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उत्तराखंड में तीन गुना बढ़ी पर्यटकों का संख्या, शासन का नए पर्यटक स्थल विकसित करने पर जोर

13 जिले, 13 नए पर्यटक स्थल योजना अब धीरे-धीरे अंजाम की ओर पहुंच रही है. इस योजना को मुकाम पर पहुंचाने के लिए शासन तेजी से काम कर रहा है.

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Published : Aug 5, 2019, 5:14 PM IST

देहरादून: साल 2000 में उत्तराखंड राज्य बनने के बाद से अभी तक प्रदेश में कोई नया पर्यटक स्थल विकसित तो नहीं हो पाया, लेकिन इन 19 सालों में उत्तराखंड की खूबसूरत वादियों में घूमने आने वाले सैलानियों की संख्या में काफी इजाफा हुआ है. राज्य गठन के बाद जहां हर साल करीब एक करोड़ सैलानी उत्तराखंड घूमने आते थे तो वहीं यह आंकड़ा अब 3 करोड़ 75 लाख के पार पहुंच गया है. इसी के साथ शासन 13 जिले 13 डेस्टिनेशन के तहत नए पर्यटक स्थलों को विकसित करने पर जोर दे रहा है.

नए पर्यटक स्थल विकसित करने पर जोर

तीन गुना बढ़ी सैलानियों की संख्या
पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने बताया कि साल 2000 में राज्य गठन के बाद हर साल एक करोड़ सैलानी उत्तराखंड घूमने आते थे, लेकिन वर्तमान समय में इन सैलानियों की संख्या बढ़कर 3 करोड़ 75 लाख के आसपास पहुंच गई है. उत्तराखंड में कई धार्मिक स्थलों के साथ कई ऐसे पर्यटन स्थल भी हैं जहां हर साल लाखों की संख्या में पर्यटक आते हैं.

पढ़ें- डेंगू के लिए स्वास्थ्य विभाग ने चलाया अभियान, लोगों को बताए रोकथाम के उपाय

छोटे-छोटे स्थल हुए हैं विकसित
पर्यटन सचिव ने बताया कि इस बार उत्तरकाशी के यमुनाघाटी में सभी एडवेंचर टूरिज्म फुल थे. इसके साथ ही नैनीताल में जो पार्किंग की समस्या आ रही है उसके चलते नैनीताल के आसपास भीमताल और मुक्तेश्वर जैसे पर्यटन स्थल विकसित हो गए हैं. अधिकांश पर्यटक अब मुनस्यारी भी जा रहे है. प्रदेश में कई पर्यटन स्थलों का विकास हुआ है. जिसमें छोटे-छोटे रिजॉर्ट और योगा आश्रम बने हुए है. हालांकि ये पर्यटन गंतव्य के रूप में नहीं मानते हैं, लेकिन यहां काफी मात्रा में पर्यटक पहुंचते हैं.

पढ़ें- ETV भारत पर खबर दिखाए जाने के बाद जागा प्रशासन, आनन-फानन में रूपिन नदी पर बनवाया अस्थायी पुल

नए पर्यटक स्थल विकसित करने पर जोर
पुराने पर्यटक स्थलों पर सीजन के समय काफी भीड़ हो जाती है. इसी को ध्यान में रखते हुए शासन ने 13 जिले 13 नए डेस्टिनेशन को विकसित करने का निर्णय लिया था. उसी के तहत बड़ी योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है. जिसके प्रति लोगों में काफी रुचि है और भारी मात्रा में लोग आना चाहते हैं. इसके साथ ही तमाम व्यापारी वहां निवेश भी करना चाहते हैं. इसी तरह नए पर्यटन स्थलों को विकसित करने के लिए शासन जोर दे रहा है. जिस पर कार्य तीव्र गति से चल रहा है.

देहरादून: साल 2000 में उत्तराखंड राज्य बनने के बाद से अभी तक प्रदेश में कोई नया पर्यटक स्थल विकसित तो नहीं हो पाया, लेकिन इन 19 सालों में उत्तराखंड की खूबसूरत वादियों में घूमने आने वाले सैलानियों की संख्या में काफी इजाफा हुआ है. राज्य गठन के बाद जहां हर साल करीब एक करोड़ सैलानी उत्तराखंड घूमने आते थे तो वहीं यह आंकड़ा अब 3 करोड़ 75 लाख के पार पहुंच गया है. इसी के साथ शासन 13 जिले 13 डेस्टिनेशन के तहत नए पर्यटक स्थलों को विकसित करने पर जोर दे रहा है.

नए पर्यटक स्थल विकसित करने पर जोर

तीन गुना बढ़ी सैलानियों की संख्या
पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने बताया कि साल 2000 में राज्य गठन के बाद हर साल एक करोड़ सैलानी उत्तराखंड घूमने आते थे, लेकिन वर्तमान समय में इन सैलानियों की संख्या बढ़कर 3 करोड़ 75 लाख के आसपास पहुंच गई है. उत्तराखंड में कई धार्मिक स्थलों के साथ कई ऐसे पर्यटन स्थल भी हैं जहां हर साल लाखों की संख्या में पर्यटक आते हैं.

