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ट्रैकिंग के लिए सरकार बना सकती है नीति, हादसों को लेकर सजग हुई सरकार

प्रदेश में हजारों सैलानी ट्रैकिंग का लुफ्त उठाने के लिए प्रदेश की ओर रुख करते हैं. साथ ही ट्रैकिंग में नियमों का पालन न कर पाने के कारण हादसों के शिकार हो जाते है.

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Published : Jul 10, 2019, 8:46 AM IST

Updated : Jul 10, 2019, 9:40 AM IST

ट्रैकिंग के लिए सरकार बना सकती है नई रणनीति.

देहरादून: प्रदेश में पर्यटन के लिहाज से अपार संभावना होने के कारण यहां हर साल करोड़ों सैलानी पहाड़ों की ओर रुख करते हैं. पहाड़ों की खूबसूरत और मनमोहक वादियां पर्यटकों को ट्रैकिंग करने के लिए आमंत्रित करती हैं. लेकिन अभी तक राज्य सरकार ट्रैकिंग को लेकर कोई नीति नहीं बना पाई है, जिससे आए दिन लगातार हादसे होते रहते हैं, ऐसे में अब राज्य सरकार जल्द ही ट्रैकिंग को लेकर नीति बना सकती है.

ट्रैकिंग के लिए सरकार बना सकती है नई रणनीति.

प्रदेश में हजारों सैलानी ट्रैकिंग का लुफ्त उठाने के लिए प्रदेश की ओर रुख तो करते हैं, लेकिन ट्रैकिंग के दौरान हादसे के कारण तमाम परेशानियों का सामना करते हैं. बता दें कि ट्रैकिंग करने के लिए यहां सैलानियों को परमिट लेना अनिवार्य होता है कि पर्यटक किस स्थान पर जा रहे हैं, उसकी जानकारी भी होती है. बावजूद इसके सैलानी नियमों के विपरीत इधर-उधर चले जाते हैं जिस वजह से वो वहां फंस जाते हैं. लिहाजा ट्रैकिंग करने आ रहे सैलानियों को सावधानी बरतने के साथ ही सीमित जगहों पर ही जाना चाहिए, जिससे ट्रैकर्स के साथ कोई अनहोनी घटना न हो पाए.

ये भी पढ़ें: गांव के नाम तो स्वीकृत हुई सड़क, लेकिन पहुंची दूसरे गांव, विरोध में उतरे ग्रामीण

मुख्य सचिव उत्पल कुमार ने बताया कि जो सैलानी उत्तराखंड में ट्रैकिंग करने आ रहे हैं, उनका स्वागत है. अगर ट्रैकर्स को किसी भी प्रकार की दिक्कत होती है तो शासन उन परेशानियों को दूर करने का प्रयास करती है. जो ट्रैकर्स ट्रैकिंग के लिए आते हैं उनको ये परमिट लेना जरूरी ले लेना चाहिए. साथ ही ट्रैकर्स स्थानीय प्रशासन के साथ भी संपर्क बनाए रखें, जिससे प्रशासन को उनकी पूरी जानकारी हो.

देहरादून: प्रदेश में पर्यटन के लिहाज से अपार संभावना होने के कारण यहां हर साल करोड़ों सैलानी पहाड़ों की ओर रुख करते हैं. पहाड़ों की खूबसूरत और मनमोहक वादियां पर्यटकों को ट्रैकिंग करने के लिए आमंत्रित करती हैं. लेकिन अभी तक राज्य सरकार ट्रैकिंग को लेकर कोई नीति नहीं बना पाई है, जिससे आए दिन लगातार हादसे होते रहते हैं, ऐसे में अब राज्य सरकार जल्द ही ट्रैकिंग को लेकर नीति बना सकती है.

ट्रैकिंग के लिए सरकार बना सकती है नई रणनीति.

