देहरादून: क्लेमेंनटाउन कैंट क्षेत्र में उस समय कई बंदर कौतूहल का विषय बन गए जब क्षेत्र में मौजूद एक बड़ी टंकी के अंदर से इनकी लगातार आवाजें सुनाई देने लगी. खबर है कि इससे पहले पानी में बदबू आने की भी कुछ शिकायत लोगों ने की थी. इसके बाद कैंट क्षेत्र के लोगों ने वन विभाग से संपर्क किया. जिसके बाद बमुश्किल टंकी के अंदर फंसे करीब 30 से ज्यादा बंदरों को रेस्क्यू किया गया.
उत्तराखंड के कई क्षेत्रों में वैसे तो बंदरों का आतंक लोगों के लिए मुसीबत बना रहता है लेकिन देहरादून के क्लेमेंनटाउन स्थित कैंट क्षेत्र में भी उसे समय यह बंदर लोगों के लिए चिंता का सबब बन गए जब क्षेत्रवासियों को पता चला कि जिस टंकी के पानी की सप्लाई उनके घरों में होती है उसमें बड़ी संख्या में बंदर फंसे हुए हैं. खबर तो यहां तक है कि कुछ लोगों ने पानी में बदबू आने तक की भी शिकायत की थी. इसके साथ ही टंकी के अंदर से बंदरों की तेज आवाज सुनाई देने लगी. इसके बाद कैंट क्षेत्र में पानी सप्लाई करने वाले कर्मचारी की सांस अटक गई. कैंट प्रशासन की तरफ से वन विभाग को संपर्क कर बंदरों को रेस्क्यू करने के लिए बुलाया गया.
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वन विभाग की टीम के साथ आशारोड़ी क्षेत्र के रेंज ऑफिसर के नेतृत्व में QRT टीम के सदस्य भी यहां पहुंचे. मगर क्षेत्र में मौजूद इस बड़ी टंकी से बंदरों को बाहर निकलना इतना आसान नहीं था. बमुश्किल कर्मचारी टंकी के ऊपर चढ़े. तब उन्होंने देखा टंकी का ढक्कन खुला हुआ है. टंकी के अंदर से एक दो नहीं बल्कि कई बंदरों की आवाज़ आ रही है. पहले टीम ने बंदरों को निकालने के लिए टंकी के अंदर जाने का फैसला किया, हालांकि इस दौरान बंदरों की तरफ से टीम पर हमला होने की आशंका भी थी. खासतौर पर इसलिए भी क्योंकि टंकी के अंदर बंदर और उनके बच्चे भी मौजूद थे. लिहाजा इस टीम के अंदर जाने पर बंदर खतरा भांपते हुए भी हमला कर सकते थे.
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बड़ी बात यह भी है कि कुछ लोग इन बंदरों के करीब दो या तीन दिन पहले से ही इस टंकी के अंदर फंसे होने की बात कह रहे हैं. बताया जा रहा है की टंकी का ढक्कन खुला हुआ था. एक बंदर के इसमें जाने के बाद बंदरों का पूरा ग्रुप ही इसके अंदर जा घुसा और फंस गया. इसके बाद वन विभाग की टीम ने इन बंदरों को रेस्क्यू करनेके लिए टंकी के अंदर जाने की बजाय एक बड़ी सीढ़ी टंकी के भीतर लगाने का फैसला किया. जिससे बंदर खुद इस सीढ़ी के सहारे बाहर आ सके. वन विभाग की तरकीब कामयाब भी हुई. कुछ ही देर बाद दर्जनों बंदर सीढ़ी के जरिए एक के बाद एक टंकी से बाहर आ निकले. इसके बाद भी बंदर का एक बच्चा अंदर फंसा रह गया. जिसे बाद में रेस्क्यू किया गया.