ऋषिकेश: राजकीय चिकित्सालय ऋषिकेश के रेडियोलॉजी डॉ यूएस खरोला को मन्नत नाम का प्राइवेट डायग्नोस्टिक सेंटर चलाते हुए पकड़ा गया है. एसडीएम की अचानक छापेमारी के दौरान इस मामले का खुलासा हुआ है. एसडीएम ने मन्नत डायग्नोस्टिक सेंटर (Mannat Diagnostic Centre) को सील कर दिया है. डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई के लिए भी रिपोर्ट डीएम को भेजी है. एसडीएम ने बताया कि उनको काफी दिनों से इसकी शिकायत मिल रही थी.
बता दें, एसडीएम शैलेंद्र सिंह नेगी (SDM Shailendra Singh Negi) सोमवार को अपनी पूरी टीम के साथ अचानक देहरादून रोड स्थित मन्नत डायग्नोस्टिक सेंटर में छापेमारी करने पहुंचे. मौके पर डायग्नोस्टिक सेंटर के संचालक डॉ उत्तम खरोला मिले, जो वर्तमान समय में राजकीय चिकित्सालय के रेडियोलॉजी विभाग में सरकारी डॉक्टर के पद पर तैनात हैं. एसडीएम की छापेमारी से डॉक्टर बौखला गए और वह जांच को प्रभावित करने की कोशिश करते हुए भी दिखाई दिए.
एसडीएम ने जब डॉक्टर खरोला से सरकारी ड्यूटी के दौरान नदारद होकर प्राइवेट डायग्नोस्टिक सेंटर चलाने के संबंध में सवाल जवाब किए, तो वह अपनी बगलें झांकने लगे. डायग्नोस्टिक सेंटर में मौजूद मरीजों से पूछताछ करने पर पता चला कि डॉक्टर खरोला सरकारी अस्पताल में केवल नाम के लिए ड्यूटी करते हैं. सरकारी अस्पताल में आने वाले मरीजों को वह अपने प्राइवेट मन्नत डायग्नोस्टिक सेंटर में अल्ट्रासाउंड कराने के लिए भेजते हैं.
उप जिलाधिकारी द्वारा सरकारी चिकित्सक द्वारा कार्यालय समय में निजी क्लीनिक में प्रैक्टिस करने और निजी क्लीनिक के नियमित रूप से संचालित होने पर तत्काल डॉ प्रदीप कुमार चंदोला मुख्य चिकित्सा अधीक्षक राजकीय चिकित्सालय ऋषिकेश को मौके पर बुलाया गया. साथ ही कोतवाली ऋषिकेश से फोर्स बुलाई गई. नियम विरुद्ध संचालित के किए जा रहे मन्नत डायग्नोसिस सेंटर देहरादून रोड ऋषिकेश को तत्काल प्रभाव से सील कर दिया गया है. इसके साथ ही राजकीय चिकित्सक के कार्यालय समय में निजी क्लीनिक चलाने पर विभागीय एवं कानूनी कार्रवाई की संस्तुति करते हुए जिलाधिकारी देहरादून को रिपोर्ट प्रेषित की जा रही है.
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उप जिलाधिकारी ने राजकीय चिकित्सालय ऋषिकेश में रेडियोलॉजी डिपार्टमेंट का निरीक्षण किया गया. निरीक्षण में पाया गया कि रेडियोलॉजी डिपार्टमेंट में डॉक्टर खरोला का कक्ष खाली है. उनके कक्ष में ड्यूटी पर तैनात कार्मिक शैली पवार द्वारा जानकारी दी गई कि डॉ साहब काफी समय से अस्पताल में उपस्थित नहीं हैं. अभिलेखों का निरीक्षण किया गया तो दो पंजिका प्रस्तुत की गई, जिनमें क्रमश 8 और 26 मरीज दर्ज किए गए हैं, जबकि मौके पर एक भी मरीज नहीं पाया गया. मन्नत सेंटर में निरीक्षण के दौरान बड़ी संख्या में मरीज एवं तीमारदार बैठे हुए पाए गए.