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Joshimath Sinking: पवित्र शहर को बचाने के लिए हरदा ने की प्रार्थना, बोले- सरकार अब जागी - जोशीमठ में बढ़ते खतरे के बीच हरदा का मौन प्रार्थना

जोशीमठ में बढ़ते खतरे को लेकर सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए पूर्व सीएम हरीश रावत ने गांधी पार्क में एक घंटे का भगवान बदरी विशाल का मौन प्रार्थना किया. इस दौरान हरीश रावत ने केंद्र और राज्य सरकार को जोशीमठ को लेकर शीघ्र कार्रवाई करने की मांग की.

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Published : Jan 5, 2023, 10:18 PM IST

Updated : Jan 6, 2023, 7:57 PM IST

देहरादून: पूर्व सीएम हरीश रावत कई मुद्दों पर सरकार का ध्यान खींचने के लिए आए दिन मौन व्रत करते रहते हैं. वहीं, इस बार हरदा जोशीमठ भू-धंसाव को लेकर देहरादून के गांधी पार्क में कड़कड़ाती ठंड में रात के समय एक घंटे का मौन प्रार्थना किया हैं. मौन प्रार्थना के बाद हरीश रावत ने जोशीमठ में हो रहे भू-धंसाव को लेकर केंद्र और राज्य सरकार से त्वरित कार्रवाई की मांग की है.

जोशीमठ शहर में भू धंसाव को लेकर हरीश रावत ने जनता के प्रति अपनी एकजुटता दिखाने के लिए देहरादून गांधी पार्क में महात्मा गांधी की प्रतिमा के नीचे बैठकर रात में 1 घंटे भगवान बदरी विशाल से मौन प्रार्थना की और ध्यान लगाया. इस दौरान उन्होंने कहा जोशीमठ हमारे हिंदुत्व का बहुत बड़ा मुकाम है. जहां आदि गुरु शंकराचार्य ने तपस्या की है.

उन्होंने कहा वहां भगवान विष्णु का धाम वहीं से प्रारंभ होता है और वहीं साक्षात रूप में भगवान विराजमान हैं. इसके साथ ही औली जैसा विश्व प्रसिद्ध पर्यटक स्थल जोशीमठ से जुड़ा हुआ है, लेकिन पिछले एक से डेढ़ सालों से वहां भूगर्भीय परिवर्तन आ रहे हैं. जोशीमठ के लोगों को लग रहा है कि उनका जीवन खतरे में है. वहां मकानों और सड़कों में दरारें आ रही हैं.
ये भी पढ़ें: जोशीमठ: NTPC सहित इन प्रोजेक्ट पर लगी रोक, CM ने बुलाई हाईलेवल मीटिंग, प्रभावित क्षेत्रों में पहुंची टीम

उन्होंने कहा लोगों को भय सता रहा है कि एनटीपीसी की टनल में विस्फोट ना हो जाए. क्योंकि पहले से ही वहां लैंडस्लाइड की मिट्टी भी है. वहां ड्रेनेज सिस्टम को भी फॉलो नहीं किया गया है. इस सब का दुष्परिणाम है कि आज जोशीमठ अपने अस्तित्व के संकट से जूझ रहा है. राज्य सरकार जोशीमठ की किस तरह से उपेक्षा कर रही है, इसका प्रमाण है कि आपदा प्रबंधन सचिव अब जोशीमठ सुध लेने पहुंच रहे हैं.

उन्होंने कहा इतनी बड़ी घटना होने पर भी केंद्र सरकार के कानों में जूं नहीं रेंग रही है. केंद्र सरकार यदि संवेदनशील होती तो वहां विशेषज्ञों के दल आने चाहिए थे, लेकिन एक्सपर्ट के दल भी अभी वहां नहीं पहुंचे हैं. हरीश रावत का कहा यहां के लोगों के पुनर्वास की व्यवस्था होनी चाहिए थी, लेकिन ऐसा लग ही नहीं रहा है कि कोई इमरजेंसी है. उन्हें इस बात की तकलीफ है कि राज्य सरकार अब जाग रही है.

