देहरादूनः उत्तराखंड में अवैध खनन को लेकर वन विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत पर यूं तो आरोप लगते रहे हैं, लेकिन इस बार विभागीय मंत्री ने अपनी ही विधानसभा क्षेत्र में अवैध खनन के मामले में प्रभागीय वन अधिकारी दीपक सिंह पर कार्रवाई की है. लैंसडाउन के डीएफओ को वन मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने वन मुख्यालय में अटैच कर दिया है.
दरअसल, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी हाल ही में अवैध खनन को लेकर विपक्ष के निशाने पर थे. आरोप था कि मुख्यमंत्री कार्यालय से अवैध खनन की गाड़ियों को छुड़ाने के लिए पत्र लिखा गया था. इसी पत्र को दिखाते हुए मुख्यमंत्री पर अवैध खनन कराने का आरोप (pushkar dhami pro letter viral) लगाते हुए सदन के अंदर कांग्रेस के विधायकों ने जमकर हंगामा किया था, लेकिन शायद सरकार में बैठे अधिकारी खनन को लेकर अपना रवैया बदलने को तैयार नहीं है.
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ताजा मामला वन मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत के गृह जनपद का है. जहां पर वन क्षेत्र में अवैध खनन की पुष्टि हुई है. खास बात ये है कि वन मंत्री हरक सिंह रावत ने इस मामले में फौरन लैंसडाउन डीएफओ दीपक सिंह पर कार्रवाई (Harak Rawat take action against DFO) करते हुए उन्हें वन मुख्यालय में अटैच कर दिया है. इतना ही नहीं लैंसडाउन के डीएफओ के खिलाफ जांच भी बैठाई गई है.
बता दें कि लैंसडाउन वन क्षेत्र में लगातार अवैध खनन की शिकायतें मिल रही थी. जिसको देखते हुए वन मंत्री हरक सिंह रावत ने इस मामले में गढ़वाल चीफ सुशांत पटनायक को जांच करवाने के आदेश दिए थे. इस मामले में जांच टीम ने पाया कि इस क्षेत्र में अवैध खनन किया जा रहा था. जिसके बाद फौरन वन मंत्री ने इस मामले में कार्रवाई की है.
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हरक सिंह रावत ने कार्रवाई की कही बातः वहीं, मामले में वन मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत (Forest Minister Harak Singh Rawat) ने कहा कि चौंकाने वाली बात है कि उन्हीं की विधानसभा में अवैध खनन का काम चल रहा है और उनकी छवि को खराब करने की कोशिश की गई है. ऐसे में यदि डीएफओ (Lansdowne DFO Deepak Singh) पर आरोप सिद्ध होते हैं तो उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी.
क्या बोले डीएफओ दीपक सिंह? वहीं, मामले में डीएफओ दीपक सिंह ने सभी आरोपों को निराधार बताया है. उनका कहना है कि इस मामले में उन्होंने उच्चाधिकारियों से बात की है. फिलहाल, उन्हें अभी तक वन मुख्यालय अटैच करने का कोई आदेश प्राप्त नहीं हुआ है.
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