकर निरंतर धरना जारी रखने की बात कही.
बता दें कि इससे पहले पूर्व सीएम और कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत ने बजट सत्र के पहले दिन यानी 11 फरवरी को विधानसभा के समक्ष धरना करने का एलान किया था. लेकिन बाद में हरदा ने धरने को राज्यपाल बेबी रानी मौर्य के अभिभाषण को मद्देनजर रखते हुए धरना स्थगित कर दिया था. हरीश रावत ने बाद में धरना 13 फरवरी को देने का फैसला लिया.
गौर हो कि विधानसभा सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को उत्तराखंड विधानसभा में जोरदार हंगामा हुआ. शराब कांड को लेकर कांग्रेस ने सरकार को असंवेदनशील रवैया अपनाने वाला बताया. साथ ही दलित विरोधी भी करार दिया. सरकार पर आरोप लगाते हुए कांग्रेस के विधायक सदन से वॉकआउट कर गए थे.