ऋषिकेश: अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की पूर्व संध्या पर 'स्त्री वरदान' 'चुप्पी तोड़ो स्त्रीत्व से नाता जोड़ो' कार्यक्रम का शुभारंभ महामहिम राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने एम्स में कर दिया है. इस कार्यक्रम के तहत महिलाओं को अपनी निजी बीमारियों के लिए खुलकर डॉक्टर के सामने आने के लिए प्रेरित किया जाएगा, जिससे समय पर उनकी बीमारियों का इलाज एम्स में नि:शुल्क रूप से किया जा सके.
महिलाओं को जागरूक करने के लिए एम्स की ओर से पूरे राज्य में 300 महिला वॉलिंटियर को भी ट्रेनिग देकर जोड़ा गया है. दिलचस्प बात यह है कि महिलाओं के लिए देश मे यह पहला कार्यक्रम शुरू हुआ है. राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने एम्स की इस पहल पर जमकर सराहना की है. उन्होंने कहा कि महिलाएं अपने स्वास्थ्य के प्रति गंभीर नहीं रहती हैं. एम्स की इस पहल से महिलाओं को बेहतर स्वास्थ्य मिलेगा ऐसा उन्हें विश्वास है.
बता दें, महिलाओं की निजी बीमारियों का इलाज एम्स में बिल्कुल निःशुल्क होगा. यदि किसी वजह से रुपयों की जरूरत पड़ती है तो उसके लिए हंस फाउंडेशन की ओर से भी मदद दी जाएगी. हंस फाउंडेशन की माता मंगला देवी ने बताया कि फाउंडेशन उत्तराखंड ही नहीं बल्कि पूरे देश में लोगों की जरूरतों को पूरा करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है, लेकिन उत्तराखंड की महिलाओं के लिए एम्स की जो नई पहल शुरू हुई है. उसके लिए महिलाओं के इलाज पर होने वाले खर्च काव्या अभी फाउंडेशन अपनी तरफ से करने की पूरी कोशिश करेगा.
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स्त्री वरदान कार्यक्रम के निदेशक डॉ. नवनीत मग्गो ने बताया कि इस कार्यक्रम के चलाने का मकसद महिलाओं को उनके निजी स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना है, जिससे कि ज्यादा से ज्यादा महिलाएं जागरूक होकर समय से अपनी निजी बीमारियों का इलाज कर सके और वह स्वस्थ भारत बनाने की दिशा में जो कदम एम्स ने उठाई हैं. वह सार्थक हो सके.