हरीश रावत ने कहा सरकार को एक्सपर्ट भेज कर और स्थिति का अध्ययन करके संकट से बचाव के सब उपाय किए जाने चाहिए थे, लेकिन वहां केवल औपचारिकताएं हो रही हैं. जिसकी वजह से जोशीमठ में लोग बाहर ठंड में सामान्य वस्त्रों के साथ टिन के बरामदे में सो रहे हैं. उन लोगों के साथ अपनी भावनात्मक एकजुटता जाहिर करने के लिए उन्होंने गांधी पार्क में 1 घंटे का मौन ध्यान लगाया है.

देहरादून: पूर्व सीएम हरीश रावत कई मुद्दों पर सरकार का ध्यान खींचने के लिए आए दिन मौन व्रत करते रहते हैं. वहीं, इस बार हरदा जोशीमठ भू-धंसाव को लेकर देहरादून के गांधी पार्क में कड़कड़ाती ठंड में रात के समय एक घंटे का मौन प्रार्थना किया हैं. मौन प्रार्थना के बाद हरीश रावत ने जोशीमठ में हो रहे भू-धंसाव को लेकर केंद्र और राज्य सरकार से त्वरित कार्रवाई की मांग की है.

जोशीमठ शहर में भू धंसाव को लेकर हरीश रावत ने जनता के प्रति अपनी एकजुटता दिखाने के लिए देहरादून गांधी पार्क में महात्मा गांधी की प्रतिमा के नीचे बैठकर रात में 1 घंटे भगवान बदरी विशाल से मौन प्रार्थना की और ध्यान लगाया. इस दौरान उन्होंने कहा जोशीमठ हमारे हिंदुत्व का बहुत बड़ा मुकाम है. जहां आदि गुरु शंकराचार्य ने तपस्या की है.

उन्होंने कहा वहां भगवान विष्णु का धाम वहीं से प्रारंभ होता है और वहीं साक्षात रूप में भगवान विराजमान हैं. इसके साथ ही औली जैसा विश्व प्रसिद्ध पर्यटक स्थल जोशीमठ से जुड़ा हुआ है, लेकिन पिछले एक से डेढ़ सालों से वहां भूगर्भीय परिवर्तन आ रहे हैं. जोशीमठ के लोगों को लग रहा है कि उनका जीवन खतरे में है. वहां मकानों और सड़कों में दरारें आ रही हैं.
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उन्होंने कहा लोगों को भय सता रहा है कि एनटीपीसी की टनल में विस्फोट ना हो जाए. क्योंकि पहले से ही वहां लैंडस्लाइड की मिट्टी भी है. वहां ड्रेनेज सिस्टम को भी फॉलो नहीं किया गया है. इस सब का दुष्परिणाम है कि आज जोशीमठ अपने अस्तित्व के संकट से जूझ रहा है. राज्य सरकार जोशीमठ की किस तरह से उपेक्षा कर रही है, इसका प्रमाण है कि आपदा प्रबंधन सचिव अब जोशीमठ सुध लेने पहुंच रहे हैं.

उन्होंने कहा इतनी बड़ी घटना होने पर भी केंद्र सरकार के कानों में जूं नहीं रेंग रही है. केंद्र सरकार यदि संवेदनशील होती तो वहां विशेषज्ञों के दल आने चाहिए थे, लेकिन एक्सपर्ट के दल भी अभी वहां नहीं पहुंचे हैं. हरीश रावत का कहा यहां के लोगों के पुनर्वास की व्यवस्था होनी चाहिए थी, लेकिन ऐसा लग ही नहीं रहा है कि कोई इमरजेंसी है. उन्हें इस बात की तकलीफ है कि राज्य सरकार अब जाग रही है.

हरीश रावत ने कहा सरकार को एक्सपर्ट भेज कर और स्थिति का अध्ययन करके संकट से बचाव के सब उपाय किए जाने चाहिए थे, लेकिन वहां केवल औपचारिकताएं हो रही हैं. जिसकी वजह से जोशीमठ में लोग बाहर ठंड में सामान्य वस्त्रों के साथ टिन के बरामदे में सो रहे हैं. उन लोगों के साथ अपनी भावनात्मक एकजुटता जाहिर करने के लिए उन्होंने गांधी पार्क में 1 घंटे का मौन ध्यान लगाया है.

Last Updated : Jan 6, 2023, 7:57 PM IST
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