मसूरी: पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत टिहरी जिले के गढ़ क्षेत्र पहुंचे. उन्होंने लॉकडाउन के दौरान खेत में हल चलाने वाली प्रिया पंवार से मिल कर उन्हें सम्मानित किया. इस मौके पर हरदा कहा कि प्रिया पंवार उत्तराखंड के नौजवानों को संदेश दे रही हैं जबकि, आजकल नौजवान खेतों में हल चलाने में हिचकिचाते हैं. प्रिया का अपने खेतों में हल चलाना सराहनीय कदम है. उन्होंने कहा कि युवाओं को प्रिया से प्रेरणा लेनी चाहिए.
बुधवार की देर शाम मसूरी में ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए हरीश रावत ने केंद्र और राज्य सरकार पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार का कोरोना संक्रमण को लेकर लॉकडाउन का फैसला गलत था. इसलिए देश में कोरोना संक्रमण के तेजी से फैलने के कारण प्रवासियों का बुरा हाल हो गया. इस दौरान उन्होंने पीएम रिलीफ फंड पर भी सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा कि पीएम रिलीफ फंड ना तो ऑडिट हो सकता है और ना ही उसके खिलाफ कोर्ट में जाया जा सकता है. उसको आरटीआई के दायरे से भी बाहर कर दिया गया है.
हरीश रावत ने कहा कि 20 मई को चाइना ने भारत में घुसपैठ करने की कोशिश की. 15 जून को हमारे 20 जवान शहीद हो गए. उसी दिन चाइना ने भारत के पीएम रिलीफ फंड में विभिन्न माध्यमों से करोड़ों रुपए दान दिया है. उन्होंने सरकार से पूछा कि सरकार चाइना से पैसा क्यों ले रहा है. उन्होंने कहा कि भारत सरकार चीन के सामानों पर पाबंदी लगाकर देश में राष्ट्रवाद की भावना पैदा करना चाहती है. वहीं दूसरी ओर चीन से पैसा लेकर दोस्ती भी निभा रही है.
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उन्होंने कहा कि राजीव गांधी फाउंडेशन पूर्ण रूप से पारदर्शी है कोई भी उसका हिसाब ले सकता है. उन्होंने सरकार द्वारा राशन को लेकर चलाई जा रही योजना पर भी सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से राशन कार्ड धारकों के राशन में भारी कटौती की जा रही है, जबकि अभी भी स्थिति वही है. हरदा ने सरकार से पहले की तरह लोगों को राशन देने की मांग की है.
हरीश रावत ने कहा कि उत्तराखंड पर्यटन पर आधारित राज्य है. पर्यटन को वापस पटरी पर लाने के लिए सरकार द्वारा कोई ठोस नीति नहीं अपनाई जा रही है. इस वजह से प्रदेश की आर्थिक स्थिति के साथ आम आदमी की आर्थिक स्थिति खराब हो रही है. उन्होंने कहा कि सरकार को पर्यटन और तीर्थाटन को वापस पटरी पर लाने के लिए ठोस कदम उठाने पड़ेंगे, लेकिन सरकार के पास कोई नीति नहीं है. इस कारण लगातार संक्रमण फैल रहा है. अगर जल्द कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए तो आने वाले समय में गंभीर परिणाम देखने को मिल सकते हैं.
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हरीश रावत ने सरकार से कहा कि प्रवासियों को कोई सुविधा नहीं दी जा रही है. इसलिए अपने घर लौटे प्रवासी काफी परेशान हैं. उन्होंने कहा कि अपने घर लौटे प्रवासियों को रोजगार से जोड़ने के लिए सरकार को जल्द साधन उपलब्ध कराने होंगे. अन्यथा लोग वापस रोजगार के लिए अन्य राज्यों का रुख करेंगे. सरकार को जल्द ग्रामीण क्षेत्रों में छोटे-छोटे उद्योग स्थापित करने होंगे, जिससे प्रवासियों को रोजगार से जोड़ा जा सके.