प्रदेश में हजारों सैलानी ट्रैकिंग का लुफ्त उठाने के लिए प्रदेश की ओर रुख तो करते हैं, लेकिन ट्रैकिंग के दौरान हादसे के कारण तमाम परेशानियों का सामना करते हैं. बता दें कि ट्रैकिंग करने के लिए यहां सैलानियों को परमिट लेना अनिवार्य होता है कि पर्यटक किस स्थान पर जा रहे हैं, उसकी जानकारी भी होती है. बावजूद इसके सैलानी नियमों के विपरीत इधर-उधर चले जाते हैं जिस वजह से वो वहां फंस जाते हैं. लिहाजा ट्रैकिंग करने आ रहे सैलानियों को सावधानी बरतने के साथ ही सीमित जगहों पर ही जाना चाहिए, जिससे ट्रैकर्स के साथ कोई अनहोनी घटना न हो पाए.

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मुख्य सचिव उत्पल कुमार ने बताया कि जो सैलानी उत्तराखंड में ट्रैकिंग करने आ रहे हैं, उनका स्वागत है. अगर ट्रैकर्स को किसी भी प्रकार की दिक्कत होती है तो शासन उन परेशानियों को दूर करने का प्रयास करती है. जो ट्रैकर्स ट्रैकिंग के लिए आते हैं उनको ये परमिट लेना जरूरी ले लेना चाहिए. साथ ही ट्रैकर्स स्थानीय प्रशासन के साथ भी संपर्क बनाए रखें, जिससे प्रशासन को उनकी पूरी जानकारी हो.

Intro:उत्तराखंड राज्य में पर्यटन के लिहाज से अपार संभावना है यही वजह है कि हर साल करोड़ों सैलानी उत्तराखंड की तरफ रुख करते हैं और उत्तराखंड की खूबसूरत और मनमोहने वाली वादियां पर्यटकों को खूब भाती हैं यही नहीं उत्तराखंड राज्य उन हिमालय क्षेत्रों में शुमार है जहां ट्रेकिंग की भी अपार संभावनाएं हैं। जिस वजह से हर साल सैकड़ो सैलानी ट्रैकिंग करने आते हैं। लेकिन अभी तक राज्य सरकार ट्रैकिंग को लेकर कोई नीति नहीं बना पाई है। लेकिन उम्मीद है कि जल्द ही राज्य सरकार ट्रैकिंग की नीति बना सकती है।



Body:उत्तराखंड पहुंचकर हजारों सैलानी ट्रैकिंग का लुफ्त उठाते हैं लेकिन पिछले तमाम दिनों में हुई ट्रैकिंग के दौरान हादसे की वजह से तमाम ट्रैकर्स को परेशानियों का सामना करना पड़ा लेकिन कहीं ना कहीं ट्रैकर्स के साथ हो रहे हादसे का जिम्मेदार खुद ट्रेकर्स ही हैं। क्योंकि ट्रैकिंग करने के लिए यहां सैलानियों को परमिट लेना होना है और उसमें किस स्थान पर जा रहे है उसकी जानकारी भी होती है। बावजूद इसके सैलानी नियमों के विपरीत इधर-उधर चले जाते हैं जिस वजह से वो वहां फंस जाते हैं। लिहाजा ट्रैकिंग करने आ रहे सैलानियों को सावधानी बरतने के साथ ही सीमित जगहों पर ही जाना चाहिए। ताकि ट्रैकर्स के साथ कोई अनहोनी घटना ना हो पाए।


वहीं मुख्य सचिव उत्पल कुमार ने बताया कि जो सैलानी उत्तराखंड में ट्रैकिंग करने आ रहे हैं उनका स्वागत है। और अगर ट्रैकर्स को किसी भी प्रकार की दिक्कत होती है तो शासन पूरा प्रयास करती है कि उनके परेशानियों को दूर किया जाए। लेकिन जो ट्रैकर्स यह आते है उनको जरूरी है कि यह से परमिट ले, और जिस स्थान के लिए परमिट लिया है उसी स्थान पर जाए। इसके साथ ही ट्रैकर्स स्थानीय प्रशासन के साथ भी संपर्क बनाए रखें, जिससे प्रशासन को उनकी पूरी जानकारी हो। साथ ही कहा कि अगर ट्रैकिंग में अगर कोई दिक्कत हो तो तत्काल प्रभाव से रेस्क्यू या फिर सुविधाएं मुहैया कराया जा सके। 

बाइट - उत्पल कुमार सिंह, मुख्य सचिव


Conclusion:
Last Updated : Jul 10, 2019, 9:40 AM IST
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