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कालसी में महिलाओं को दिया गया हस्तशिल्प का प्रशिक्षण, आर्थिकी होगी मजबूत

Handicraft Training विकासनगर में महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए हस्तशिल्प का प्रशिक्षण दिया गया. जिससे महिलाएं अपनी आर्थिकी को मजबूत कर सकें.प्रशिक्षण के दौरान महिलाओं ने बांस के कई उत्पाद बनाए.

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jan 2, 2024, 9:21 AM IST

विकासनगर: कालसी ब्लॉक के ग्राम पंचायत कनबुआ में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत गठित महिला समूहों की तीस महिलाओं को बांस से बनने वाले सामान बनाने का 15 दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया. केंद्र व राज्य सरकार द्वारा ग्रामीण महिलाओं के उत्थान के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं. ग्रामीण परिवेश में प्राकृतिक संसाधनों से रोजगार भी प्राप्त किया जा सकता है. ऐसे में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन ग्रामीण महिलाओं को कई रोजगारपरक प्रशिक्षण दे रहा है. जिसमें महिलाएं प्रशिक्षण लेकर रोजगार से जुड़ रही हैं.

कनबुआ गांव में महिलाओं को हस्तशिल्प का प्रशिक्षण दिया गया. प्रशिक्षण पाने वाली महिलाओं ने बांस से बनी फूलों की टोकरी, गुलदस्ते, हाटकेस,पेन सेट, ट्रे, आदि वस्तुएं बनाई. मास्टर ट्रेनर संजू दास ने 30 महिलाओं को 15 दिनों तक प्रशिक्षण दिया.प्रशिक्षण प्राप्त कर चुकी महिलाओं का कहना है कि प्रशिक्षण पाकर ग्रामीण महिलाएं भी आत्मनिर्भर बन सकेगी. साथ ही घर पर ही रोजगार के अवसर भी मिलेंगे और उनकी आर्थिकी मजबूत होगी.
पढ़ें-हस्तशिल्प को पहचान दे रहे बाली राम, बनाए उत्पादों की बढ़ी मांग

स्वामी विवेकानंद फाउंडेशन के संरक्षक सचिन गुप्ता ने कहा कि महिलाओं द्वारा बांस से बनाई गई सामग्री के लिए बाजार भी उपलब्ध कराने का प्रयास करेगा. जिससे महिलाओं को आर्थिक मजबूती मिलेगी. केन्द्र व राज्य सरकार महिलाओं की आर्थिक स्थिति के सुधार को निरंतर प्रयास कर रही है. राष्ट्रीय ग्रामीण मिशन के ब्लॉक समन्वयक सुरेन्द्र सिंह ने कहा कि समूह से जुड़ी तीस महिलाओं को 15 दिन का निशुल्क प्रशिक्षण दिया गया है.महिलाओं द्वारा विभिन्न प्रकार के बांस से निर्मित सामान बनाए गए हैं. जिससे महिलाएं घर पर ही आत्मनिर्भर हो सकेगी.

विकासनगर: कालसी ब्लॉक के ग्राम पंचायत कनबुआ में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत गठित महिला समूहों की तीस महिलाओं को बांस से बनने वाले सामान बनाने का 15 दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया. केंद्र व राज्य सरकार द्वारा ग्रामीण महिलाओं के उत्थान के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं. ग्रामीण परिवेश में प्राकृतिक संसाधनों से रोजगार भी प्राप्त किया जा सकता है. ऐसे में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन ग्रामीण महिलाओं को कई रोजगारपरक प्रशिक्षण दे रहा है. जिसमें महिलाएं प्रशिक्षण लेकर रोजगार से जुड़ रही हैं.

कनबुआ गांव में महिलाओं को हस्तशिल्प का प्रशिक्षण दिया गया. प्रशिक्षण पाने वाली महिलाओं ने बांस से बनी फूलों की टोकरी, गुलदस्ते, हाटकेस,पेन सेट, ट्रे, आदि वस्तुएं बनाई. मास्टर ट्रेनर संजू दास ने 30 महिलाओं को 15 दिनों तक प्रशिक्षण दिया.प्रशिक्षण प्राप्त कर चुकी महिलाओं का कहना है कि प्रशिक्षण पाकर ग्रामीण महिलाएं भी आत्मनिर्भर बन सकेगी. साथ ही घर पर ही रोजगार के अवसर भी मिलेंगे और उनकी आर्थिकी मजबूत होगी.
पढ़ें-हस्तशिल्प को पहचान दे रहे बाली राम, बनाए उत्पादों की बढ़ी मांग

स्वामी विवेकानंद फाउंडेशन के संरक्षक सचिन गुप्ता ने कहा कि महिलाओं द्वारा बांस से बनाई गई सामग्री के लिए बाजार भी उपलब्ध कराने का प्रयास करेगा. जिससे महिलाओं को आर्थिक मजबूती मिलेगी. केन्द्र व राज्य सरकार महिलाओं की आर्थिक स्थिति के सुधार को निरंतर प्रयास कर रही है. राष्ट्रीय ग्रामीण मिशन के ब्लॉक समन्वयक सुरेन्द्र सिंह ने कहा कि समूह से जुड़ी तीस महिलाओं को 15 दिन का निशुल्क प्रशिक्षण दिया गया है.महिलाओं द्वारा विभिन्न प्रकार के बांस से निर्मित सामान बनाए गए हैं. जिससे महिलाएं घर पर ही आत्मनिर्भर हो सकेगी.

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