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इंसानों पर गुलदारों के हमले बढ़ने की सर्दियां है वजह, तीन सालों में 250 से ज्यादा हुए हमले

उत्तराखंड में सर्दियां बढ़ने के साथ ही गुलदार भी हमलावार होते जा रहे (guldars are getting more aggressive) हैं. बीते कुछ दिनों में गुलदार के हमलों के कई मामला सामने आए (leopard attacked in uttarakhand) हैं, जिसने सरकार और वन विभाग दोनों की चिंता बढ़ा दी है. ऐसे में आम इंसान भी डर से साए में जीने को मजबूर (guldars attacked in uttarakhand) है. आखिर सर्दियों में क्यों ज्यादा घातक साबित हो रहे हैं गुलदार. पढ़े, इसी पर ईटीवी भारत की स्पेशल रिपोर्ट.

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Published : Dec 3, 2022, 7:00 AM IST

Updated : Dec 3, 2022, 5:45 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड में पिछले कुछ हफ्ते गुलदारों के हमले को लेकर खासे संवेदनशील रहे (guldars are getting more aggressive) हैं. स्थिति यह है कि राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में ऐसे हमलों की संख्या कम नहीं हो रही है. पिछले तीन सालों में ही 250 से ज्यादा हमले वन विभाग के रिकॉर्ड में आए (leopard attacked in uttarakhand) हैं. खास बात ये है कि मौजूदा समय में हमलों के बढ़ने की वजह सर्दियां बताई जा रही है.

उत्तराखंड में मानव वन्यजीव संघर्ष यूं तो हमेशा एक बड़ी समस्या रहा है, लेकिन पिछले कुछ हफ्तों में जिस तरह गुलदारों के हमलों के नए मामले आये हैं, उससे ना केवल स्थानीय लोग बल्कि वन विभाग की भी चिंताएं बढ़ गई हैं. आपको जानकर हैरानी होगी कि पिछले 3 सालों में ही 250 से ज्यादा हमले गुलदारों ने किये हैं. यह वह आंकड़ा है जो वन विभाग ने दर्ज किया है. उधर इन हमलों में मरने वालों की भी संख्या बढ़ी है. हालांकि वन विभाग के अधिकारियों का दावा है कि सर्दियां आने के साथ वन क्षेत्रों में खाने को लेकर वन्यजीवों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, ऐसे में गुलदार की भी एक्टिविटी इंसानी बस्तियों में बढ़ जाती है.

इंसानों पर गुलदारों के हमले बढ़ने की सर्दियां है वजह.
पढ़ें- पौड़ी में आबादी के बीच फिर दिखाई दिया गुलदार, मैदान में उतर CCF ने खुद संभाली कमान

यही नहीं सचिव वन विजय कुमार यादव मौजूदा गंभीर स्थिति से निपटने के लिए लोगों के जागरूक होने को बेहद जरूरी मानते हैं. यूं तो हर साल वन्यजीवों के हमलों में बड़ी संख्या में लोग मारे जाते हैं, लेकिन इसमें गुलदार इंसानों के लिए सबसे ज्यादा खतरा बने रहते हैं. अब जानिए कि राज्य में क्या है गुलदार के हम लोग को लेकर स्थिति.

आंकड़ों पर एक नजर:

  • साल 2020 में जहां कुल 30 लोगों की गुलदार के हमलों में जान गई तो वही 85 लोग इसमें घायल हो गए.
  • साल 2021 में 22 लोगों की जान गई और 60 लोग घायल हुए.
  • उधर 2022 में अब तक 14 लोगों की जान जा चुकी है और 41 लोग घायल हुए हैं.
  • इस तरह 3 सालों में 66 लोगों की जान गई और 186 लोग घायल हो गए.

