देहरादून: पूर्व सीएम हरीश रावत ने एक बार फिर से भाजपा सरकार को निशाने पर लिया है. उन्होंने सरकार पर प्रदेश की बिल्डिंग बेचने और हाईकोर्ट शिफ्टिंग के नाम पर कुमाऊं को चोक करने का आरोप लगाया है. इस काम के लिए उन्होंने भाजपा की तुलना बिहार के पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव से की है.
बता दें कि हरीश रावत ने अपने सोशल मीडिया में भाजपा पर निशाना साधते हुए एक पोस्ट किया है. जिसमें उन्होंने कहा यूं तो भाजपा, लालू प्रसाद यादव के लिए कुछ भी कहे, लेकिन उनके मुख्यमंत्रीगण राज्य की आय बढ़ाने के लिए उनके फार्मूले पर ही काम कर रहे हैं. लालू ने रेलवे की अतिरिक्त जमीनों को बेचा और रेलवे को मुनाफे में लाए. चाहे बाद में उसका दुष्परिणाम रेलवे को भुगतना पड़ा हो. ग्लोबल मैकेंजी के सुझावों पर उत्तराखंड में भी ठीक यही हो रहा है.
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उन्होंने आगे कहा हाईकोर्ट की वर्तमान बिल्डिंग बिकेंगी, कोई पूंजीपति उसका उपयोग करेगा. नैनीताल को उसका लाभ होगा या नहीं होगा, लेकिन हल्द्वानी में जहां नया हाईकोर्ट बनेगा, उसका कंजेशन जरूर बढ़ जाएगा. हल्द्वानी का चोक होने का मतलब है, पूरा कुमाऊं अंचल चोक होना. उन्होंने आरोप लगाया कि देहरादून में भी सरकारी कार्यालयों की संपत्तियों को बेचकर रायपुर में नया कॉम्प्लेक्स बनाया जा रहा है.
हरदा ने कहा रायपुर अर्थात देहरादून पहले से ही विकास के रास्ते पर अग्रसर टाउनशिप है. इसके अतिरिक्त कोई नया टाउनशिप नहीं बन रहा है. इन परिसंपत्तियों के बेचने से प्राप्त धनराशि का सदुपयोग तो तब होता, जब इसकी आमदनी से राज्य भर में दो-तीन दर्जन नये ग्रोथ सेंटर बनते और अलग-अलग क्षेत्रों में बनते. यहां के रायपुर की तुलना आप छत्तीसगढ़ के नये रायपुर से नहीं कर सकते हैं.
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उन्होंने आगे कहा छत्तीसगढ़ में नया रायपुर हजारों एकड़ भूमि में बन रहा है, लेकिन उत्तराखंड में सरकार एक मुट्ठी भर भूमि में देहरादून के रायपुर में सारे सरकारी कार्यालयों, सचिवालय और विधानसभा को सीमित करना चाहती है. जिससे न सिर्फ देहरादून के आवागमन का सारा रास्ता चोक हो जाए, बल्कि राजधानी पहले से भी ज्यादा समस्या ग्रस्त हो जाएगी. हां, कुछ प्राइम प्रॉपर्टी को बेचने से राज्य के कोष में एक बड़ी धनराशि जरूर आ जाएगी.