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कैबिनेट फैसला: स्लाटर हाउस संचालन अधिकार सरकार के हाथ, बड़ी कार्रवाई के संकेत - कैबिनेट बैठक

सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट बैठक में बड़ा फैसला लिया गया. जिसके तहत अब स्लाटर हाउस पर पूरा नियंत्रण सरकार का होगा.

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Published : Jan 30, 2020, 2:42 PM IST

Updated : Jan 30, 2020, 2:49 PM IST

देहरादून: सचिवालय में गुरुवार को आयोजित कैबिनेट बैठक में स्लाटर हाउस को लेकर सबसे बड़ा फैसला लिया गया. अब तक जिन स्लाटर हाउस का संचालन नगर निगम के माध्यम से किया जाता था, उन पर अब पूरी तरह से सरकार का नियंत्रण होगा. यानि स्लाटर हाउस खोलने और बंद करने संबंधि फैसले सरकार लेगी.

कैबिनेट बैठक में सबसे अहम फैसला प्रदेश में संचालित हो रहे सभी स्लाटर हाउस को लेकर किया गया. कैबिनेट के बाद शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक ने बताया कि अब तक प्रदेश में स्लाटर हाउस के संचालन को लेकर नगर निगम फैसला लेता था. वहीं, नगर पालिका और नगर पंचायतों में स्लाटर के संचालन के लिए कोई नियमावली नहीं थी, जिसे देखते हुए प्रदेश सरकार द्वारा एक अध्यादेश लाया गया. इस अध्यादेश के बाद प्रदेश के किसी भी इलाके में चल रहे स्लाटर हाउस के संचालन या फिर उसे प्रतिबंध करने का फैसला राज्य सरकार लेगी.

ये भी पढ़ें: CM त्रिवेंद्र ने परिवार के साथ हर्षिकेश नारायण मंदिर में की पूजा-अर्चना

कैबिनेट के इस फैसले का असर प्रदेश के कई बड़े शहरों में देखने को मिलेगा. अटकलें लगायी जा रही हैं कि प्रदेश के मैदानी जिले जिनमें हरिद्वार, उधमसिंह नगर और देहरादून शामिल हैं. यहां पर अवैध स्लाटर हाउस को लेकर जिस तरह से लंबे समय से विरोध के स्वर उठ रहे हैं. उन पर अब जल्द ही बड़ी कार्रवाई हो सकती है.

देहरादून: सचिवालय में गुरुवार को आयोजित कैबिनेट बैठक में स्लाटर हाउस को लेकर सबसे बड़ा फैसला लिया गया. अब तक जिन स्लाटर हाउस का संचालन नगर निगम के माध्यम से किया जाता था, उन पर अब पूरी तरह से सरकार का नियंत्रण होगा. यानि स्लाटर हाउस खोलने और बंद करने संबंधि फैसले सरकार लेगी.

कैबिनेट बैठक में सबसे अहम फैसला प्रदेश में संचालित हो रहे सभी स्लाटर हाउस को लेकर किया गया. कैबिनेट के बाद शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक ने बताया कि अब तक प्रदेश में स्लाटर हाउस के संचालन को लेकर नगर निगम फैसला लेता था. वहीं, नगर पालिका और नगर पंचायतों में स्लाटर के संचालन के लिए कोई नियमावली नहीं थी, जिसे देखते हुए प्रदेश सरकार द्वारा एक अध्यादेश लाया गया. इस अध्यादेश के बाद प्रदेश के किसी भी इलाके में चल रहे स्लाटर हाउस के संचालन या फिर उसे प्रतिबंध करने का फैसला राज्य सरकार लेगी.

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कैबिनेट के इस फैसले का असर प्रदेश के कई बड़े शहरों में देखने को मिलेगा. अटकलें लगायी जा रही हैं कि प्रदेश के मैदानी जिले जिनमें हरिद्वार, उधमसिंह नगर और देहरादून शामिल हैं. यहां पर अवैध स्लाटर हाउस को लेकर जिस तरह से लंबे समय से विरोध के स्वर उठ रहे हैं. उन पर अब जल्द ही बड़ी कार्रवाई हो सकती है.

Intro:एंकर- गुरुवार को हुई कैबिनेट बैठक में स्लाटर हाउस को लेकर सबसे बड़ा फैसला लिया गया। अब तक जिन स्लॉटर हाउस का संचालन नगर निगम के माध्यम से लिया जाता था उन पर अब पूरी तरह से सरकार फैसला लेगी।


Body:वीओ- गुरुवार को हुई कैबिनेट बैठक में सबसे अहम फैसला प्रदेश में संचालित हो रहे सभी वध ग्रहों को लेकर यानी स्लॉटर हाउस को लेकर हुआ कैबिनेट के बाद शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक ने बताया कि अब तक प्रदेश में स्लाटर हाउस को लेकर के संचालन को लेकर नगर निगम में नगर निगम फैसला लेता था तो वहीं नगर पालिका और नगर पंचायतों में स्लाटर हो संचालन के लिए कोई नियमावली नहीं थी जिसे देखते हुए प्रदेश सरकार द्वारा एक अध्यादेश लाया गया जिसके बाद अब प्रदेश के किसी भी इलाके में चल रहे स्लाटर हाउस के संचालन या फिर उसे प्रतिबंध करने का फैसला राज्य सरकार का विशेष फैसला होगा।

कैबिनेट के इस फैसले के बाद का असर प्रदेश के कई बड़े शहरों में देखने को मिलेगा। अटकलें लगाई जा रही है कि प्रदेश के मैदानी जिले जिनमें हरिद्वार उधमसिंह नगर और देहरादून शामिल है यहां पर अवैध स्लाटर हाउस को लेकर जिस तरह से लंबे समय से विरोध के स्वर उठ रहे हैं उन पर अब जल्द ही बड़ी कार्रवाई हो सकती है।


Conclusion:
Last Updated : Jan 30, 2020, 2:49 PM IST
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