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चारधाम यात्रा पर HC के फैसले को SC में चुनौती नहीं देगी उत्तराखंड सरकार, करेगी मंथन

नैनीताल हाईकोर्ट ने चारधाम यात्रा पर आगामी 7 जुलाई तक रोक लगाई है. अब मामले में सुनवाई 7 जुलाई को होनी है. ऐसे में नेतृत्व परिवर्तन के बाद उत्तराखंड सरकार चारधाम यात्रा पर मंथन कर हाईकोर्ट में रिव्यू पिटीशन दाखिल कर सकती है.

char dham yatra
चारधाम यात्रा
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Published : Jul 5, 2021, 3:33 PM IST

Updated : Jul 5, 2021, 4:17 PM IST

देहरादूनः उत्तराखंड में नेतृत्व परिवर्तन के बाद चारधाम यात्रा (Chardham Yatra) खोलने को लेकर सरकार फिर से मंथन करेगी. इससे पहले सरकार ने 1 जुलाई से तीन जिलों के लिए यात्रा खोलने का निर्णय लिया था, लेकिन नैनीताल हाईकोर्ट की फटकार के बाद नई एसओपी जारी कर अग्रिम आदेश तक यात्रा बंद करने का फैसला लिया. वहीं, हाईकोर्ट के रोक के फैसले के खिलाफ सरकार सुप्रीम कोर्ट जाने की योजना भी बना रही थी.

बता दें कि नैनीताल हाईकोर्ट ने चारधाम यात्रा (Chardham Yatra) पर 7 जुलाई तक पाबंदी लगाई है. ऐसे में उत्तराखंड सरकार ने यात्रा पर रोक लगाने के हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) जाने की योजना भी बनाई थी. जहां सरकार सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दाखिल करने करने वाली थी.

अब नेतृत्व परिवर्तन के बाद सरकार दोबारा से हाईकोर्ट के फैसले पर विचार करेगी. सरकार सुप्रीम कोर्ट में जाने के बजाय हाईकोर्ट में रिव्यू पिटीशन दाखिल कर सकती है. इसकी जानकारी कैबिनेट मंत्री और शासकीय प्रवक्ता सुबोध उनियाल ने दी है.

ये भी पढ़ेंः तीरथ को लगा केदारनाथ का श्राप, इसलिए गंवानी पड़ी कुर्सी: तीर्थ पुरोहित

1 जुलाई से तीन जिलों के लिए यात्रा शुरू करने का लिया था निर्णय

उत्तराखंड कैबिनेट ने चारधाम यात्रा संबंधित जिलों के लोगों के लिए खोलने का निर्णय लिया था. एक जुलाई से चमोली के लोगों के लिए बदरीनाथ धाम, रुद्रप्रयाग के लोगों के लिए केदारनाथ धाम और उत्तरकाशी जिले के लोगों के लिए गंगोत्री, यमुनोत्री के दर्शन करने की अनुमति दी थी. वहीं, दूसरे चरण की यात्रा 11 जुलाई से प्रदेशवासियों के लिए शुरू करने की भी बात कही गई थी.

हाईकोर्ट की फटकार के बाद राज्य सरकार ने लिया यू-टर्न

नैनीताल हाईकोर्ट के आदेश के बाद सरकार ने फिर से नई एसओपी जारी की. इसके तहत राज्य सरकार ने अग्रिम आदेशों तक चारधाम यात्रा को स्थगित कर दिया. बीते 28 जून को नैनीताल हाईकोर्ट ने चारधाम यात्रा को खोलने के फैसले पर सुनवाई की थी, जिसमें खुद मुख्य सचिव ओम प्रकाश शामिल रहे. नैनीताल हाईकोर्ट ने स्पष्ट तौर पर चारधाम यात्रा पर सरकार की तैयारियां व कोविड-19 जोखिम को लेकर सवाल किए.

ये भी पढ़ेंः सरकार का यू-टर्न, चारधाम यात्रा पर अगले आदेश तक रोक

वहीं, सरकार के जवाब से संतुष्ट न होकर नैनीताल हाईकोर्ट ने चारधाम यात्रा को स्थगित करने के आदेश दिए थे. इसके बावजूद भी मुख्य सचिव कार्यालय से जारी हुई एसओपी में चारधाम यात्रा को जारी रखने के आदेश थे. वहीं, अगले दिन ही सरकार अपने फैसले से पलट गई और चारधाम यात्रा स्थगित करने का निर्णय लिया.

हाईकोर्ट में 7 जुलाई को होनी है सुनवाई

नैनीताल हाईकोर्ट ने चारधाम यात्रा पर 7 जुलाई तक रोक लगा दी थी. मामले में फिर से सुनवाई होनी है. हाईकोर्ट ने सरकार को 7 जुलाई को दोबारा से शपथपत्र दाखिल करने को कहा है. कोर्ट ने चार धामों की लाइव स्ट्रीमिंग भी करने को कहा था, जिससे श्रद्धालु घर से ही उनके दर्शन कर सकें.

