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बजट 2020: राज्यपाल के अभिभाषण पर विपक्ष का बवाल, कहा- इससे अच्छा होता है बीडीसी का डाक्यूमेंट

उत्तराखंड विधानसभा बजट सत्र का आगाज राज्यपाल के अभिभाषण के साथ हुआ. अभिभाषण के दौरान विपक्ष ने सदन के भीतर जमकर हंगामा काटा. वहीं, बजट सत्र का विरोध करने पहुंचे प्रदर्शनकारियों को छह किलोमीटर पहले ही सुरक्षा बलों ने रोक दिया.

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Published : Mar 3, 2020, 3:26 PM IST

Updated : Mar 3, 2020, 3:56 PM IST

चमोली: उत्तराखंड विधानसभा बजट सत्र का आगाज हो गया है. भराड़ीसैण स्थित विधानसभा परिसर में पहुंची राज्यपाल बेबी रानी मौर्य को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. इसके साथ ही बजट सत्र के पहले दिन राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने सदन के भीतर अभिभाषण पढ़ा. हालांकि, अभिभाषण के दौरान सदन के भीतर विपक्ष ने जमकर हंगामा काटा, लेकिन राज्यपाल ने अभिभाषण पूरा किया. वहीं, सत्र के पहले दिन जनरल/ओबीसी कर्मचारियों के विरोध का सामना करना पड़ा.

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि राज्यपाल का अभिभाषण बहुत ही सराहनीय और मार्गदर्शक है. उन्होंने बताया कि इस बार के बजट में राज्य की मातृ शक्ति का ध्यान रखा गया है. शिशुओं और बालिकाओं से जुड़े मुद्दों को भी लिया गया है. इसके साथ ही विकास के क्षेत्र में लघु उद्योग और ऊर्जा के क्षेत्र समेत अन्य कामों के लिए सरकार की क्या मंशा है, वो बजट में साफ-साफ दिखाई देगी.

ज्यपाल के अभिभाषण की CM ने की तारीफ, विपक्ष ने घेरा.

वहीं, विपक्ष ने राज्यपाल के अभिभाषण पर सवाल खड़े किए हैं. कांग्रेसी विधायक मनोज रावत ने अभिभाषण को सिर्फ एक डॉक्यूमेंट बताया है. साथ ही कहा कि बजट अभिभाषण से अच्छा डॉक्यूमेंट तो बीडीसी का होता है क्योंकि जो ब्लॉक की मीटिंग में लाए जाते हैं. उसमें बहुत ही समझदारी से लिखा जाता है. बावजूद इसके मुख्यमंत्री अभिभाषण की तारीफ कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पिछले वित्तीय वर्ष के अभिभाषण के वादे अभी तक पूरे नहीं कर पाई है.

पढ़ें- उत्तराखंड बजट सत्रः हरदा बोले-सत्ता में आए तो देंगे फ्री बिजली-पानी

जनरल/ओबीसी कर्मचारी संगठन का प्रदर्शन

बजट सत्र के पहले दिन नाराज राज्य कर्मचारियों ने जमकर विरोध किया. विधानसभा का घेराव करने पहुंचे प्रदर्शनकारियों को सुरक्षा बलों ने भराड़ीसैण से छह किलोमीटर पहले ही बैरिकेडिंग लगाकर रोक दिया गया. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने सरकार को काले झंडे भी दिखाए. जिसके बाद पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच तीखी नोक-झोंक भी देखने को मिली. जनरल/ओबीसी कर्मचारी संगठन के अध्यक्ष दीपक जोशी ने कहा कि कर्मचारी संगठन न सिर्फ सुप्रीम कोर्ट की अवमानना के लिए न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे बल्कि पांच मार्च से राज्य की सभी आवश्यक सेवाओं को भी बंद कर दिया जायेगा.

चमोली: उत्तराखंड विधानसभा बजट सत्र का आगाज हो गया है. भराड़ीसैण स्थित विधानसभा परिसर में पहुंची राज्यपाल बेबी रानी मौर्य को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. इसके साथ ही बजट सत्र के पहले दिन राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने सदन के भीतर अभिभाषण पढ़ा. हालांकि, अभिभाषण के दौरान सदन के भीतर विपक्ष ने जमकर हंगामा काटा, लेकिन राज्यपाल ने अभिभाषण पूरा किया. वहीं, सत्र के पहले दिन जनरल/ओबीसी कर्मचारियों के विरोध का सामना करना पड़ा.

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि राज्यपाल का अभिभाषण बहुत ही सराहनीय और मार्गदर्शक है. उन्होंने बताया कि इस बार के बजट में राज्य की मातृ शक्ति का ध्यान रखा गया है. शिशुओं और बालिकाओं से जुड़े मुद्दों को भी लिया गया है. इसके साथ ही विकास के क्षेत्र में लघु उद्योग और ऊर्जा के क्षेत्र समेत अन्य कामों के लिए सरकार की क्या मंशा है, वो बजट में साफ-साफ दिखाई देगी.

ज्यपाल के अभिभाषण की CM ने की तारीफ, विपक्ष ने घेरा.

वहीं, विपक्ष ने राज्यपाल के अभिभाषण पर सवाल खड़े किए हैं. कांग्रेसी विधायक मनोज रावत ने अभिभाषण को सिर्फ एक डॉक्यूमेंट बताया है. साथ ही कहा कि बजट अभिभाषण से अच्छा डॉक्यूमेंट तो बीडीसी का होता है क्योंकि जो ब्लॉक की मीटिंग में लाए जाते हैं. उसमें बहुत ही समझदारी से लिखा जाता है. बावजूद इसके मुख्यमंत्री अभिभाषण की तारीफ कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पिछले वित्तीय वर्ष के अभिभाषण के वादे अभी तक पूरे नहीं कर पाई है.

पढ़ें- उत्तराखंड बजट सत्रः हरदा बोले-सत्ता में आए तो देंगे फ्री बिजली-पानी

जनरल/ओबीसी कर्मचारी संगठन का प्रदर्शन

बजट सत्र के पहले दिन नाराज राज्य कर्मचारियों ने जमकर विरोध किया. विधानसभा का घेराव करने पहुंचे प्रदर्शनकारियों को सुरक्षा बलों ने भराड़ीसैण से छह किलोमीटर पहले ही बैरिकेडिंग लगाकर रोक दिया गया. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने सरकार को काले झंडे भी दिखाए. जिसके बाद पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच तीखी नोक-झोंक भी देखने को मिली. जनरल/ओबीसी कर्मचारी संगठन के अध्यक्ष दीपक जोशी ने कहा कि कर्मचारी संगठन न सिर्फ सुप्रीम कोर्ट की अवमानना के लिए न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे बल्कि पांच मार्च से राज्य की सभी आवश्यक सेवाओं को भी बंद कर दिया जायेगा.

Last Updated : Mar 3, 2020, 3:56 PM IST
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