हाल ही में अल्मोड़ा का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें गुलदार दो महिलाओं पर हमला करते हुए दिखाई दिया था. उधर पिछले कुछ दिनों में ही कुछ बच्चों को गुलदार द्वारा निवाला बनाने की भी घटना हुई है. इन मामलों के सामने आने के बाद जहां लोगों में घटनाओं को लेकर आक्रोश है तो वही मौजूदा स्थिति से निपटने के लिए वन विभाग पर भी खासा दबाव में दिखाई दे रहा है. वन मंत्री सुबोध उनियाल की माने तो लगातार कोशिश की जा रही है कि ऐसे मामलों में कमी लाई जाए और इसके लिए विभाग हर संभव प्रयास करने की कोशिश कर रहा है.
पढ़ें- अल्मोड़ा में तीन सालों में गुलदार ने 50 लोगों पर किया हमला, 6 लोगों को गंवानी पड़ी जान

देहरादून: उत्तराखंड में पिछले कुछ हफ्ते गुलदारों के हमले को लेकर खासे संवेदनशील रहे (guldars are getting more aggressive) हैं. स्थिति यह है कि राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में ऐसे हमलों की संख्या कम नहीं हो रही है. पिछले तीन सालों में ही 250 से ज्यादा हमले वन विभाग के रिकॉर्ड में आए (leopard attacked in uttarakhand) हैं. खास बात ये है कि मौजूदा समय में हमलों के बढ़ने की वजह सर्दियां बताई जा रही है.

उत्तराखंड में मानव वन्यजीव संघर्ष यूं तो हमेशा एक बड़ी समस्या रहा है, लेकिन पिछले कुछ हफ्तों में जिस तरह गुलदारों के हमलों के नए मामले आये हैं, उससे ना केवल स्थानीय लोग बल्कि वन विभाग की भी चिंताएं बढ़ गई हैं. आपको जानकर हैरानी होगी कि पिछले 3 सालों में ही 250 से ज्यादा हमले गुलदारों ने किये हैं. यह वह आंकड़ा है जो वन विभाग ने दर्ज किया है. उधर इन हमलों में मरने वालों की भी संख्या बढ़ी है. हालांकि वन विभाग के अधिकारियों का दावा है कि सर्दियां आने के साथ वन क्षेत्रों में खाने को लेकर वन्यजीवों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, ऐसे में गुलदार की भी एक्टिविटी इंसानी बस्तियों में बढ़ जाती है.

इंसानों पर गुलदारों के हमले बढ़ने की सर्दियां है वजह.
पढ़ें- पौड़ी में आबादी के बीच फिर दिखाई दिया गुलदार, मैदान में उतर CCF ने खुद संभाली कमान

यही नहीं सचिव वन विजय कुमार यादव मौजूदा गंभीर स्थिति से निपटने के लिए लोगों के जागरूक होने को बेहद जरूरी मानते हैं. यूं तो हर साल वन्यजीवों के हमलों में बड़ी संख्या में लोग मारे जाते हैं, लेकिन इसमें गुलदार इंसानों के लिए सबसे ज्यादा खतरा बने रहते हैं. अब जानिए कि राज्य में क्या है गुलदार के हम लोग को लेकर स्थिति.

आंकड़ों पर एक नजर:

  • साल 2020 में जहां कुल 30 लोगों की गुलदार के हमलों में जान गई तो वही 85 लोग इसमें घायल हो गए.
  • साल 2021 में 22 लोगों की जान गई और 60 लोग घायल हुए.
  • उधर 2022 में अब तक 14 लोगों की जान जा चुकी है और 41 लोग घायल हुए हैं.
  • इस तरह 3 सालों में 66 लोगों की जान गई और 186 लोग घायल हो गए.

हाल ही में अल्मोड़ा का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें गुलदार दो महिलाओं पर हमला करते हुए दिखाई दिया था. उधर पिछले कुछ दिनों में ही कुछ बच्चों को गुलदार द्वारा निवाला बनाने की भी घटना हुई है. इन मामलों के सामने आने के बाद जहां लोगों में घटनाओं को लेकर आक्रोश है तो वही मौजूदा स्थिति से निपटने के लिए वन विभाग पर भी खासा दबाव में दिखाई दे रहा है. वन मंत्री सुबोध उनियाल की माने तो लगातार कोशिश की जा रही है कि ऐसे मामलों में कमी लाई जाए और इसके लिए विभाग हर संभव प्रयास करने की कोशिश कर रहा है.
पढ़ें- अल्मोड़ा में तीन सालों में गुलदार ने 50 लोगों पर किया हमला, 6 लोगों को गंवानी पड़ी जान

Last Updated : Dec 3, 2022, 5:45 PM IST
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