ये भी पढ़ेंः सरकार अदालत को मूर्ख बनाना बंद करे और जमीनी सच्चाई बताए : हाईकोर्ट

हाईकोर्ट ने आधी-अधूरी जानकारी देने पर न सिर्फ अधिकारियों को फटकार लगाई, बल्कि यात्रा के लिए सरकार की ओर से आरटी-पीसीआर निगेटिव रिपोर्ट लागू करने के फैसले पर सवाल उठाए. कोर्ट ने कहा था कि कुंभ में भी कोरोना जांच में फर्जीवाड़ा हुआ है. ऐसे में चारधाम में सैनिटाइजर आदि का इंतजाम कौन देखेगा? इस दौरान कोर्ट ने कहा था कि 'हमारे लिए श्रद्धालुओं का जीवन महत्‍वपूर्ण है'.

देहरादूनः उत्तराखंड में नेतृत्व परिवर्तन के बाद चारधाम यात्रा (Chardham Yatra) खोलने को लेकर सरकार फिर से मंथन करेगी. इससे पहले सरकार ने 1 जुलाई से तीन जिलों के लिए यात्रा खोलने का निर्णय लिया था, लेकिन नैनीताल हाईकोर्ट की फटकार के बाद नई एसओपी जारी कर अग्रिम आदेश तक यात्रा बंद करने का फैसला लिया. वहीं, हाईकोर्ट के रोक के फैसले के खिलाफ सरकार सुप्रीम कोर्ट जाने की योजना भी बना रही थी.

बता दें कि नैनीताल हाईकोर्ट ने चारधाम यात्रा (Chardham Yatra) पर 7 जुलाई तक पाबंदी लगाई है. ऐसे में उत्तराखंड सरकार ने यात्रा पर रोक लगाने के हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) जाने की योजना भी बनाई थी. जहां सरकार सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दाखिल करने करने वाली थी.

अब नेतृत्व परिवर्तन के बाद सरकार दोबारा से हाईकोर्ट के फैसले पर विचार करेगी. सरकार सुप्रीम कोर्ट में जाने के बजाय हाईकोर्ट में रिव्यू पिटीशन दाखिल कर सकती है. इसकी जानकारी कैबिनेट मंत्री और शासकीय प्रवक्ता सुबोध उनियाल ने दी है.

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1 जुलाई से तीन जिलों के लिए यात्रा शुरू करने का लिया था निर्णय

उत्तराखंड कैबिनेट ने चारधाम यात्रा संबंधित जिलों के लोगों के लिए खोलने का निर्णय लिया था. एक जुलाई से चमोली के लोगों के लिए बदरीनाथ धाम, रुद्रप्रयाग के लोगों के लिए केदारनाथ धाम और उत्तरकाशी जिले के लोगों के लिए गंगोत्री, यमुनोत्री के दर्शन करने की अनुमति दी थी. वहीं, दूसरे चरण की यात्रा 11 जुलाई से प्रदेशवासियों के लिए शुरू करने की भी बात कही गई थी.

हाईकोर्ट की फटकार के बाद राज्य सरकार ने लिया यू-टर्न

नैनीताल हाईकोर्ट के आदेश के बाद सरकार ने फिर से नई एसओपी जारी की. इसके तहत राज्य सरकार ने अग्रिम आदेशों तक चारधाम यात्रा को स्थगित कर दिया. बीते 28 जून को नैनीताल हाईकोर्ट ने चारधाम यात्रा को खोलने के फैसले पर सुनवाई की थी, जिसमें खुद मुख्य सचिव ओम प्रकाश शामिल रहे. नैनीताल हाईकोर्ट ने स्पष्ट तौर पर चारधाम यात्रा पर सरकार की तैयारियां व कोविड-19 जोखिम को लेकर सवाल किए.

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वहीं, सरकार के जवाब से संतुष्ट न होकर नैनीताल हाईकोर्ट ने चारधाम यात्रा को स्थगित करने के आदेश दिए थे. इसके बावजूद भी मुख्य सचिव कार्यालय से जारी हुई एसओपी में चारधाम यात्रा को जारी रखने के आदेश थे. वहीं, अगले दिन ही सरकार अपने फैसले से पलट गई और चारधाम यात्रा स्थगित करने का निर्णय लिया.

हाईकोर्ट में 7 जुलाई को होनी है सुनवाई

नैनीताल हाईकोर्ट ने चारधाम यात्रा पर 7 जुलाई तक रोक लगा दी थी. मामले में फिर से सुनवाई होनी है. हाईकोर्ट ने सरकार को 7 जुलाई को दोबारा से शपथपत्र दाखिल करने को कहा है. कोर्ट ने चार धामों की लाइव स्ट्रीमिंग भी करने को कहा था, जिससे श्रद्धालु घर से ही उनके दर्शन कर सकें.

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हाईकोर्ट ने आधी-अधूरी जानकारी देने पर न सिर्फ अधिकारियों को फटकार लगाई, बल्कि यात्रा के लिए सरकार की ओर से आरटी-पीसीआर निगेटिव रिपोर्ट लागू करने के फैसले पर सवाल उठाए. कोर्ट ने कहा था कि कुंभ में भी कोरोना जांच में फर्जीवाड़ा हुआ है. ऐसे में चारधाम में सैनिटाइजर आदि का इंतजाम कौन देखेगा? इस दौरान कोर्ट ने कहा था कि 'हमारे लिए श्रद्धालुओं का जीवन महत्‍वपूर्ण है'.

Last Updated : Jul 5, 2021, 4:17 PM IST
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