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दीपावली में अली और रमजान में राम, गंगा-जमुनी तहजीब का हरीश्चंद्र दे रहा पैगाम - lucknow

पुराने लखनऊ में रहने वाले हरिश्चंद्र धानुक रिटायर लोको पायलट हैं. धर्म से हिंदू हरिश्चंद्र के यहां दीपावली में जहां उनके मुस्लिम पड़ोसी उनके साथ खुशियां मनाते हैं, वहीं रमजान के महीने में हरिश्चंद्र रोजे रखकर इबादत करते हैं.

गंगा-जमुनी तहजीब का हरीश्चंद्र दे रहा पैगाम
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Published : May 29, 2019, 2:33 PM IST

लखनऊ/देहरादून: हमारा देश भारत अपनी गंगा-जमुनी तहजीब के लिए पूरी दुनिया में पहचाना जाता है. हिंदुस्तान एक ऐसा गुलदस्ता है, जहां सभी धर्मों के लोग प्यार-मोहब्बत और भाईचारे के साथ रहते आए हैं. इसकी ताजा मिसाल है राजधानी लखनऊ के रहने वाले हरिश्चंद्र धानुक, जो धर्म से तो हिंदू हैं लेकिन रमजान में मुसलमानों के साथ सारे रोजे रखते हैं. हरिश्चंद्र का मानना है कि हर धर्म में एक-दूसरे के साथ मिल-जुल कर रहने की सीख दी गई है. इस पर आज के दौर में हम सबको अमल करने की बेहद जरूरत है.

गंगा-जमुनी तहजीब का हरीश्चंद्र दे रहा पैगाम

हरिश्चंद्र धानुक ऐसे बने एकता की मिसाल


  • पुराने लखनऊ में रहने वाले हरिश्चंद्र धानुक रिटायर लोको पायलट हैं.

  • हरिश्चंद्र के अपने इलाके में मुसलमान आबादी अधिक होने के चलते वह अक्सर मुसलमानों के बीच ज्यादा वक्त गुजारते हैं.

  • धर्म से हिंदू हरिश्चंद्र के यहां दीपावली में उनके मुस्लिम पड़ोसी उनके साथ खुशियां मनाते हैं.

  • रमजान के महीने में हरिश्चंद्र रोजे रखकर इबादत करते हैं.

  • ईटीवी भारत के साथ खास बातचीत में उन्होंने बताया कि वह 5 साल से रोजे रखते चले आ रहे हैं और आगे भी जारी रखेंगे.

'सियासी पार्टियों के नेता बढ़ाते हैं लोगों के बीच की दूरियां'


  • हरिश्चंद्र धानुक का मानना है कि कुछ सियासी पार्टियों के नेता हिंदू-मुस्लिम के बीच बयानबाजी कर के दोनों धर्मो के बीच दूरियां पैदा करते हैं.

  • आज भी हिंदू-मुस्लिम आपस में एक ही हैं.

  • उनके पड़ोसी इमामुद्दीन का मानना है कि लखनऊ की गंगा-जमुनी तहजीब की एक जिंदा मिसाल हरिश्चंद्र धानुक हैं.

  • वह हमेशा से ही इलाके में अमन और चैन का पैगाम देते हैं, जिससे उनका काफी नाम है.

लखनऊ/देहरादून: हमारा देश भारत अपनी गंगा-जमुनी तहजीब के लिए पूरी दुनिया में पहचाना जाता है. हिंदुस्तान एक ऐसा गुलदस्ता है, जहां सभी धर्मों के लोग प्यार-मोहब्बत और भाईचारे के साथ रहते आए हैं. इसकी ताजा मिसाल है राजधानी लखनऊ के रहने वाले हरिश्चंद्र धानुक, जो धर्म से तो हिंदू हैं लेकिन रमजान में मुसलमानों के साथ सारे रोजे रखते हैं. हरिश्चंद्र का मानना है कि हर धर्म में एक-दूसरे के साथ मिल-जुल कर रहने की सीख दी गई है. इस पर आज के दौर में हम सबको अमल करने की बेहद जरूरत है.

गंगा-जमुनी तहजीब का हरीश्चंद्र दे रहा पैगाम

हरिश्चंद्र धानुक ऐसे बने एकता की मिसाल


  • पुराने लखनऊ में रहने वाले हरिश्चंद्र धानुक रिटायर लोको पायलट हैं.

