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पुरानी खामियों से पेयजल विभाग ने लिया सबक, अब 'हर घर नल, हर घर जल' योजना की होगी मॉनिटरिंग

राज्य में 'हर घर नल, हर घर जल' योजना के तहत पेयजल व्यवस्थाओं को बेहतर बनाने की कोशिश की जा रही है. हालांकि इस योजना के पूरा होने से पहले ही इसमें तमाम गड़बड़ियां सामने आ चुकी हैं.

पेयजल मंत्री बिशन सिंह चुफाल
पेयजल मंत्री बिशन सिंह चुफाल
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Published : Nov 18, 2021, 10:08 AM IST

Updated : Nov 18, 2021, 10:51 AM IST

देहरादून: उत्तराखंड में 'हर घर जल,हर घर नल' स्कीम को अपने अंतिम चरण में संचालित किया जा रहा है. विभाग का दावा है कि करीब 80% काम इस योजना के तहत किया जा चुका है. उधर बड़ी बात यह है कि पुरानी खामियों से सबक लेते हुए विभाग इस योजना की गुणवत्ता और कार्यों को लेकर अलग-अलग जगह मॉनिटरिंग करवा रहा है.

प्रदेश में 'हर घर जल, हर घर नल' योजना के तहत पेयजल व्यवस्थाओं को बेहतर बनाने की कोशिश की जा रही है. इस दिशा में प्रत्येक घर तक नल पहुंचाने के लिए पेयजल लाइनों का विस्तार किया जा रहा है. हालांकि इस योजना के पूरा होने से पहले ही इसमें तमाम गड़बड़ियां सामने आ चुकी हैं और विभागीय मंत्री के तौर पर बिशन सिंह चुफाल ने कुर्सी संभालते ही इन गड़बड़ियों का खुलासा भी किया था. जिसके बाद योजना में चली आ रही कमियों को दूर करने के सख्त निर्देश अधिकारियों को दिए गए थे.

राज्य में 'हर घर नल, हर घर जल' योजना की होगी मॉनिटरिंग.

योजना में पिछली गड़बड़ियों से सबक लेते हुए अब विभागीय मंत्री के दिशा निर्देश पर योजना की मॉनिटरिंग का भी एक खाका तैयार किया गया है. जिसमें योजना की कई चरणों में मॉनिटरिंग की जाएगी.

पढ़ें: 180 साल की हुई सरोवर नगरी, अठखेलियां करती लहरें मिटा देती हैं थकान

'हर घर जल, हर घर नल' योजना को सफल बनाने के लिए योजना की गुणवत्ता और सत प्रतिशत काम को पूरा करने की स्थिति को जानने के लिए थर्ड पार्टी मॉनिटरिंग करवाई जा रही है. इस दिशा में एक निजी संस्था की तरफ से योजना के कामों की रिपोर्ट तैयार की जाएगी. खास बात यह है कि योजना के तहत किए गए कामों का 25% भुगतान थर्ड पार्टी मॉनिटरिंग के बाद संतोषजनक रिपोर्ट मिलने के बाद ही किया जाएगा.

NGO के माध्यम से भी विभाग करवा रहा मॉनिटरिंग: पेयजल निगम की तरफ से इस योजना के तहत पहले ही 82 एनजीओ के जरिए योजना का सर्वे करवाया गया था, जिसके बाद डीपीआर भी बना दी गई थी. इस योजना में 80% काम हो चुका है और दावा किया गया है कि 20% काम भी जल्द कर दिया जाएगा. उधर अब 122 नए एनजीओ को योजना में जोड़ा गया है. जिनका काम योजना की मॉनिटरिंग करना होगा. जिसके तहत योजना की गुणवत्ता पूर्ण कार्य की स्थिति देखना और लोगों को मिल रहे पेयजल की गुणवत्ता को भी भापना है. इसके लिए एनजीओ में काम करने वाले लोगों को विभाग की तरफ से ट्रेनिंग दी जाएगी. इस दौरान मेंटेनेंस की स्थितियों को भी एनजीओ अपनी रिपोर्ट में विभाग को देगा.

देहरादून: उत्तराखंड में 'हर घर जल,हर घर नल' स्कीम को अपने अंतिम चरण में संचालित किया जा रहा है. विभाग का दावा है कि करीब 80% काम इस योजना के तहत किया जा चुका है. उधर बड़ी बात यह है कि पुरानी खामियों से सबक लेते हुए विभाग इस योजना की गुणवत्ता और कार्यों को लेकर अलग-अलग जगह मॉनिटरिंग करवा रहा है.

प्रदेश में 'हर घर जल, हर घर नल' योजना के तहत पेयजल व्यवस्थाओं को बेहतर बनाने की कोशिश की जा रही है. इस दिशा में प्रत्येक घर तक नल पहुंचाने के लिए पेयजल लाइनों का विस्तार किया जा रहा है. हालांकि इस योजना के पूरा होने से पहले ही इसमें तमाम गड़बड़ियां सामने आ चुकी हैं और विभागीय मंत्री के तौर पर बिशन सिंह चुफाल ने कुर्सी संभालते ही इन गड़बड़ियों का खुलासा भी किया था. जिसके बाद योजना में चली आ रही कमियों को दूर करने के सख्त निर्देश अधिकारियों को दिए गए थे.

राज्य में 'हर घर नल, हर घर जल' योजना की होगी मॉनिटरिंग.

योजना में पिछली गड़बड़ियों से सबक लेते हुए अब विभागीय मंत्री के दिशा निर्देश पर योजना की मॉनिटरिंग का भी एक खाका तैयार किया गया है. जिसमें योजना की कई चरणों में मॉनिटरिंग की जाएगी.

पढ़ें: 180 साल की हुई सरोवर नगरी, अठखेलियां करती लहरें मिटा देती हैं थकान

'हर घर जल, हर घर नल' योजना को सफल बनाने के लिए योजना की गुणवत्ता और सत प्रतिशत काम को पूरा करने की स्थिति को जानने के लिए थर्ड पार्टी मॉनिटरिंग करवाई जा रही है. इस दिशा में एक निजी संस्था की तरफ से योजना के कामों की रिपोर्ट तैयार की जाएगी. खास बात यह है कि योजना के तहत किए गए कामों का 25% भुगतान थर्ड पार्टी मॉनिटरिंग के बाद संतोषजनक रिपोर्ट मिलने के बाद ही किया जाएगा.

NGO के माध्यम से भी विभाग करवा रहा मॉनिटरिंग: पेयजल निगम की तरफ से इस योजना के तहत पहले ही 82 एनजीओ के जरिए योजना का सर्वे करवाया गया था, जिसके बाद डीपीआर भी बना दी गई थी. इस योजना में 80% काम हो चुका है और दावा किया गया है कि 20% काम भी जल्द कर दिया जाएगा. उधर अब 122 नए एनजीओ को योजना में जोड़ा गया है. जिनका काम योजना की मॉनिटरिंग करना होगा. जिसके तहत योजना की गुणवत्ता पूर्ण कार्य की स्थिति देखना और लोगों को मिल रहे पेयजल की गुणवत्ता को भी भापना है. इसके लिए एनजीओ में काम करने वाले लोगों को विभाग की तरफ से ट्रेनिंग दी जाएगी. इस दौरान मेंटेनेंस की स्थितियों को भी एनजीओ अपनी रिपोर्ट में विभाग को देगा.

Last Updated : Nov 18, 2021, 10:51 AM IST
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