देहरादून: दिल्ली में चले हाई वोल्टेज ड्रामे के बाद उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत (Former CM Harish Rawat) ने कहा है कि आगामी चुनाव जीतने के लिए कुछ सुधार जरूरी हैं. कभी-कभी दर्द व्यक्त करना भी पार्टी के लिए फायदेमंद होता है. इसके साथ ही कैप्टन अमरिंदर के ट्वीट का भी उन्होंने जवाब दिया.
हरीश रावत ने कहा कि पार्टी का मालिक एआईसीसी है. ये वैसे ही काम करता है जिस तरह बीसीसीआई है. जो प्रभारी हैं वो कोच हैं, मगर कैप्टन का भी अपना रोल है. इसलिए तीनों के बीच में विश्वास और समझ का रिश्ता होना बेहद जरूरी है. साथ नहीं चलेंगे तो मैच हार जाएंगे. रावत ने साफ किया कि उन्होंने जो कुछ कहा वो जीत के लिए कहा और उससे पार्टी को लाभ ही होगा.
कैप्टन को हरदा का जवाब: वहीं, पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के तीखे तंज पर हरीश रावत ने कहा कि, 'मैं उनकी (कांग्रेस के पूर्व नेता अमरिंदर सिंह) शुभकामनाएं स्वीकार करता हूं. मुझे लगता है कि कहीं न कहीं उन्हें अभी भी लग रहा है कि कांग्रेस छोड़ना एक गलती थी. मनीष तिवारी सिर्फ अपने मालिक (अमरिंदर सिंह) की आवाज का अनुसरण कर रहे हैं, क्योंकि अमरिंदर सिंह अपने मालिक की आवाज का अनुसरण कर रहे हैं.'
गौर हो कि दो दिन पहले किए गये एक ट्वीट से हरीश रावत ने प्रदेश की राजनीति में हंगामा मचा दिया था. उत्तराखंड से लेकर दिल्ली तक उनके ट्वीट से हिल गई थी. इसके बाद हाईकमान ने उन्हें और उत्तराखंड की कांग्रेस लीडरशिप को दिल्ली तलब किया था. बीते रोज (शुक्रवार) हरीश रावत और राज्य कांग्रेस लीडरशिप की हाईकमान से मुलाकात हुई. बैठक के बाद ये तय किया गया कि रावत चुनाव का फेस रहेंगे यानी उत्तराखंड चुनाव को वही लीड करेंगे. हरीश रावत विधानसभा चुनाव 2022 में उत्तराखंड कांग्रेस की कैंपेन कमेटी के चेयरमैन हैं.
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वहीं, इस दौरान ईटीवी भारत से खास बातचीत में हरीश रावत ने कहा कि, पार्टी का निर्देश ही उनके लिए काफी है. जिन परेशानियों और बाधाओं का उन्होंने ट्वीट में जिक्र किया है उसे दूर करना पार्टी का काम है. उनके हाईकमान ने चुनाव लीड करने और पार्टी को साथ लेकर चलने को कहा है, जो वो कर रहे हैं.
संगठन से समर्थन न दिए जाने के सवाल पर हालांकि, रावत थोड़ा असजह दिखाए दिए लेकिन फिर अपने चिरपरिचित अंदाज में उन्होंने रामायण का उदाहरण दे डाला और कहा कि सारी रामायण समाप्त होने के बाद 'रावण या राम कौन था' जैसा सवाल कोई मायने नहीं रखता.
हालांकि, हरीश रावत को उनकी मांग के बाद भी अभी तक मुख्यमंत्री का फेस घोषित नहीं किया गया है लेकिन इसपर हरीश रावत का कहना है कांग्रेस अध्यक्ष के पास इसका विशेषाधिकार है. इसके साथ ही रावत ने अपने संन्यास लेने की अटकलों पर भी विराम लगा दिया.
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हरीश रावत के साथ ही ईटीवी भारत की टीम ने उत्तराखंड प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव से भी खास बातचीत की. यादव ने कहा कि उनकी पार्टी में कोई मतभेद और अंतर्कलह नहीं है. काम करने का तरीका बस अलग है. लेकिन ध्येय सबका एक है और वो है आगामी चुनाव में जीत हासिल कर कांग्रेस की सरकार बनाना. जबतक मंजिल एक है तबतक ऐसी छोटी-मोटी परेशानियां आती रहेंगी और सुलझती रहेंगी.
उत्तराखंड कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने हरीश रावत के उठाए सवालों पर जवाब देते हुए कहा कि उनको जो दिक्कतें आ रही हैं उसको लेकर पार्टी हाईकमान ने प्रदेश स्तर पर दूर करने को कहा है.
क्या हरीश रावत रहेंगे सीएम चेहरा? वहीं, इस सवाल पर नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि ऐसा अभी कुछ तय नहीं हुआ है. लोग अपने हिसाब से सोच सकते हैं. अभी राष्ट्रीय नेतृत्व ने तय किया है कि हरीश रावत कैंपेन कमेटी के चेयरमैन (Campaign committee chairman Harish Rawat) हैं. उनकी अध्यक्षता में चुनाव लड़ा जाएगा. जब 2022 में सरकार बनेगी तब तय किया जाएगा कि किसे बागडोर सौंपी जाए.