  • हरिश्चंद्र के अपने इलाके में मुसलमान आबादी अधिक होने के चलते वह अक्सर मुसलमानों के बीच ज्यादा वक्त गुजारते हैं.

  • धर्म से हिंदू हरिश्चंद्र के यहां दीपावली में उनके मुस्लिम पड़ोसी उनके साथ खुशियां मनाते हैं.

  • रमजान के महीने में हरिश्चंद्र रोजे रखकर इबादत करते हैं.

  • ईटीवी भारत के साथ खास बातचीत में उन्होंने बताया कि वह 5 साल से रोजे रखते चले आ रहे हैं और आगे भी जारी रखेंगे.

'सियासी पार्टियों के नेता बढ़ाते हैं लोगों के बीच की दूरियां'


  • हरिश्चंद्र धानुक का मानना है कि कुछ सियासी पार्टियों के नेता हिंदू-मुस्लिम के बीच बयानबाजी कर के दोनों धर्मो के बीच दूरियां पैदा करते हैं.

  • आज भी हिंदू-मुस्लिम आपस में एक ही हैं.

  • उनके पड़ोसी इमामुद्दीन का मानना है कि लखनऊ की गंगा-जमुनी तहजीब की एक जिंदा मिसाल हरिश्चंद्र धानुक हैं.

  • वह हमेशा से ही इलाके में अमन और चैन का पैगाम देते हैं, जिससे उनका काफी नाम है.

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पुराने लखनऊ में रहने वाले हरिश्चंद्र धानुक रिटायर लोको पायलट हैं. धर्म से हिंदू हरिश्चंद्र के यहां दीपावली में जहां उनके मुस्लिम पड़ोसी उनके साथ खुशियां मनाते हैं, वहीं रमजान के महीने में हरिश्चंद्र रोजे रखकर इबादत करते हैं.



लखनऊ: हमारा देश भारत अपनी गंगा-जमुनी तहजीब के लिए पूरी दुनिया में पहचाना जाता है. हिंदुस्तान एक ऐसा गुलदस्ता है, जहां सभी धर्मों के लोग प्यार-मोहब्बत और भाईचारे के साथ रहते आए हैं. इसकी ताजा मिसाल है राजधानी लखनऊ के रहने वाले हरिश्चंद्र धानुक, जो धर्म से तो हिंदू हैं लेकिन रमजान में मुसलमानों के साथ सारे रोजे रखते हैं. हरिश्चंद्र का मानना है कि हर धर्म में एक-दूसरे के साथ मिल-जुल कर रहने की सीख दी गई है. इस पर आज के दौर में हम सबको अमल करने की बेहद जरूरत है.



हरिश्चंद्र धानुक ऐसे बने एकता की मिसाल




             
  • पुराने लखनऊ में रहने वाले हरिश्चंद्र धानुक रिटायर लोको पायलट हैं.

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  • हरिश्चंद्र के अपने इलाके में मुसलमान आबादी अधिक होने के चलते वह अक्सर मुसलमानों के बीच ज्यादा वक्त गुजारते हैं.

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  • धर्म से हिंदू हरिश्चंद्र के यहां दीपावली में उनके मुस्लिम पड़ोसी उनके साथ खुशियां मनाते हैं.

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  • रमजान के महीने में हरिश्चंद्र रोजे रखकर इबादत करते हैं.

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  • ईटीवी भारत के साथ खास बातचीत में उन्होंने बताया कि वह 5 साल से रोजे रखते चले आ रहे हैं और आगे भी जारी रखेंगे.



'सियासी पार्टियों के नेता बढ़ाते हैं लोगों के बीच की दूरियां'




             
  • हरिश्चंद्र धानुक का मानना है कि कुछ सियासी पार्टियों के नेता हिंदू-मुस्लिम के बीच बयानबाजी कर के दोनों धर्मो के बीच दूरियां पैदा करते हैं.

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  • आज भी हिंदू-मुस्लिम आपस में एक ही हैं.

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  • उनके पड़ोसी इमामुद्दीन का मानना है कि लखनऊ की गंगा-जमुनी तहजीब की एक जिंदा मिसाल हरिश्चंद्र धानुक हैं.

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  • वह हमेशा से ही इलाके में अमन और चैन का पैगाम देते हैं, जिससे उनका काफी नाम है.


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