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छोटे-छोटे स्थल हुए हैं विकसित
पर्यटन सचिव ने बताया कि इस बार उत्तरकाशी के यमुनाघाटी में सभी एडवेंचर टूरिज्म फुल थे. इसके साथ ही नैनीताल में जो पार्किंग की समस्या आ रही है उसके चलते नैनीताल के आसपास भीमताल और मुक्तेश्वर जैसे पर्यटन स्थल विकसित हो गए हैं. अधिकांश पर्यटक अब मुनस्यारी भी जा रहे है. प्रदेश में कई पर्यटन स्थलों का विकास हुआ है. जिसमें छोटे-छोटे रिजॉर्ट और योगा आश्रम बने हुए है. हालांकि ये पर्यटन गंतव्य के रूप में नहीं मानते हैं, लेकिन यहां काफी मात्रा में पर्यटक पहुंचते हैं.

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नए पर्यटक स्थल विकसित करने पर जोर
पुराने पर्यटक स्थलों पर सीजन के समय काफी भीड़ हो जाती है. इसी को ध्यान में रखते हुए शासन ने 13 जिले 13 नए डेस्टिनेशन को विकसित करने का निर्णय लिया था. उसी के तहत बड़ी योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है. जिसके प्रति लोगों में काफी रुचि है और भारी मात्रा में लोग आना चाहते हैं. इसके साथ ही तमाम व्यापारी वहां निवेश भी करना चाहते हैं. इसी तरह नए पर्यटन स्थलों को विकसित करने के लिए शासन जोर दे रहा है. जिस पर कार्य तीव्र गति से चल रहा है.

Intro:साल 2000 में उत्तराखंड राज्य बनने के बाद से अभी तक प्रदेश के भीतर कोई भी नया पर्यटक स्थल तो विकसित नहीं हो पाया है लेकिन बीते इन 19 सालों में उत्तराखंड की खूबसूरत वादियों में घूमने आने वाले सैलानियों की संख्या में काफी इजाफा हुआ है। राज्य गठन के बाद जहां हर साल करीब एक करोड़ सैलानी उत्तराखंड घूमने आते थे तो वहीं यह आंकड़ा 3 करोड़ 75 लाख के पार पहुंच गया है। इसके साथ भी शासन 13 जिले 13 डेस्टिनेशन के तहत नए पर्यटक स्थलों को विकसित करने पर जोर दे रहा है। 


Body:साढ़े तीन गुना बढ़ा है सैलानियों की संख्या......

पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने बताया कि साल 2000 में राज्य गठन के बाद हर साल एक करोड़ सैलानी उत्तराखंड घूमने आते थे लेकिन लेकिन वर्तमान समय मे इन सैलानियों की संख्या बढ़कर 3 करोड़ 75 लाख पहुच गयी है। जो कि राज्य गठन के बाद साढ़े तीन गुना से भी अधिक है। और यहाँ यात्री सिर्फ कावड़ और कुम्भ मेले के लिए नहीं आते है, बल्कि प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर जाते है। और वहाँ के पर्यटन स्थलों का आनन्द लेने के साथ वहाँ निवास भी करते है। 


छोटे-छोटे स्थल हुए है विकसित.......

साथ ही पर्यटन सचिव ने बताया कि इस बार उत्तरकाशी के यमुनाघाटी में सभी एडवेंचर टूरिज़म फुल रहे है। और चौपता में भारी मात्रा में यात्रियों के आने की वजह से लोगो को रहने की जगह नही थी। इसके साथ ही नैनीताल में जो पार्किंग की समस्या आ रही है, उसके चलते नैनीताल के आस-पास भीमताल, मुक्तेश्वर जैसे पर्यटक स्थल विकसित हो गए हैं यहां तक कि अब लोग मुंसियारी भी जा रहे हैं। और काफी लंबे समय तक वहां निवास भी कर रहे हैं। हालांकि प्रदेश में तमाम ऐसे स्थान हैं जिनका विकास हुआ है जिसमें छोटे-छोटे रिजॉर्ट बने हुए हैं, योगा आश्रम बने हैं जहा भारी मात्रा में पर्यटक पहुंचते हैं। हालांकि इनको पर्यटन गंतव्य के रूप में नहीं मानते हैं लेकिन यहां भारी मात्रा में पर्यटक पहुंचते हैं। 


नए पर्यटक स्थल विकसित करने पर जोर......

पर्यटन सचिव ने बताया कि उत्तराखंड राज्य में हमेशा से ऐसी स्थिति बनी रही है। साथ ही बताया कि पहले से चले आ रहे जो पर्यटन गंतव्य स्थल थे उसमें सेचुरेशन की स्थिति आयी हुई है जिस वजह से तमाम स्थलों में जाम लगा हुआ है। जिसको देखते हुए शासन ने 13 जिला में 13 नए डेस्टिनेशन को विकसित करने का निर्णय लिया था। उसी के तहत बड़ी योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है, एक नया पर्यटन क्षेत्र विकसित हो रहा है। जिसके प्रति लोगों में काफी रुचि है और भारी मात्रा में लोग आना चाहते हैं इसके साथ ही तमाम व्यापारी वहां निवेश भी करना चाहते हैं। इसी तरह नए पर्यटकों स्थल को विकसित करने को लेकर शासन जोर दे रहा है। जिस पर कार्य तीव्र गति से कल रहा है। 


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